उत्तर प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

अखिलेश के लिए गले की हड्डी बने गायत्री प्रजापति का किस्सा

आखिर कौन हैं गायत्री प्रजापति जो यादव परिवार के साथ अखिलेश यादव के लिए भी बन गए हैं मुसीबत, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दर्ज हुआ गैंगरेप का मामला

By Ankur
Google Oneindia News

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चुनाव में अखिलेश यादव के सामने एक ऐसी बड़ी मजबूरी थी, जिसे वह चाहकर भी खत्म नहीं कर पा रहे थे। अपने पिता मुलायम सिंह यादव के करीबी गायत्री प्रजापति, जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने गैंगरेप का मामला दर्ज कराने का निर्देश दिया था, उसके लिए अखिलेश यादव का प्रचार करना मजबूरी बन गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी रैलियों में गायत्री प्रजापति के जरिए सपा और अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा था। आखिर बेहद कम समय में कैसे गायत्री प्रजापति ने सत्ता के गलियारों में अपनी पैठ जमाई।

चंद सालों में बनाई अकूत संपत्ति

चंद सालों में बनाई अकूत संपत्ति

गायत्री प्रजापति पहली बार 2012 में कांग्रेस की अमिता सिंह को हराकर विधानसभा पहुंचे थे। कांग्रेस के गढ़ में अनीता सिंह जैसी दिग्गज नेता को हराने के बाद गायत्री प्रजापति ने अपनी ताकत का एहसास पहली बार कराया था, इस जीत के बाद से ही गायत्री प्रजापति ने सियासी सीढ़ियां काफी तेजी से चढ़ी और वह मुलायम सिंह के काफी करीबियों में शामिल हो गए, लेकिन जिस तरह से पिछले वर्ष पार्टी के भीतर परिवार विवाद खड़ा हुआ उसने गायत्री प्रजापति को विवादों में लाकर खड़ा कर दिया। गायत्री प्रजापति एक स्थानीय ठेकेदार थे लेकिन बहुत ही कम समय में बड़े धनाढ्य की श्रेणी में आकर खड़े हो गए।

तेजी से बढ़ा कद, फिर आए विवादों में

तेजी से बढ़ा कद, फिर आए विवादों में

2012 में अखिलेश यादव का पहली बार गायत्री प्रजापति के साथ परिचय हुआ और उन्हें सिंचाई विभाग का जिम्मा मिला इसके अलावा उन्हें खनन मंत्रालय का भी स्वतंत्र प्रभार हासिल हुआ। वर्ष 2014 में गायत्री प्रजापति को कैबिनेट मंत्री बनाया गया जिसके जरिए सपा ने पिछड़ी जातियों को लुभाने की कोशिश की। गायत्री प्रजापति के इस बढ़ते कद के बाद वह मुलायम सिंह के करीब आए। लेकिन जुलाई 2015 में आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने मुलायम सिंह पर आरोप लगाया कि उन्होंने उन्हें जान से मारने की धमकी दी, ठाकुर का दावा था कि मुलायम उनसे और उनकी पत्नी से नाराज थे, जिसके बाद अमिताभ ठाकुर ने गायत्री प्रजापति के खिलाफ अभियान छेड़ दिया। गायत्री प्रजापति के खिलाफ लोकायुक्त के पास 2015 में तीन मामले दर्ज कराए गए जिसमें उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला भी शामिल है, उनपर आरोप लगा कि अवैध खनन के जरिए उन्होंने अकूत संपत्ति बनाई, हालांकि सबूत के अभाव में उनके खिलाफ जांच बंद हो गई।

वर्ष 2016 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश देते हुए सीबीआई को निर्देश दिया कि इस बात का पता लगाए कि अवैध खनन हुआ है या नहीं और इसमें प्रशासन की भूमिका क्या है। जिसके बाद अखिलेश यादव ने गायत्री प्रजापति को कैबिनेट से निष्कासित कर दिया। हालांकि मुलायम सिंह के हस्तक्षेप के बाद उन्हें फिर से कैबिनेट में वापस ले लिया गया।

बेहोश करके महिला से रेप

बेहोश करके महिला से रेप

बुंदेलखंड की महिला ने गायत्री प्रजापति और उनके समर्थकों अशोक तिवारी, पिंटु सिंह, विकास वर्मा, चंद्रपाल, पूरेश और आशीष शुक्ला पर गैंगरेप का आरोप लगाया। महिला का आऱोप है कि इन लोगों ने गायत्री प्रजापति के आधिकारिक निवास 5 गौतम पल्ली पर उसके साथ रेप किया और उसे सैंड माइनिंग में काम करने को कहा। महिला ने अपने शिकायत में कहा कि गायत्री प्रजापति ने मुझसे कहा कि वह उसे हमीरपुर का एक ब्लॉक आवंटित कर देंगे और इन लोगों ने मेरी चाय में कुछ नशीला पदार्थ मिला दिया, महिला का आरोप है कि जब वह बेहोश हो गई तो इन लोगों ने उसके साथ रेप किया।

सालों तक किया महिला के साथ रेप

सालों तक किया महिला के साथ रेप

सालों तक किया महिला के साथ रेप
महिला का आरोप है कि गायत्री प्रजापति और उनके साथियों ने मेरी तस्वीरें खींची और मुझे ब्लैकमेल किया और वह मुझे फिर से गायत्री प्रजापति के पास आने के लिए मजबूर करते थे, महिला ने आरोप लगाया कि इन लोगों ने कई महीने तक मेरा रेप किया। उसने आरोप लगाया कि गायत्री प्रजापति के साथियों ने उसकी 17 साल की बेटी के साथ भी बलात्कार करने की कोशिश की। यही नहीं उसे धमकी भरे फोन आते थे, गायत्री प्रजापति के साथी मुझे और मेरे घरवालों को जान से मारने की धमकी देते थे। महिला के वकील महमूद प्रचा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और पीड़ित महिला व उसकी बेटी डर की वजह से दिल्ली में ही रह रही है।

तमाम धाराओं के तहत दर्ज हुआ मुकदमा

तमाम धाराओं के तहत दर्ज हुआ मुकदमा

महिला का आरोप है कि पहली बार उसके साथ 2014 में रेप किया गया था, जिसके बाद 2016 तक यह सिलसिला जारी रहा, लेकिन जब उसकी बेटी के साथ रेप की कोशिश की गई तो उसने पुलिस से गुहार लगाई। महिला का कहना है कि उसने डीजीपी से भी अक्टूबर 2016 में न्याय की गुहार लगाई थी, जिसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट पहुंची और कोर्ट ने इस मामले में गायत्री प्रजापति व उसके सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने का आदेश दिया। जिसके बाद गायत्री प्रजापति के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 गैंगरेप, 511 रेप की कोशिश, 504 जानबूझकर महिला के साथ छेड़छाड व धारा 506 के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया।

English summary
Saga of Gayatri Prajapati who is accused of gangrape big threat fo SP. Akhilesh Yadav has decided not to campaign for Gayatri Prajapati.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X