यूपी चुनाव: भ्रष्टाचार की जांच के लिए आयकर विभाग ने जारी किया टोल-फ्री नंबर
आयकर विभाग के एडिशनल डायरेक्टर (इन्वेस्टिगेशन) अभय ठाकुर ने बताया कि आम जनता, इस टोल फ्री नंबर 1800-1806555 पर उम्मीदवारों की शिकायत सीधे विभाग से कर सकते हैं जिनका चुनावी खर्च तय सीमा से ज्यादा होगा।
नई दिल्ली। आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश चुनावों में भ्रष्टाचार की रोकथाम को लेकर एक टोल फ्री नंबर 1800-1806555 जारी किया है। टोल-फ्री नंबर 1800-1806555 को जारी करने के पीछे विभाग का उद्देश्य यही है चुनाव में कोई भी उम्मीदवार किसी भी तरह के भ्रष्टाचार में लिप्त मिलता है तो आम जनता इस नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है। चुनाव आयोग ने चुनाव में उतरने वाले उम्मीदवारों के लिए चुनावी खर्च की सीमा तय की है, अगर कोई भी उम्मीदवार तय सीमा से ज्यादा राशि खर्च करता है या फिर किसी भी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है तो जनता सीधे इस नंबर पर शिकायत दर्ज करा सकती है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार पर लगाम के लिए ऐसे कदम उठाए गए हैं।
आयकर विभाग के एडिशनल डायरेक्टर (इन्वेस्टिगेशन) अभय ठाकुर ने बताया कि आम जनता इस टोल फ्री नंबर 1800-1806555 पर उन उम्मीदवारों की शिकायत सीधे विभाग से कर सकते हैं जो चुनाव आयोग की ओर से तय की गई 28 लाख रुपये के चुनावी खर्च की सीमा से ज्यादा खर्च करेंगे। उन्होंने बताया कि इस दौरान शिकायतकर्ता की जानकारी पूरी तरह से गुप्त रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि आयकर विभाग ने एक कंट्रोल रुम लखनऊ में बनाया है, जिससे कि प्रदेश के सभी चुनावी उम्मीदवारों पर नजर रखी जा सके।
वाराणसी शहर में स्थित आयकर विभाग के कार्यालय से आठ विधानसभा सीटों पर नजर रखी जाएगी। ये विधानसभा सीटें हैं अजागरा, शिवपुर, रोहनिया, वाराणसी उत्तर, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी कैंट, सेवापुरी और पिंडरा। इस कार्यालय के जरिए एयरपोर्ट, रेलवे, कस्टम और ट्रांसपोर्ट विभाग के साथ मिलकर चुनाव के दौरान कालेधन को आने से रोकने की कवायद की जाएगी। अभय ठाकुर ने बताया कि हमने एक विशेष एयर इंटेलिजेंस यूनिट बनाई है, जिससे वाराणसी, गोरखपुर और इलाहाबाद के एयरपोर्ट पर नजर रखी जाए। इसके साथ-साथ विभिन्न राज्यों से आने वाली नगदी की बाढ़ पर लगाम के लिए भी रेलवे, कस्टम और ट्रांसपोर्ट विभाग के साथ मिलकर कदम उठाया जाएगा। आयकर विभाग ने पूर्वोत्तर यूपी के 19 जिलों को सात सेक्टरों में बांटा है, जिससे कि आयकर विभाग के अधिकारी इन इलाकों पर नजर रख सकें। साथ ही चुनाव के दौरान हालात पर नजर रखा जा सके।