फूलपुर उपचुनाव: बाहुबली अतीक अहमद की पत्नी आज करेंगी नामांकन, बिगाड़ सकती हैं सबका गणित
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इलाहाबाद। यूपी की राजनीति में अपनी हनक से चर्चित बाहुबली नेता व पूर्व सांसद अतीक अहमद की पत्नी फूलपुर लोकसभा का उप चुनाव लड़ेंगी। सोमवार की देर शाम उन्होंने नामांकन पत्र खरीद लिया और आज नामांकन के आखिरी दिन अपना पर्चा दाखिल करेंगी। अचानक से अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन का चुनावी मैदान में आना सपा व कांग्रेस के लिए जहां जोर का झटका है। वहीं, अब बीजेपी को फायदा मिलने वाला है। क्योंकि अतीक अहमद का एक बहुत बड़ा समर्थक वर्ग फूलपुर लोकसभा में आज भी उनके सियासत में लौटने का इंतजार कर रहा था। ऐसे में अतीक अहमद की पत्नी का चुनाव लड़ना राजनीतिक दलों की गणित को बिगाड़ देगा। हालांकि यह आश्चर्यजनक जरूर था कि अचानक से सिर्फ नामांकन के 1 दिन पहले शाइस्ता परवीन का नाम सामने आया और उन्होंने नामांकन पत्र खरीदा। इसके पहले लगातार अतीक पर सिर्फ इतनी ही संभावनाएं थी कि वह सपा और कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी हो सकते हैं, लेकिन दोनों दलों के अलग-अलग चुनाव लड़ने के बाद शाइस्ता परवीन का नाम सामने आया और अब आज वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मे नामांकन करेंगी।
अतीक के राजनीतिक करियर को बचाने का प्रयास
बाहुबली अतीक अहमद पिछली बार जब विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे और सपा ने उन्हें कानपुर कैंट से प्रत्याशी बनाया था उस वक्त अखिलेश यादव ने इनका टिकट काट दिया था। उसके बाद से ही अतीक अहमद के राजनीतिक करियर के खत्म होने की बातें शुरू हो गई थी। इसी बीच अतीक अहमद के पुराने केसों की फाइलें खुल गई और शियाट्स कॉलेज के मामले ने उन्हें जेल पहुंचा दिया। मौजूदा समय में अतीक अहमद देवरिया जेल में बंद है और उनका राजनीतिक करियर खत्म माना जा रहा था। अपनी राजनैतिक अहमियत को बरकरार रखने व उसे बचाए रखने के लिए अब अतीक अहमद ने अपनी पत्नी शाइस्ता परवीन का सहारा लिया है और उन्हें फूलपुर लोकसभा के चुनाव में उतार कर वह अपनी ताकत दर्शाना चाहते हैं।
बिगाड़ेंगी सबका गणित
मौजूदा समय में कांग्रेस ने ब्राम्हण प्रत्याशी उतारा है यानी वह फूलपुर लोकसभा में शहर उत्तरी-पश्चिमी में बड़े ब्राम्हण व कायस्थ वोटों को प्रमुखता पर ले रही है। जबकि उसके हिस्से में मुस्लिम वोट भी आते हैं। वहीं, सपा ने बैकवर्ड कार्ड खेला है और पटेल बिरादरी के साथ मुस्लिम वोट सपा का प्रमुख मतदाता होगा, लेकिन इन दोनों पार्टियों की गुणा गणित में अब जो मुस्लिम वोट थे उनको अतीक अहमद अपनी तरफ मोड़ने के लिए पूरी तरह सक्षम है। अतीक अहमद के नाम का जलवा इस तरह है कि वह मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण को एकतरफा अपनी ओर खींच सकते हैं और इस चुनाव में अतीक अहमद सिर्फ इसीलिए अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं ताकि सपा में कोई उनकी हैसियत फिर से वापस आ सके। चूंकि शहर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र इस बार फूलपुर में बढा है, जो मुस्लिम बाहुल्य इलाका है और अतीक यहां से चार बार विधायक रहे। फूलपुर से एक बार सांसद रह चुके अतीक के पास पर्याप्त वोट बैंक है कि वह कांग्रेस और सपा की गुणा-गणित बिगाड़ सकें।
भाजपा को फायदा
अतीक के इस कदम से भाजपा को अब बढत मिलते हुए दिख रही है। साफ है कि अब मुस्लिम वोट पूरी तरह से बंट जाएंगे, अतीक अहमद से जो वोट बचेंगे वह कांग्रेस और सपा में बटें। यानी एक तरफा ध्रुवीकरण में अतीक अहमद मुस्लिम वोटों को बटोरे कर भाजपा का रास्ता आसान कर देंगे। भाजपा अब अपने पारंपरिक वोटों के साथ बैकवर्ड गणित से आगे बढ़ेगी । अपनी जीत के लिए वह दलित वोट को भी साधने का प्रयास करेगी
शाइस्ता परवीन के बारे में
शाइस्ता परवीन अतीक अहमद की पत्नी है । पिछले दिनों जब अतीक अहमद को नैनी से देवरिया जेल भेजा गया उसके बाद पहली बार साहिस्ता परवीन घर की दहलीज से बाहर निकली थी और इलाहाबाद के कई दिग्गज सपा- कांग्रेस नेताओं के साथ पुलिस अधिकारियों की चौखट पर अतीक अहमद के लिए पैरवी करती देखी गई थी। शाइस्ता परवीन की घर की चारदीवारी से बाहर निकलने के जो मायने दिख रहे थे उसका सीधा असर अब दिखने लगा है । दरअसल अतीक अहमद के जेल चले जाने और असरफ के भगोड़ा घोषित हो जाने के बाद पुलिस लगातार अतीक गैंग व घर पर शिकंजा कस रही है। ऐसे में यह जरूरी है कि अतीक अहमद के परिवार में फिर से राजनैतिक ताकत वापस लौटे । इसीलिए अब शाइस्ता परवीन धीरे-धीरे राजनीति की दुनिया में अपने कदम बढ़ा रही हैं और यह पूरी तरह से साफ है कि अगर शाइस्ता परवीन चुनाव मैदान में उतरती हैं तो न सिर्फ बड़े दलों के प्रत्याशियों को टक्कर देंगी बल्कि अभी तक बनी गुणा गणित को पूरी तरह से बिगाड़ कर रख देंगी।
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