बिजनौर हादसे में डूबे लोगों को बचाने के बजाय दरोगा करता रहा सरकारी खानापूर्ति
बिजनौर। उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के मंडावर थाना क्षेत्र स्थित गांव राजरामपुर में नाव डूबने से कुल 27 लोगों की मौत मौके पर ही हो गई। लेकिन इस बीच प्रशासन की तरफ से बड़ी लापरवाही देखने को मिली है।

नाव पलटने से गंगा में डूबे लोगों को निकालने में प्रशासान के इंतजाम नाकाम साबित हो रहे हैं। लापता लोगों के परिजन ग्रामीणों के साथ मिलकर डूबे लोगों की तलाश खुद कर रहे हैं। परिजनों में मीना 45 वर्ष को अपनी नाव से खुद निकाल कर बाइक पर अस्पताल ले गए। मौके पर कोई एम्बुलेंस न होने पर लोगों में गुस्सा देखा गया। बाइक पर मीना को अस्पताल ले जा रहे परिजनों को रोकर उपचार देने की बजाय नाम नोट करने में पुलिस का दरोगा मशगूल रहा। उसे प्राथमिक उपचार देने की जगह पूछताछ करता रहा। जब लोगों का गुस्सा बढ़ने लगा तब दरोगा ने उन लोगों को जाने दिया।
हम आपको बता दें कि मंडावर थाना क्षेत्र के गांव डैबलगढ़ व राजरामपुर गांव के लोग रोजाना अपनी जान हथेली पर रखकर गंगा के दूसरी छोर पर काम और पशुओ के लिये चारा लेने जाते है। इन लोगों के साथ साथ महिलाएं और बच्चे भी रोजाना नाव से गंगा पार करके अपनी फसलों के काम के लिए और चारे के लिए नाव से जाते है। कल अचानक से गंगा में पानी का स्तर बढ़ने से गांव के 27 लोग जब चारा लेकर नाव पर सवार होकर घर के लिये लौट रहे थे। तभी गंगा की तेज लहरो से नाव में पानी भर गया और ये सभी गंगा में डूब गए।
डीएम अटल कुमार ने बताया कि अभी तक इस हादसे में कुल 18 लोगों को निकाला गया है। जिसमे अब तक 3 कि मौत हो गई है। अभी 6 लोग लापता बताए जा रहे है। अभी भी बचाव ऑपरेशन चलाया जा रहा है। प्रशासन हेलीकाप्टर से लोगों को तलाशने की बात कह रही है,लेकिन अभी तक सेना का हेलीकॉप्टर बिजनौर नहीं पहुंचा है।
अधिक उत्तर प्रदेश समाचारView All
जीवनसंगी की तलाश है? भारत मैट्रिमोनी पर रजिस्टर करें - निःशुल्क रजिस्ट्रेशन!