गुजरात से मारकर भगाए गए मजदूरों की दुर्दशा देख बनारस में बसे गुजराती सहमे
शेखपुरा/ काशी। गुजरात में बिहार और यूपी के मजदूरों के साथ हुई बर्रबरता से हर कोई वाकिफ है। 14 महीने की एक बच्ची से रेप के बाद गुजरातियों का गुस्सा ऐसा फूटा कि उन्होंने यूपी बिहार के मजदूर वर्गों को एक तराजू में तौल दिया। यूपी बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट की गई और उन्हें कारखानों में बंधक बनाकर रखा गया। इस दौरान उन्हें मारापीटा गया और गुजरात छोड़ने की धमकी दी गई। बिहार के शेखपुरा और यूपी के बनारस पहुंचे मजदूरों ने नम आंखों से अपनी तकलीफ बताई तो सुनने वाला हर कोई आवाक रह गया।
गुजरात के अहमदाबाद से लगभग 50 की संख्या में बिहार के शेखपुरा पहुंचे मजदूरों ने आपबीती बताई। ये मजदूर अहमदाबाद व आसपास के कारखानों में बंधक बनाकर रखे गए थे। इस दौरान ना उन्हें कुछ खाने पीने को दिया गया ना ही उनकी बची मजदूरी दी गई। इन्हें एक छोटे से कमरे में ठूंस कर रखा गया था। वो तो गनीमत रही कि इनमें से एक मजदूर शेखपुरा के डीएम से कॉन्टेक्ट करने में कामयाब रहा। जिसके बाद डीएम की मदद से इन सभी को वहां से सुरक्षित निकाला जा सका। मजदूरों ने शेखपुरा रेलवे स्टेशन पहुंचकर डीएम जिन्दाबाद के नारे लगाए। इस दौरान उनकी आंखों में आंसू तो चेहरे पर आजादी की खुशी दिखी।
वहीं यूपी के कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचे मजदूरों ने भी अपना दर्द बयां किया। उन्होंने बताया कि उन्हें काम पर जाने दिया जा रहा था और न ही किसी और काम को करने दिया जा रहा था। रीना ने बताया कि घर की जरूरत का सामान भी बाजार से लेने नहीं जा पा रहे थे। खाने-पीने के लाले पड़ गए तब लौटे। राम मोहन और नीलम का कहना है कि जिनके साथ रोज का उठना बैठना था। अचानक उनके लिए हम पराए हो गए।
उधर गुजरात में उत्तर भारतीयों से मारपीट कर उन्हें वहां से भगाए जाने पर वाराणसी में रहने वाले गुजराती समाज के लोग चिंतित हैं। उनका कहना है, वहां के हालात पर नियंत्रण के बावजूद सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई जा रही है। यहां के गुजरातियों को डर है कि गुजरात में हुए हमलों के बदले में कहीं उत्तर भारतीय उनके साथ बुरा सलूक ना करें।
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