गोरखपुर-फूलपुर में जीत के बाद लखनऊ में लगा मायावती-अखिलेश का पोस्टर, भाजपा में हलचल
इस बीच लखनऊ में सपा मुख्यालय के बाहर एक ऐसा पोस्टर (होर्डिंग) लगा है, जिसे देखकर यूपी की राजनीति में हलचल मच गई है।
नई दिल्ली। यूपी के उपचुनाव में गोरखपुर और फूलपुर जीतने के बाद इन संभावनाओं को बल मिलने लगा है कि अब आने वाला लोकसभा चुनाव बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मिलकर लड़ेंगे। दोनों दलों के नेताओं ने भले ही आधिकारिक तौर पर कुछ ना कहा हो लेकिन सियासी गलियारों मे गठबंधन को लेकर चर्चा गर्म है। इस बीच लखनऊ में सपा मुख्यालय के बाहर एक ऐसा पोस्टर (होर्डिंग) लगा है, जिसे देखकर यूपी की राजनीति में हलचल मच गई है।
सपा मुख्यालय के बाहर लगा होर्डिंग
शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के नेता तारिक अहमद लारी ने गोरखपुर और फूलपुर में जीत के लिए बधाई देते हुए लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय के बाहर एक होर्डिंग लगाया। इस होर्डिंग में बसपा प्रमुख मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव एक साथ नजर आ रहे हैं। होर्डिंग में मायावती और अखिलेश को एक साथ देखकर आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कयास लगने लगे हैं।
सपा-बसपा के आगे परास्त हुई भाजपा
गौरतलब है कि यूपी की गोरखपुर और फूलपुर सीट पर हुए उपचुनाव में बसपा ने अपना प्रत्याशी ना उतारते हुए सपा के उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान किया था। बसपा के अलावा सपा उम्मीदवार को पीस पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने भी अपना समर्थन दिया। विपक्षी दलों के एक साथ आने से दोनों सीटों पर भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा।
कैराना में भी आ सकते हैं साथ
गोरखपुर और फूलपुर में जीत के बाद अब यूपी की कैराना लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में भी सपा-बसपा के एक साथ उतरने के कयास लग रहे हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि भाजपा सांसद हुकुम सिंह के निधन से खाली हुई कैराना लोकसभा सीट पर उपचुनाव में बसपा अपना प्रत्याशी उतारेगी और सपा अपना समर्थन देगी। हालांकि इसे लेकर आधिकारिक तौर पर अभी कुछ नहीं कहा गया है।
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