यूपी: सुप्रीम कोर्ट की निगाह में राम मंदिर नहीं है अहम मुद्दा, हिंदू समाज तंत्र पर बनाएगा दबाव: संत
सुल्तानपुर। यूपी के सुल्तानपुर में विश्व हिंदू परिषद द्वारा एक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें कई संत-महात्माओं ने इसमें भाग लिया। इस दौरान प्रेसवार्ता का आयोजन भी किया गया। प्रेसवार्ता में अखिल भारतीय संत संमिति के राष्ट्रीय महामंत्री महामंडलेश्वर जितेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने अपनी बात रखी। उन्होंने राम मंदिर को लेकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट की निगाह में हिंदुओं का इतना बड़ा मुद्दा प्राथमिकता में नहीं है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या मामले पर सुनवाई टालने से आहत हिंदू समाज लोक के माध्यम से तंत्र पर दबाव बनाएगा।
कांग्रेस का है यह षडयंत्र
शहर के सीताकुंड धाम पर शुक्रवार को आयोजित प्रेसवार्ता में 25 नवम्बर को आयोजित अयोध्या की धर्मसभा की तैयारी की विस्तृत जानकारी दी गई। सरस्वती महाराज ने कहा कि ये देश हिन्दू-मुसलमान के कारण टूटा और दो राष्ट्र बन गया। विभाजन के बाद धर्म के आधार पर कुछ नहीं मिला, उल्टे हिंदुओं के अधिकारों में कटौती की गई। उस समय की सरकारों ने हिन्दू धर्म के विरुद्ध ऐसे एक्ट लाए जिसमें बिना कारण बताए मठ-मन्दिरों को अधिकृत किया जा सकता है। वहीं मुस्लिमों के संगठन चल रहे हैं, जिसका आज तक ऑडिट नहीं कराया गया। यह देश तोड़ने वाला नहीं हैं तो और क्या है? "हिन्दू और मुसलमानों के बीच लड़ाई बनी रहे यह कांग्रेस का षडयंत्र है"। राम मंदिर मुद्दा राजनीतिक लोगों के लिए भले ही चुनावी मुद्दा हो किंतु हिन्दुओं के लिए आस्था का बड़ा मुद्दा है।
काशी प्रांत से 1 लाख कार्यकर्ताओं को अयोध्या ले जाने की हुई तैयारी
विहिप जिला अध्यक्ष नागेंद्र सिंह ने बताया कि संतों के नेतृत्व में विश्व हिंदू परिषद द्वारा 25 नवंबर को अयोध्या में प्रस्तावित धर्मसभा में शामिल होने के लिए काशी प्रांत के कार्यकर्ता कूच करेंगे। काशी प्रांत से 1 लाख कार्यकर्ताओं को अयोध्या ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था कर ली गई है। इसके लिए 1322 बसों के द्वारा 70 हजार कार्यकर्ता अयोध्या जाएंगे। 1546 चार पहिया वाहन से 1हजार कार्यकर्ता धर्म सभा में शामिल होने के लिए अयोध्या जाएंगे। वहीं 7 हजार बाइक से 14 हजार कार्यकर्ता अयोध्या जाएंगे। जबकि ट्रेन से भी 15 हजार कार्यकर्ता अयोध्या पहुंचेंगे।