लखनऊ यूनिवर्सिटी बवाल: हाइकोर्ट ने कहा- विश्वविद्यालय और प्रशासन में तालमेल की कमी
लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षकों की मारपीट मामले में कोर्ट ने कहा है विश्वविद्यालय और प्रशासन में आपसी तालमेल की कमी है। कोर्ट से बाहर निकलने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय के वीसी ने पत्रकारों से बातचीत में लखनऊ एसएसपी को लापरवाह ठहराया है। वीसी ने आगे कहा कि कोर्ट की अगली तारीख 16 जुलाई की है और छात्रों के दाखिले के लिए जो नियम बनाए गए हैं, उन्हीं के आधार पर ही दाखिले होंगे। वीसी ने कहा है कि आंदोलन के आधार पर विश्वविद्यालय पर किसी भी तरह का दबाव नहीं बनाया जा सकता है। नियम के तहत ही दाखिले होंगे। हाईकोर्ट से बाहर निकलते हुए अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने बताया है कि कोर्ट ने कहा है कि भविष्य में इस तरह की घटना ना हो। इस पूरी घटना पर एसएसपी ने भी यह बात मानी है कि आपसी तालमेल की कमी रही है।
हाईकोर्ट
ने
किया
था
तलब
लखनऊ
विश्वविद्यालय
में
हुई
हिंसा
के
बाद
हाईकोर्ट
ने
कड़ा
रुख
अपनाते
हुए
लखनऊ
एसएसपी
दीपक
कुमार
और
प्रदेश
के
पुलिस
मुखिया
ओपी
सिंह
को
कोर्ट
ने
तलब
किया
था।
जिसके
बाद
शुक्रवार
सुबह
दोनों
पुलिस
अधिकारी
हाईकोर्ट
पहुंचे
थे।
साथ
ही
एडीजी
जोन
लखनऊ
राजीव
कृष्णा
और
आईजी
रेंज
लखनऊ
सुजीत
पांडेय
भी
कोर्ट
पहुंचे
थे।
क्या
था
पूरा
मामला
एलयू
में
कुछ
छात्रों
द्वारा
बाहरी
तत्वों
के
साथ
मिलकर
कुलपति
पर
हमला
बोला
था
और
विश्वविद्यालय
के
दर्जनों
शिक्षकों
को
पीटा
था
जिसमें
कई
शिक्षक
बुरी
तरह
से
घायल
हो
गए
थे।
इस
मामले
के
बाद
कुलपति
ने
विश्वविद्यालय
को
अनिश्चितकाल
के
लिए
बंद
करने
का
आदेश
दे
दिया
था।
मामले
का
स्वत:
संज्ञान
लेते
हुए
हाईकोर्ट
पुलिस
मुखिया
समेत
वीसी
को
तलब
किया
था।
पिछले
कई
दिनों
से
छात्र
दे
रहे
थे
धरना
खबरों
के
मुताबिक
पिछले
कई
दिनों
से
एलयू
के
छात्र
एडमिशन
को
लेकर
धरना
दे
रहे
थे।
लेकिन
कुलपति
ने
उनसे
मिलने
की
जहमत
नहीं
उठाई
जिसकी
वजह
से
छात्रों
में
आक्रोश
था
और
उन्होंने
विश्वविद्यालय
परिसर
में
शिक्षकों
के
साथ
जमकर
मारपीट
की
थी।