मोदी ने वाराणसी दौरे से साधे कई चुनावी निशाने, जानिए तीन महीने में चौथी बार क्यों पहुंचे पूर्वांचल
लखनऊ, 25 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश में अगले साले होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी अब बीजेपी की रणनीति के अनुसार ही उन इलाकों में फोकस कर रहे हैं जहां बीजेपी को ज्यादा फायदा हो सकता है। बीजेपी के सूत्रों की माने तो बीजेपी के आलाकमान को लग रहा है कि इस बार पश्चिमी यूपी में बीजेपी को सीटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है। पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन के बाद से ही जिस तरह से राष्ट्रीय लोकदल और किसान यूनियन सरकार के खिलाफ माहौल बना रहा है उससे बीजेपी अलर्ट है। संगठन को लग रहा है कि पश्चिम में यदि सीटों का नुकसान हुआ तो उसकी भरपाई मध्य यूपी और पूर्वांचल में अच्छा प्रदर्शन कर किया जा सकता है। इसीलिए पिछले तीन महीने में पीएम मोदी पांच बार यूपी आए जिसमें चार बार वो पूर्वांचल पर ही फोकस किए रहे।
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पूर्वांचल के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पांच दिनों के भीतर प्रधानमंत्री की हिंदी पट्टी के पूर्वी क्षेत्र का यह दूसरा दौरा था। प्रधानमंत्री 20 अक्टूबर को राज्य के तीसरे और देश के 87वें अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन करने के लिए बुद्ध की मुक्ति की भूमि कुशीनगर आए थे। इसके अलावा, पीएम ने वाराणसी के लोगों को 5229 करोड़ रुपये की कल्याणकारी परियोजनाएं भी समर्पित कीं। पूर्वांचल में पीएम की ये बवंडर यात्राएं पूर्वी यूपी पर ध्यान केंद्रित करने के साथ 2022 की चुनावी लड़ाई की बागडोर संभालने का प्रतिबिंब हो सकती हैं।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में समाज शास्त्र के प्रोफेसर रह चुके नागेंद्र कुमार शर्मा कहते हैं कि,
"यदि आप देखें, कानपुर, झांसी, आगरा, मथुरा, नोएडा और गाजियाबाद- जहां तक आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों का संबंध है, इन समूहों को यथोचित रूप से विकसित किया गया था। यह केवल लखनऊ के पूर्व के क्षेत्रों में था, जहां आर्थिक गतिविधियों को नुकसान हुआ था क्योंकि सब कुछ करना पड़ा था। या तो लखनऊ से या दूर पूर्व से पटना या कोलकाता से प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए, न केवल पूर्व में कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने और लागू करने के लिए एक सुविचारित रणनीति है, बल्कि यूपी को और अधिक समान रूप से मैच करने के लिए फोकस में बदलाव को भी चित्रित किया है।''
पीएम
मोदी
ने
फिर
वोकल
फॉर
लोकल
को
दिया
बढ़ावा
उन्होंने
फिर
से
'आत्मनिर्भर
भारत'
और
'वोकल
फॉर
लोकल'
को
बढ़ावा
दिया,
जिसमें
लोगों
से
आगामी
त्योहारी
सीजन
के
दौरान
भारत
में
बने
उत्पादों
को
खरीदने
और
उपयोग
करने
के
लिए
कहा।
कहा
जाता
है
कि
लखनऊ
का
रास्ता
पूर्वांचल
से
होकर
जाता
है।
यह
बीजेपी
की
प्रतिष्ठा
का
मुद्दा
है
क्योंकि
पीएम
मोदी
और
सीएम
योगी
आदित्यनाथ
दोनों
का
निर्वाचन
क्षेत्र
पूर्वी
यूपी
में
पड़ता
है।
मोदी
के
कार्यक्रम
के
बहाने
164
विधानसभा
सीटों
पर
नजर
403
की
यूपी
विधानसभा
में
पूर्वांचल
का
योगदान
लगभग
33%
सीटों
का
है।
इसमें
28
जिलों
में
164
विधानसभा
क्षेत्र
हैं।
2017
के
पिछले
विधानसभा
चुनाव
में
बीजेपी
को
164
में
से
115
सीटें
मिली
थीं,
जबकि
समाजवादी
पार्टी
को
17,
बहुजन
समाज
पार्टी
(बसपा)
को
14,
कांग्रेस
को
दो
और
अन्य
को
16
सीटें
मिली
थीं।
खास
बात
यह
है
कि
2019
के
लोकसभा
चुनाव
में
बीजेपी
को
पूर्वांचल
से
सबसे
ज्यादा
सीटें
मिली
थीं।
एक प्रमुख राजनीतिक विश्लेषक जेपी शुक्ला कहते हैं कि,
"लखीमपुर खीरी हिंसा और पश्चिमी यूपी में लगातार किसानों की अशांति के मद्देनजर, भाजपा अब पूर्वांचल में जीतकर पश्चिमी यूपी के संभावित नुकसान की भरपाई के लिए पूर्वांचल पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके अलावा, भाजपा अनुप्रिया पटेल के अपना दल और मिशन यूपी के हिस्से के रूप में डॉ. संजय निषाद की NISAHD पार्टी के रूप में छोटे जाति-आधारित समूहों के साथ गठबंधन करके पूर्वी यूपी में जाति समीकरणों को संतुलित करने की कोशिश कर रही है।''
9
मेडिकल
कॉलेजों
का
किया
शुभारंभ
पीएम
मोदी
ने
सोमवार
को
2,329
करोड़
रुपये
की
लागत
से
निर्मित,
नौ
मेडिकल
कॉलेज,
जिनका
उद्घाटन
सोमवार
को
हुआ,
सिद्धार्थनगर,
एटा,
हरदोई,
प्रतापगढ़,
फतेहपुर,
देवरिया,
गाजीपुर,
मिर्जापुर
और
जौनपुर
जिलों
में
स्थित
हैं।
उत्तर
प्रदेश
की
राज्यपाल
आनंदीबेन
पटेल,
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
और
केंद्रीय
स्वास्थ्य
एवं
परिवार
कल्याण
मंत्री
मनसुख
मंडाविया
भी
सिद्धार्थनगर
और
वाराणसी
में
उद्घाटन
समारोह
के
दौरान
मौजूद
थे।
20 अक्टूबर को ही कुशीनगर आए थे पीएम मोदी
दरअलसल इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को उत्तर प्रदेश में बहुप्रतीक्षित कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया था। इस एयरपोर्ट के शुरू होने से एक तरफ जहां पूर्वांचल के विकास को नई उड़ान मिलेगी वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी के शुभारंभ के बाद ही समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर तंज कसा था। अखिलेश ने कहा था कि पायलट बन जाने से विमान अपना नहीं हो जाता। इधर, कांग्रेस ने भी इसका श्रेय लेने की कोशिश की और कहा कि यूपीए की सरकार में इस परियोजना को मंजूरी प्रदान की गई थी।
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