रामपुर उपचुनाव: आजम खान का नाम मतदाता सूची से कटा, बीजेपी प्रत्याशी ने की थी शिकायत
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान (Azam Khan) और उनके परिवार की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। अभद्र भाषा के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उनकी विधायकी चली गई थी, तो वहीं अब उनका नाम उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले की मतदाता सूची से हटा दिया गया है। उनके परिवार का कई दशकों से इस सीट पर वर्चस्व था।
दरअसल रामपुर सीट पर उपचुनाव हो रहे, जहां बीजेपी ने आकाश सक्सेना को उम्मीदवार बनाया है। सक्सेना ने आजम खान को लेकर रामपुर निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) के पास एक शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसमें उन्होंने बताया कि आजम को एक मामले में दोषी ठहराया गया है, ऐसे में उनका नाम मतदाता सूची से हटा देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट के आदेश की कॉपी भी लगाई, जिसमें सपा नेता की सजा से जुड़ा फैसला था।
मामले में अधिकारियों ने बताया कि सूची से उनका नाम हटाने का निर्णय रामपुर निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) ने बीजेपी उम्मीदवार की शिकायत पर लिया है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के प्रासंगिक प्रावधानों और पीपुल एक्ट, 1951 के हिसाब से आजम का नाम हटा दिया गया। अभी तक वो विधानसभा 37-रामपुर के क्रम संख्या -333 से मतदाता थे।
हाईकोर्ट
से
राहत
नहीं
वहीं
दूसरी
ओर
हेट
स्पीच
मामले
में
आजम
खान
को
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
से
कोई
राहत
नहीं
मिली।
कोर्ट
ने
आजम
खान
की
ओर
से
दाखिल
याचिका
को
खारिज
कर
दिया।
इसके
पीछे
औचित्य
हीन
हो
जाने
का
तर्क
दिया
गया
है।
Rampur Sadar by election: पसमंदा मुसलमानों के सहारे आजम के गढ़ को भेद पाएगी BJP ?
साढ़े
चार
दशक
बाद
परिवार
के
हाथ
से
गई
सीट
आपको
बता
दें
कि
45
साल
में
पहली
बार
ऐसा
हो
रहा
जब
आजम
खान
के
परिवार
का
कोई
सदस्य
रामपुर
सीट
से
चुनाव
नहीं
लड़
रहा।
हालांकि
सपा
ने
उनके
करीबी
आसिम
रजा
को
मैदान
में
उतारा
है।
वैसे
आजम
की
पत्नी
तजीन
फातिमा
या
उनकी
बहू
इस
सीट
से
लड़
सकती
थीं,
लेकिन
पार्टी
ने
उनका
नाम
आगे
नहीं
किया।