Power Crisis UP: बिजली कर्मियों की हड़ताल का दूसरे दिन आंशिक असर, सख्ती के मूड में सरकार
72-hour statewide strike by up electricity department employees: यूपी में बिजली हड़ताल का आज दूसरा दिन है। हड़ताल को लेकर हड़ताली कर्मचारी और सरकार के बीच बातचीत चल रही है लेकिन अभी इसका नतीजा नहीं निकल पाया है।
statewide power strike in up: उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के कर्मचारियों की ओर से 72 घंटे की राज्यव्यापी हड़ताल के पहले दिन शुक्रवार को जहां उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में आपूर्ति प्रभावित हुई वहीं दूसरे दिन भी कई जिलों में बिजली कटने की समस्याएं सामने आ रही हैं। हालांकि बिजली विभाग के सूत्रों की माने तो कर्मचारियों की हड़ताल का आंशिक असर पड़ा है लेकिन हड़ताली कर्मचारियों का दावा है कि यूपी में हड़ताल की वजह से लगभग 10% बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ है।
मंत्री का दावा- कोई असर नहीं, हड़ताली बोले- बिजली व्यवस्था चरमरायी
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (VKSSS) की ओर से हड़ताल का आह्वान किया गया है। दावा है कि राज्य सरकार अपनी मांगों को पूरा करने में विफल रही है जिसकी वजह से संगठन को ये कदम उठाने के लिए मजबूर होनना पड़ा। वहीं दूसरी ओर सूबे के बिजली मंत्री एके शर्मा ने दावा किया कि हड़ताल का कोई असर नहीं दिखा है। जो लोग माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं उनपर नजर रखी जा रही है। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
शर्मा ने आगे कहा कि,
हम पर 82,000 करोड़ रुपये का कर्ज है और यह राजस्व उत्पन्न करने का समय है, लेकिन इसके बजाय इंजीनियर हड़ताल पर हैं। यह पूरी तरह तर्कहीन है। उनकी मांगों को तुरंत पूरा नहीं किया जा सकता, इसमें समय लगेगा। उनको यह बात समझनी चाहिए।
सरकार और हड़तालियों के बीच बातचीत का दौर जारी
समिति और बिजली विभाग के बीच कई दौर की बातचीत विफल हो चुकी है। बिजली विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि, हड़ताल की वजह से दूसरे दिन फीडर बंद होने की संख्या लगभग दोगुनी हो गई और हड़ताल के कारण बिजली कटौती जारी है। कई जगहों से समस्याओं की शिकायत आई है। शिकायतों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि समिति के दावे पर यकीन करें तो हड़ताल की वजह से यूपी में बिजली की 1,850 मेगावॉट बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ है।
हड़ताली कर्मचारियों के ये हैं दावे
समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा है कि,
23 साल बाद इतने बड़े पैमाने पर हो रही हड़ताल शत प्रतिशत सफल रही है। किसी कर्मचारी ने ड्यूटी ज्वाइन नहीं की है। बिजली उत्पादन इकाइयों में कर्मचारियों को उनकी ड्यूटी के घंटे पूरे होने के बाद भी 18 घंटे तक रोक कर रखा गया था। यह हड़ताल यूपीपीसीएल द्वारा हम पर थोपी गई थी, क्योंकि 115 दिनों के बाद भी, निगम अध्यक्ष ने शर्तों को पूरा नहीं किया। बिजली मंत्री के साथ चर्चा की गई थी। हम बात करने के लिए तैयार हैं। यूपीपीसीएल जो 2000 में 70 करोड़ रुपये के घाटे में चल रही थी, अब 2023 में 93,000 रुपये के घाटे में चल रही है। यह प्रबंधन की गलती है।
हड़ताल की वजह से कई जिलों में लोगों को परेशानी
गौरतलब है कि सूबे में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से कई जिलों में जिलों में लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। कई जिलों में लोगों को अंधेरे में रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। बिजली कर्मियों की यह हड़ताल गुरुवार रात 10 बजे शुरू हुई थी जो आज भी जारी है। यह हड़ताल तीन दिनों तक चलेगी। इस बीच, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने साफ तौर पर हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि अगर वह हड़ताल पर गए तो उनके खिलाफ एस्मा लगाया जाएगा।
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