ट्रिपल तलाक के खिलाफ यूपी की एक और मुस्लिम महिला ने PM मोदी को लिखी चिट्ठी
सहारनपुर की अतिया साबरी के बाद शगुफ्ता ने भी ट्रिपल तलाक के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है। शगुफ्ता को उसके पति ने बेटा न होने की वजह से तलाक दे दिया था।
सहारनपुर। यूपी में योगी सरकार बनने के बाद ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास अर्जियां पहुंचने लगी हैं। सहारनपुर जिले की एक अन्य महिला ने ट्रिपल तलाक को खत्म करने के लिए पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है और कहा है कि प्रधानमंत्री अपना वादा पूरा करें। शगुफ्ता शाह नाम की महिला को उसके पति ने बेटा न होने की वजह से तलाक दे दिया था।
'गर्भपात
नहीं
कराया
को
घर
से
निकाला'
शगुफ्ता
ने
बताया
कि
उसकी
दो
बेटियां
थीं
और
जब
तीसरी
बार
वह
गर्भवती
हुई
तो
उसके
पति
शमशाद
सईद
ने
उसे
गर्भपात
कराने
के
लिए
कहा।
शमशाद
और
उसके
घर
वाले
एक
और
बेटी
नहीं
चाहते
थे।
शगुफ्ता
ने
मना
किया
तो
शमशाद
और
उसके
परिवारवालों
ने
पहले
उसे
बुरी
तरह
पीटा
और
फिर
एक
दिन
घर
से
निकाल
दिया।
शगुफ्ता
ने
बताया,
'उसने
मुझे
मौखिक
तौर
पर
तलाक
दिया
और
सड़क
पर
मरने
के
लिए
छोड़
दिया।'
READ
ALSO:
क्रिकेटर
महेंद्र
सिंह
धोनी
की
निजी
जानकारी
सोशल
मीडिया
पर
लीक,
पत्नी
ने
केंद्रीय
मंत्री
से
की
शिकायत
बड़े
मुस्लिम
देशों
में
बैन
है
ये
कानून
सहारनपुर
की
अतिया
साबरी
के
बाद
शगुफ्ता
ने
भी
ट्रिपल
तलाक
के
मुद्दे
को
लेकर
प्रधानमंत्री
को
चिट्ठी
लिखी
है।
ट्रिपल
तलाक
शरिया
कानून
के
तहत
आने
वाली
प्रक्रिया
है,
जिसमें
पुरुष
को
यह
अधिकार
दिया
गया
है
कि
वह
तीन
चरणों
में
पत्नी
को
'तलाक'
बोलकर
अलग
हो
सकता
है।
दिलचस्प
बात
ये
है
कि
मुस्लिम
बहुल
आबादी
वाले
पाकिस्तान
और
इंडोनेशिया
में
भी
यह
कानून
सालों
पहले
हटा
दिया
गया
लेकिन
दुनिया
के
तीसरे
सबसे
बड़े
मुस्लिम
आबादी
वाले
देश
भारत
में
यह
कानून
लागू
है।
पुलिस
ने
नहीं
दर्ज
की
एफआईआर
पति
के
घर
से
निकाले
जाने
के
बाद
शगुफ्ता
ने
पुलिस
से
शिकायत
की।
पुलिस
ने
उसकी
कोई
मदद
नहीं
की।
शगुफ्ता
ने
कहा,
'पुलिस
ने
शिकायत
ले
ली
और
मुझे
वादा
किया
कि
वे
लोग
जांच
करेंगे
लेकिन
एफआईआर
दर्ज
नहीं
की
और
हमें
भेज
दिया।'
शगुफ्ता
ने
बताया
कि
शिकायत
के
बाद
से
ही
उसके
पिता
और
भाई
को
धमकी
भरे
फोन
आ
रहे
हैं।
READ
ALSO:
जर्मनी
में
म्यूजियम
से
चोरी
हुआ
100
किलो
सोने
का
सिक्का,
तरीका
जानकर
सब
हैरान
शगुफ्ता ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे गए पत्र की कॉपी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय महिला आयोग के अलावा जिला प्रशासन को भी भेजी हैं।