उत्तर प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

बहुत मनमोहक है सैकड़ों बरस पुरानी ये स्वर्ण प्रतिमा, साल में सिर्फ 4 दिन होते हैं दर्शन; भक्तों को प्रसाद में मिलता है खजाना

Google Oneindia News

वाराणसी। धर्म और आध्यात्म की नगरी काशी में हर पर्व पर उत्सव मनाया जाता है। इन्ही में एक है दीपावली के पहले धनतेरस का उत्सव, एक तरफ जहां धनतेरस के दिन लोग अपने घरों गणेश लक्ष्मी की पूजा के साथ सोने और चांदी के चीजो की पूजा करते हैं, वहीं वाराणसी का यह सैकड़ों वर्ष पुराना मंदिर जिसे राजा देवोदास के पुरोहित धनन्जय की तपस्या से प्रसन्न होकर माँ अन्नपूर्णा, माँ भूमि देवी और माँ लक्ष्मी जी ने जिस स्वर्ण प्रतिमा का दर्शन दिया था। जो आम भक्तों के लिए धनतेरस से लेकर अन्नकूट तक मन्दिर के कपाट खोले जाते हैं।

दुनिया का अकेला मंदिर, जहां खजाना दिया जाता है

दुनिया का अकेला मंदिर, जहां खजाना दिया जाता है

यही नहीं यह दुनिया का अकेला ऐसा मंदिर है जहां धनतेरस के दिन दर्शन करने वाले भक्तों को माता के प्रसाद के रूप में खजाना (पैसा) और धान का लावा दिया जाता है। जिसके कारण लाखों की संख्या में भक्त यहां दर्शन के लिए आते है।

 मंगला आरती के बाद खुलता है कपाट

मंगला आरती के बाद खुलता है कपाट

वैसे तो श्री काशी विश्वनाथ परिसर में माता अन्नपूर्णा का मंदिर का मुख्य विग्रह मौजूद है। जिसका भक्त काशी विश्वनाथ के दर्शन के बाद आते हैं। लेकिन इसी परिसर के पहले तल पर माता अन्नपूर्णा का स्वर्ण मयी प्रतिमा कर साथ भूमि देवी और लक्ष्मी जी की भी प्रतिमा है। जिसे सुरक्षा और जगह आभव के कारण पूरे वर्ष में महज 4 दिनों के लिए खोला जाता है।

धन्वन्तरि के पपौत्र धनन्जय से भी जुड़ी मान्यता

धन्वन्तरि के पपौत्र धनन्जय से भी जुड़ी मान्यता

पुराणों की मानें तो इस मंदिर में वैध राज धन्वन्तरि के पपौत्र धनन्जय ने कठोर तपस्या की। जिसके बाद माता प्रसन्न होकर उन्हें स्वर्ण रूप में दर्शन दिया। कहा जाता है कि ऐसी ही प्रतिमा कालांतर में मंदिर के पुराने महंतों को किसी रहस्यमयी स्थान से मिली। और इसी प्रतिमा को भक्तों के कल्याण के लिए धनतेरस के दिन मंगला आरती के बाद अन्नकूट महोत्सव तक खोला जाता है। लेकिन खजाने के रूप में दिया जाने वाला प्रसाद सिर्फ धनतेरस के पर्व पर ही दिया जाता है।

 पूरे साल करते हैं भक्त इस धन और अन्न की पूजा

पूरे साल करते हैं भक्त इस धन और अन्न की पूजा

भक्तों से भरे हुए मन्दिर का यह नजारा काशी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के रेड जोन में अन्नपूर्णा मन्दिर का है। इस मंदिर हालांकि रोजाना भी भीड़ होती है। लेकिन धनतेरस के दिन इस मंदिर परिसर के पहले तल्ले पर स्थित माता अन्नपूर्णा, भूमि देवी और लक्ष्मी जी के स्वर्ण मयी प्रतिमा का दर्शन होता है। जिसके लिए भक्त वाराणसी सहित देश के कोने कोने से आते हैं।

महज 4 दिन भक्तों को हो पाते हैं इसके दर्शन

महज 4 दिन भक्तों को हो पाते हैं इसके दर्शन

इस मंदिर में जहाँ एक तरह भक्तों को धनतेरस से लेकर अन्नकूट तक महज 4 दिन भक्तों को इस गोल्डन मूर्ति के दर्शन होते हैं। वही प्रसाद ने तौर पर आमजन को यहां खजाने के रूप में वर्ष की सबसे छोटी मुद्रा और धान का लावा दिया जाता है। यहां आने वाले भक्त इसे आज ले जाकर एक तरफ जहां लावा को अपने भंडारे में रखते हैं। वही खजाने को अपनी तिजोरी में रख आज के शाम पूजा के बाद पूरे साल पूजते हैं।

ये भी पढ़ें: अब कोई भी नहीं कर पाएगा ताज की शाही मस्जिद में नमाज अदा, आगरा के मुस्लिमों पर भी रोक

Comments
English summary
interesting story in hindi about Annapurna Devi Mandir, varanasi
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X