सात मृतकों के 14 लाख रुपये डकार गया श्रम विभाग, DM ने दिए जांच के आदेश
सुल्तानपुर। यूपी श्रम विभाग में घोटालों की परत प्रतिदिन खुलती जा रही है। श्रम विभाग के अहम कागज़ात के हाथ लगने से पता चला है कि 7 मृतक श्रमिकों के 14 लाख रुपये विभाग द्वारा डकार लिए गए हैं। दिलचस्प बात ये कि ये पैसा विभाग के सहायक पटल से लेकर तात्कालिक डीएम संगीता सिंह की साइन से पात्र के बजाय अपात्रों के खातों में भेजा गया है। वर्तमान में आईएएस संगीता सिंह अपर आयुक्त श्रम हैं। इस पूरे मामले में सहायक श्रमायुक्त रामउजागिर द्वारा अधिकारियों को अंधेरे में रखकर घोटाले का अंजाम दिया गया वहीं मामला खुलता देख अब श्रम विभाग ने मामले में लीपापोती भी शुरु कर दी है।
कामगार
अंत्येष्टि
सहायता
योजना
में
उजागर
हुआ
था
घोटाला
वैसे
तो
सुल्तानपुर
का
श्रम
विभाग
कार्यालय
लूट
का
ऐसा
अड्डा
बन
चुका
है
जहाँ
ईंट.
भट्ठों,
होटल
ढाबों
से
लेकर
रजिस्टर्ड
श्रमिकों
से
जमकर
वसूली
की
जा
रही
है।
इतना
ही
नहीं
यदि
किसी
श्रमिक
मौत
हो
जाए
तो
उनके
क्रियाकर्म
के
लिये
विभाग
द्वारा
भेजे
गये
पैसों
में
भी
घोटाला
किया
जा
रहा
है।
पूर्व
में
श्रम
विभाग
द्वारा
रजिस्टर्ड
मृतक
श्रमिकों
के
परिजनों
को
निर्माण
कामगार
अंत्येष्टि
सहायता
योजना
में
लाखों
का
घोटाला
उजागर
हुआ
था।
एक
ही
खाते
पर
कई
के
हुए
पेमेंट
इसी
तरीके
से
बीते
अप्रैल
माह
में
भी
सहायक
श्रमायुक्त
रामउजागिर
यादव
ने
जिलास्तर
में
अधिकारियों
को
अँधेरे
में
रखकर
14
लाख
रुपयों
का
घोटाला
किया
है।
बताते
चले
की
बीते
मार्च
माह
में
कुल
20
मृतक
श्रमिकों
के
परिजनों
को
निर्माण
कामगार
अंत्येष्टि
योजना
के
तहत
लाभ
दिया
जाना
था,
लेकिन
घोटालेबाज
सहायक
श्रमायुक्त
रामउजागिर
द्वारा
ADM
और
DM
द्वारा
जिस
कागज
में
पैसा
पेमेंट
करने
के
लिए
हस्ताक्षर
कराया
गया
उसमें
लाभार्थियों
के
नाम
तो
अलग
अलग
हैं
लेकिन
खाता
एक
ही
है।
कहीं
अलग-अलग
नाम
के
कई
खाते
तो
कहीं
एक
ही
नाम
के
अलग-अलग
खाता
नंबर
पहले
देखिये
सीरियल
नम्बर
2
और
3,
सीरियल
नम्बर
दो
में
लाभार्थी
का
नाम
रामलोचन
और
सीरियल
नम्बर
3
में
लाभार्थी
का
नाम
श्रीमती
हकीम
लिखा
हुआ
है
जबकि
दोनों
के
खाते
एक
ही
हैं।
इसी
तरह
सीरियल
नम्बर-12,13,और
14
में
लाभार्थियों
का
नाम
अलग
अलग
है
जबकि
इन
तीनों
का
खाता
एक
ही
है।
इसी
तरह
सीरियल
नम्बर
19
और
20
में
भी
लाभार्थी
अलग
अलग
और
दोनों
के
खाते
एक
हैं।
दिलचस्प
बात
तो
ये
है
कि
इस
पेपर
पर
सहायक
पटल,
सहायक
श्रमायुक्त
रामउजागिर
यादव
,
अपर
जिलाधिकारी
प्रशासन
और
तात्कालिक
जिलाधिकारी
संगीता
सिंह
के
सिग्नेचर
मौजूद
हैं।
यानी
कि
इतने
बड़े
बड़े
अधिकारियों
से
होते
हुए
ये
पेपर
जिलाधिकारी
तक
पहुँच
गया
और
किसी
ने
भी
इन
खातों
पर
नजर
डालना
जरुरी
नहीं
समझा।
IAS
के
हाथ
भी
सने
गौरतलब
हो
कि
संगीता
सिंह
वर्तमान
में
अपर
आयुक्त
श्रम
है
और
उस
समय
ये
जिलाधिकारी
सुल्तानपुर
थी
जब
उनके
द्वारा
ये
पैसे
पात्रों
के
बजाय
अपात्रों
के
खातो
में
भेजे
गये।
सहायक
श्रमायुक्त
रामउजागिर
के
ऐसे
और
कारनामे
हैं
जिनकी
सही
तरीके
से
जाँच
कराई
जाए
तो
मामला
खुद
ब
खुद
खुल
जायेगा।
DM
ने
किया
3
सदस्यीय
जांच
टीम
का
गठन
खुद
सुल्तानपुर
जिलाधिकारी
विवेक
कुमार
भी
ऐसे
घोटालों
को
देखकर
हैरत
में
हैं।
उनकी
माने
तो
जो
भी
इस
मामले
में
जो
दोषी
होगा
उसके
खिलाफ
कठोर
कार्रवाई
की
जाएगी।
फिर
वो
चाहे
वो
कितना
ही
बड़ा
अधिकारी
क्यों
न
हो।
फिलहाल
जिलाधिकारी
ने
मामले
की
गंभीरता
को
देखते
हुये
3
सदस्यीय
जांच
टीम
का
गठन
कर
दिया
है
जो
एक
हफ्ते
अपनी
जांच
रिपोर्ट
सौंपेगी।
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