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UP में गरमा रहा मदरसों के सर्वे का मुद्दा, समझिए मुस्लिम समाज की आशंकाएं कैसे दूर करेगा MRM

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लखनऊ, 09 सितंबर: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में मदरसों का सर्वे कराने का निर्णय लिया है। इस फैसले के बाद से ही ये मामला लगातार गरमाता जा रहा है। एक तरफ जहां कुछ मुस्लिम संगठन इसके विरोध में उतर गए हैं वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय सेवक संघ (RSS) के आनुसांगिक संगठन भी इस घमासान में कूद गए हैं। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने अब यूपी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि इसको लेकर मुस्लिम समुदाय में जो भ्रम फैलाया जा रहा है उसको दूर करने के लिए एक अभियान चलाया जाएगा। हालांकि यूपी सरकार के आदेश के बाद शनिवार से मदरसों का सर्वे शुरू होगा जिसपर सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी अपनी नजर बनाए हुए हैं।

मुस्लिम समुदाय की आशंकाएं दूर करने के लिए चलेगा अभियान

मुस्लिम समुदाय की आशंकाएं दूर करने के लिए चलेगा अभियान

दरअसल, अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) और दारुल-उलूम देवबंद की जमीयत के विरोध बाद यह मामला और गरमा गया है। शनिवार से शुरू हो रहे राज्यव्यापी मदरसा सर्वेक्षण के समर्थन में आरएसएस समर्थित मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) सामने आया है। इस संगठन ने सर्वेक्षण को सही दिशा में उठाया गया एक कदम करार दिया है। यहां तक ​​​​कि भाजपा मदरसा मालिकों और शिक्षकों के बीच एक अभियान चलाएगा जिससे उनकी "आशंकाओं को दूर करने" की कोशिश की जा सके।

प्रमुख सचिव संजय प्रसाद से मिला था एमआरएम का डेलिगेशन

प्रमुख सचिव संजय प्रसाद से मिला था एमआरएम का डेलिगेशन

इसको लेकर प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद से एमआरएम के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद एमआरएम नेताओं ने कहा कि यूपी में कई अपंजीकृत मदरसे हैं, और इन सभी को मान्यता देने की आवश्यकता है। वे सभी मदरसे ठीक से चलाए जा रहे हैं जो सरकारी मदद के पात्र हैं। इन मदरसों में नामांकित छात्रों को आधुनिक शिक्षा सुनिश्चित करना है ताकि वे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के बाद देश की मदद कर सकें।

मदरसे के मालिकों तक पहुंचेगा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच

मदरसे के मालिकों तक पहुंचेगा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच

एमआरएम नेताओं ने कहा कि प्रमुख सचिव ने हमें बताया कि सर्वेक्षण के बाद, जो मदरस ठीक से चल रहे हैं, उन्हें सरकारी अनुदान दिया जाएगा और उनके संस्थानों में आधुनिक शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी। एक तरफ जहां शनिवार से सर्वेक्षण की कवायद चल रही है, भाजपा बिजनौर में मदरसा मालिकों तक पहुंचने और उनको सर्वे का मकसद बताने का अभियान शुरू करेगी। इसके बाद लखनऊ में एक बड़ा अभियान 24 सितंबर के आसपास चलाया जाएगा।

यूपी में दस सितंबर से शुरू होगा सर्वेक्षण

यूपी में दस सितंबर से शुरू होगा सर्वेक्षण

इस बीच जब दारुल उलूम देवबंद ने अपनी रणनीति पर चर्चा करने के लिए मदरसों की एक बैठक बुलाई है। हालांकि, आरएसएस समर्थित एमआरएम के नेताओं का मानना है कि मदरसों के सर्वेक्षण को लेकर अनावश्यक तौर पर विवाद पैदा किया जा रहा है। इस मामले को लेकर यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि 10 सितंबर से सर्वेक्षण की कवायद 25 अक्टूबर तक पूरी हो जाएगी और जिला मजिस्ट्रेट सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।

मदरसों की सेहत सुधारने के लिए कराया जा रहा सर्वे

मदरसों की सेहत सुधारने के लिए कराया जा रहा सर्वे

मंत्री ने कहा कि एक बार जब हमारे पास जमीनी जांच के बाद सटीक संख्याएं होती हैं, तो हम बेहतर, सार्थक नीतियां बना सकते हैं और बुनियादी ढांचे के विकास की योजना बना सकते हैं। हमारी सरकार मुस्लिम युवाओं को सर्वोत्तम शिक्षा देना चाहती है और सर्वेक्षण के माध्यम से डेटा संग्रह पूरे प्रयास का हिस्सा है। यह तीन चरणों वाला अभ्यास होगा। सर्वे टीमों का गठन किया जाएगा और 10 सितंबर से जिलों का दौरा शुरू होगा। ये टीमें 5 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंपेंगी और बाद में जिला मजिस्ट्रेट इन रिपोर्टों को 25 अक्टूबर तक सरकार को सौंपेंगे।

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English summary
The issue of survey of madrasas is heating up in UP
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