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यूपी विधानसभा चुनाव: जयंत-अखिलेश ने पहली संयुक्त रैली के लिए क्यों चुनीं सिवालखास सीट

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नई दिल्ली, 27 नवंबर: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय लोकदल और समाजवादी पार्टी का गठबंधन फाइनल हो चुका है। फिलहाल सीट बंटवारे को लेकर बात चल रही है। इस बीच मेरठ की सिवालखास विधानसभा सीट में आने वाले कस्बा दबथुवा में सपा-रालोद ने 7 दिसंबर को रैली का ऐलान किया है। इस रैली में रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी और सपा मुखिया एक साथ मंच पर होंगे। यूपी चुनाव के लिए ये दोनों की पहली संयुक्त रैली होगी। रालोद ने पहले ही दबथुआ में रैली के लिए कहा था लेकिन अब इसमें सपा भी शमिल हो गई है। सिवाल खास विधानसभा को दोनों दलों की पहली संयुक्त रैली के लिए चुने जाने की वजह खास है।

 तीन जिलों की सियायत साधेंगे

तीन जिलों की सियायत साधेंगे

सिवालखास विधानसभा का राजनीतिक लिहाज से एक खास महत्व है। ये तीन जिलों से जुड़ी हुई है। इसमें मेरठ, बागपत के साथ-साथ गाजियाबाद के मोदीनगर का हिस्सा भी जुड़ता है। ऐसे में इस क्षेत्र में रैली से एक ओर जहां मेरठ और बागपत की राजनीति को साधने में मदद मिलेगी तो वहीं गाजियाबाद तक भी इसका असर होगा। रैली का ऐलान होते ही इसका असर भी दिख रहा है। मेरठ और बागपत के साथ-साथ गाजियाबाद के रालोद कार्यकर्ता भी इसमें जुट गए हैं।

 दोनों दल में सब ठीक होने का मैसेज देंगे

दोनों दल में सब ठीक होने का मैसेज देंगे

रालोद और सपा के बीच 6-7 सीटें ऐसी हैं, जिन पर दोनों दल दावा कर रहे हैं। मुजफ्फरनगर की चरथावल, बुढ़ाना, सहारनपुर की गंगोह के अलावा सिवालखास सीट भी इनमें है। इसकी वजह ये है कि इस सीट पर सीट दोनों ही दलों को अच्छी वोट मिलती रही हैं। दशकों तक ये सीट चरण सिंह और अजित सिंह का गढ़ रही है तो 2012 में सपा यहां जीत चुकी है। वहीं अपने सबसे कमजोर दौर में यानी 2017 और 2012 के विधानसभा चुनाव में भी सिवालखास सीट पर रालोद अपनी अच्छी उपस्थिति दर्ज करा जा चुका है। ऐसे में यहां जयंत और अखिलेश का साथ आना दोनों दलों और जनता के बीच ये मैसेज भी देगा कि गठबंधन को लेकर सब ठीक है।

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जाट मुस्लिम समीकरण का भी ध्यान

जाट मुस्लिम समीकरण का भी ध्यान

सिवालखास विधानसभा सीट पर जाट मतदाता तो अच्छी संख्या में हैं ही, मुस्लिम भी काफी हैं। खासतौर मुस्लिम राजपूतों के कई बड़े गांव इस सीट में आते हैं। 2012 में सपा से जीते गुलाम मोहम्मद भी मुस्लिम राजपूत ही हैं। वहीं कस्बा सिवाल के पास यादवों के भी कुछ गांव हैं। ऐसे में जातिगत लिहाज से देखा जाए तो मुस्लिमों और जाटों को एक राजनीतिक मंच पर लाने की ओक कोशिश भी इस रैली के जरिए गठबंधन के नेता करेंगे।

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English summary
jayant chaudhary akhilesh yadav rally 7 dec dabathua siwal khas up polls 2022
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