कांग्रेस ने अपने संघर्षशील प्रत्याशियों का Video किया जारी, खुद अपनी जुबानी बता रहे संघर्ष की कहानी
लखनऊ, 13 जनवरी: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने गुरुवार को यूपी विधानसभा चुनाव के लिए 125 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की। इन 125 प्रत्याशियों में विधानसभा 50 सीटों पर महिला प्रत्याशियों को उतारा है। वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नामों की घोषणा करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि उम्मादवारों में कुछ समाजसेवी और संघर्षशील महिलाओं को राजनीति में आकर शोषण के विरुद्ध आवाज उठाने का मौका दिया गया है।
इस लिस्ट में उन्नाव रेप पीड़िता की मां भी नाम है, जिनको उन्नाव सदर सीट से प्रत्याशी बनाया है। याद दिला दें कि उन्नाव के बहुचर्चित रेप मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर जेल में हैं। इसी के साथ शाहजहांपुर से आशा वर्कर पूनम पांडेय को भी पार्टी ने चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने चुनिंदा प्रत्याशियों के संघर्ष का वीडियो भी जारी करते हुए कहा कि हमने संघर्षशील उम्मीदवारों को पूरे प्रदेश में नई राजनीति की पहल करने का मौका दिया है।
यूपी में बदलाव का संदेश है।
इसलिए जनता के दिल में कांग्रेस है।।राजनीति संघर्षों को जिताने की; राजनीति वंचितों को ताकत देने की और राजनीति उत्तरप्रदेश को आगे बढ़ाने की।
इसलिए#आ_रही_है_कांग्रेस pic.twitter.com/6dwf5lpJwB
— Congress (@INCIndia) January 13, 2022
जानिए वीडियो में किन लोगों का है जिक्र?
- उन्नाव से आशा सिंह: उन्नाव के माखी कांड की पीड़िता की मां हैं। बहुचर्चित रेप मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर जेल में हैं।
- ओबरा से रामराज गोंड: सोनभद्र में आदिवासियों के नरसंहार के पीड़ित रामराज गोंड को टिकट दिया है।
- शाहजहांपुर से पूनम पांडेय: आशा कार्यकर्ता जिन पर पुलिस ने लाठियां चलाईं थी। प्रदर्शन के दौरान सरकार की दमकमकारी नीति का शिकार बनी थीं।
- इलाहाबाद साउथ से कल्पना निषाद: निषाद समाज के लोगों की नावों पर हमला कर तोड़ने के खिलाफ आवाज उठाने वाली महिला कल्पना निषाद को टिकट।
- लखनऊ मध्य से सदफ जाफर: सदफ जाफर ने सीएए-एनआरसी के वक्त बहुत संघर्ष किया था। सरकार की तरफ से उनके फोटो का पोस्टर छपवाया गया था। यहां तक की वो जेल भी गईं थीं।
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- मोहम्मदी (खीरी) से रितु सिंह: यूपी में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओ की तरफ से उनको खिंचने का वीडियो वायरल हुआ था। नामाकंन भरने के दौरान हिंसा की शिकार हुई थीं।