Lakhimpur Kheri Violence: सुनवाई में लगेंगे कम से कम 5 साल, सत्र न्यायाधीश ने SC को बताया
लखीमपुर खीरी हत्याकांड मामले की सुनवाई में कम से कम पांच वर्ष लगेंगे। इस बात की जानकारी सत्र न्यायाधीश ने सुप्रीम कोर्ट को दी है।
Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी हत्याकांड की सुनवाई पूरी होने में कम से कम पांच साल लगेंगे। इस बात की जानकारी मामले की सुनवाई कर रहे सत्र न्यायाधीश ने सुप्रीम कोर्ट को दी है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अगुवाई वाली एक पीठ ने 11 जनवरी को आरोपी आशीष मिश्रा और अधिवक्ता प्रशांत भूषण की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी को सूचना दी।
आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री के बेटे मिश्रा पर अक्टूबर 2021 में विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में एक रैली में भाग लेने वाले किसानों को कुचलने के लिए अपने ड्राइवर को आदेश देने का आरोप है। आशीष ने यह कहते हुए जमानत मांगी है कि उसे मुकदमे की अवधि के दौरान हिरासत में नहीं रखा जा सकता है।
बता दें भूषण मारे गए पीड़ितों के परिवारों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वरिष्ठ वकील ने तर्क दिया है कि मिश्रा ने गवाहों को चुप कराने के लिए अब तक अपनी शक्ति और प्रभाव का इस्तेमाल किया है। ऐसे में उसे अगर जमानत मिलती है तो मामले की सुनवाई प्रभावित होगी और पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाएगा।
Recommended Video
वहीं, लखीमपुर खीरी में हुए हमलों से उत्तर प्रदेश सरकार ने इनकार किया है। लेकिन भूषण ने राज्य सरकार पर मंत्री के बेटे के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है। 12 दिसंबर, 2022 को खंडपीठ ने सत्र न्यायाधीश को मुकदमे को पूरा करने के लिए आवश्यक अनुमानित समय देते हुए एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।
सत्र न्यायाधीश की रिपोर्ट कहती है कि इसमें कम से कम पांच साल लगेंगे। क्योंकि मामले में 200 गवाह, 171 दस्तावेज और 27 फोरेंसिक साइंस लैब रिपोर्ट हैं। खंडपीठ ने यह भी कहा है कि लखीमपुरी खीरी कांड में अलग-अलग दर्ज दोनों प्राथमिकियों की सुनवाई एक ही अदालत और एक ही पीठासीन न्यायाधीश द्वारा की जाएगी।
भूषण ने दैनिक आधार पर गवाहों के एग्जामिनेशन का भी सुझाव दिया है। उन्होंने कहा है कि वर्तमान में गवाहों पर खतरा भी मंडरा रहा है। लेकिन बेंच ने कहा कि ट्रायल कोर्ट में लंबित अन्य सभी मामलों की कीमत पर एक दिन-प्रतिदिन की सुनवाई होगी।
इससे पहले मामले की सुनवाई 19 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। अदालत की तरफ से एफआईआर 220/2021 में चार आरोपियों का विवरण मांगा गया है। जो कथित रूप से दो भाजपा कार्यकर्ताओं और एसयूवी चालक की लिंचिंग से संबंधित है।
ये भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य गवाह और उसके भाई पर तलवार से हमला, आशीष मिश्रा पर लगा आरोप