यूपी के बस्ती में अपनी ही सरकार में पुलिस प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठे सांसद-विधायक
बस्ती। बीते 1 हफ्ते से भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं पर पुलिस की ओर से किए जा रहे उत्पीड़न के खिलाफ उत्तर प्रदेश के बस्ती से सांसद हरीश द्विवेदी और जिले की रुधौली विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजय जायसवाल धरने पर बैठ गए। हरीश और संजय, अपनी ही दल के सरकार होने के बाद भी जिला प्रशासन बस्ती और पुलिस प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठे। उनकी मांग है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के नेता कबीर तिवारी के मामले में कार्यकर्ताओं पर जो भी गलत आरोप लगाए गए हैं, उसे वापस लिया जाए और पुलिस की ओर से किया जा रहा उत्पीड़न बंद हो। दरअसल, कबीर का मामला यहीं के स्थानीय अंबिका प्रताप नारायण पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री कॉलेज में एडमिशन को लेकर शुरू हुआ था।
प्रधानाचार्य के अनुसार कबीर बीते साल फेल हो गए थे और फिर से एडमिशन चाहते थे जो संभव नहीं था। मामला उस वक्त आगे बढ़ा जब कबीर कॉलेज के गेट पर ताला जड़ने लगे। उसी समय स्थानीय पुलिस ने कबीर को हिरासत में लेकर कोतवाली आ गई लेकिन भाजपा के कई कार्यकर्ता उन्हें जबरन छुड़ा लाए थे।
वहीं आज मंगलवार को सांसद हरीश और विधायक संजय के साथ-साथ भाजपा जिला इकाई के अध्यक्ष पवन कसौधन समेत कई नेता कोतवाली परिसर के गेट के सामने ही धऱने पर बैठ गए। बता दें कि मामला 9 सितंबर का है, जब छात्रनेता कबीर तिवारी तो भाजपा के ही नेताओं ने कोतवाली से छुड़ा लिया। इसके बाद पुलिस प्रशासन के होश फाख्ता हो गए। घटना के अगले दिन 10 तारीख को पुलिस ने 201 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दायर किया और 3 लोगों को गिरफ्तार किया। इन 201 लोगों में 21 नामजद मुकदमे किए गए। सभी के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता धारा 147, धारा 148, धारा 332, धारा 353, धारा 224, धारा 225, धारा 504, धारा 186, धारा 188, धारा 506, धारा 427 और 7 क्रिमनल लॉ के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। छात्रनेता कबीर को जबरन छुड़ा ले जाने के मामले में 6 पुलिस अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया।
पुलिस ने सोमवार को ही यहीं के एक डिग्री कॉलेज केडीसी के पूर्व अध्यक्ष आलोक पांडे समेत दो अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इन लोगों को लखनऊ के मॉल से गिरफ्तार किया गया। ये सभी कबीर को कोतवाली से जबरन छुड़ा ले जाने के आरोपी हैं। इन्हें पुलिस ने आज कोर्ट में पेश किया , जहां से इन्हें जेल भेज दिया गया।