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यूपी: घटिया क्वालिटी के जूते-मोजे बांटने पर हाईकोर्ट नाराज, योजना से जुड़े रिकॉर्ड किए तलब

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इलाहाबाद। प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को घटिया क्वालिटी के जूते मोजे बांटना अब प्रशासनिक अफसरों को महंगा पड़ सकता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट इस मामले में नाराज है और एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इस योजना से जुड़े सारे रिकॉर्ड तलब कर लिए हैं। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि 11 अप्रैल को सचिव स्तर का अधिकारी सभी रिकॉर्ड लेकर कोर्ट में हाजिर हों।

लखनऊ खंडपीठ में याचिका दाखिल

लखनऊ खंडपीठ में याचिका दाखिल

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सूबे के प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को जूते-मोजे दिए जाने की योजना शुरू की थी। लेकिन घटिया क्वालिटी के जूते मोजे बच्चों में बांट कर इस योजना को बर्बाद कर दिया गया है। इस बावत हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान खुद हाईकोर्ट ने माना कि जूते-मोजे घटिया क्वालिटी के है और नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार की बेहतर कोशिश को अफसरों ने अपने कारनामे से बर्बाद कर दिया है।

266 करोड़ रुपये हुए खर्च

266 करोड़ रुपये हुए खर्च

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने यूपी सरकार से कहा है कि वह इस योजना से संबंधित सारे दस्तावेज कोर्ट में जमा करें। दरअसल इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति विक्रम नाथ अबदुल मोईन कर रहे हैं और जब सरकार द्वारा बांटे गए जूते मोजे वाली याचिका में उपलब्ध कराये गये साक्ष्य का रिकॉर्ड उन्होंने देखा तो पता चला कि 1.5 स्कूली बच्चों को जूता मोजा बांटने के लिए 266 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए।

कोर्ट ने मांगा रिकार्ड

कोर्ट ने मांगा रिकार्ड

हाईकोर्ट ने अब आदेश दिया है कि प्रदेश सरकार टेंडर प्रक्रिया से संबंधित सभी रिकॉर्ड 11 अप्रैल को सचिव स्तर के अफसर के माध्यम से कोर्ट में दाखिल करें। हाईकोर्ट देखना चाहती है कि टेंडर में आखिर क्या क्वालिटी निर्धारित की गई थी? जिससे बच्चों को घटिया चीजे दी गई। हाईकोर्ट यह भी देखना चाहती है कि इस प्रक्रिया के दौरान सरकार ने क्या नीति अपनाई थी ? दरअसल अब जब हाईकोर्ट में सरकारी रिकॉर्ड उपलब्ध कराए जाएंगे तब सरकार के आदेश के बाद खरीद की प्रक्रिया तक की पूरी जानकारी हो सकेगी।

हो सकती है कार्रवाई

हो सकती है कार्रवाई

हाईकोर्ट में सवाल उठाया गया है कि मात्र 1.4 करोड़ बच्चों को जूते मोजे देने के लिए सरकार ने 266 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। लेकिन सरकारी स्कूलों बच्चों को घटिया क्वालिटी के जुते-मोजे दिए गए ये कहा तक तर्कसंगत है। फिलहाल हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद संभव है कि इससे मामले में अफसरो पर गाज गिरेगी और उच्च स्तरीय जांच भी होगी।

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English summary
Lucknow court angry over on distributing shoe-socks of poor quality in primary schools
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