VIDEO: पंचर बनाने वाली ट्यूब को मुंह से सूंघते हैं ये बच्चे, ज्यादा नशे के लिए प्राइवेट पार्ट में लगाते हैं इंजेक्शन
हापुड़। आपको याद होगा कुछ दिन पहले कमलेश नाम के एक लड़के का नशा करते हुए वीडियो काफी वायरल हुआ था। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर सनसनी फैला दी थी। इस वीडियो से जहां एक ओर बच्चों में नशे की आदत सार्जनिक तौर पर सामने आई थी वहीं कमलेश की लाइफ को बेहतर बनाने के लिए कई लोगों के हाथ आगे बढ़े थे। लेकिन अफसोस बचपन में ही नसो में दौड़ रहे नशे का सिलसिला अभी कम नहीं हुआ है। ऐसा ही एक मामला हापुड़ से भी सामने आया है जहां टायर में पंचर बनाने वाली सोल्यूशन ट्यूब को बच्चे नशे की सामग्री के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। बच्चे इस सोल्यूशन को एक रुमाल में लेकर उसे मुंह से सूंघते हैं और नशे में डूब जाते हैं। नशे का ये पूरे हापुड़ में बदस्तूर खुलेआम जारी है। मामला सामने आने पर डीएम कृष्णा करुणेश ने एसपी हेमंत कुटियाल से मीटिंग कर जल्द ही इन मासूमो को स्कूलों में एडमिशन करने की बात कही है।
पंचर बनाने वाले सोल्यूशन को रुमाल में लेकर मुंह से सूंघते हैं बच्चे
दिल्ली से सटे हापुड़ में ये छोटे-छोटे बच्चे नशे के आदि हो चुके हैं। ये बच्चे पंचर बनाने वाले सोल्यूशन को रुमाल में लेकर मुंह से सूंघते हैं और जब इतने से भी नशा नहीं होता तो अपने हाथों और प्राइवेट पार्ट में भी नशे के इंजेक्शन का इस्तेमाल करते हैं। वही इनके बारे में स्थानीय निवासियों का भी कहना है की ये मासूम 10 से 12 साल के है और कई सालो से नशा करते हुए आ रहे हैं। ना इन पर प्रशासन कोई कार्रवाई कर रहा है ना ही इनके परिजन इनको देखते हैं।
प्राइवेट पार्ट में लगाते हैं नशे के इंजेक्शन
जानकारी के लिए बता दें कि ये बच्चे कई सालों से लगातार नशा करते हुए आ रहे हैं। जब एक बच्चे से पूछा गया तो उनका कहना था की नशा करने के लिए साइकिल पंचर बनाने वाली ट्यूब दोगुने दामों में खरीद कर लाते हैं और इसको एक कपड़े में डालकर उसको अपनी नाक और मुंह से सूंघते हैं। बताया जाता है की जब इनको इतना करने से भी नशा नहीं होता तो ये सीरिंज अपने प्राइवेट पार्ट में भी लगाते हैं।
मुंह में रखते हैं ब्लेड
ये नशा करने वाले मासूम बिल्कुल नहीं हैं क्योंकि इनकी नशा करने की आदत ने इन्हें क्रूर और बेरहम बना दिया है। ये बच्चे मुंह में ब्लेड रखते हैं और रोकने-टोकने या नशा करने से मना करने पर ये किसी को भी ब्लेड मारकर गंभीर रूप से घायल कर देते हैं। कुल मिलाकर नशा करने के लिए ये बच्चे किसी भी हद तक जा सकते हैं। चोरी छिनैती करना इनके लिए आम बात है।
प्रशासन नहीं दे रहा है ध्यान
मासूमों द्वारा किए जा रहे नशे से एक बात तो साफ़ है की जिले में नशे के कारोबार ने अपने पैर तो पसार ही लिए हैं और सरकार जितने भी बड़े-बड़े वादे कर ले लेकिन वो सिर्फ वादे ही बनकर रह गए हैं। ना तो सरकार को नौजवानो की फ़िक्र है और ना ही ऐसे मासूमो की जो खुलेआम नशे के अदि हो चुके हैं और नशे के कारण मौत के मुंह में जा रहे हैं। अब देखना ये होगा की अधिकारियो के सामने मामला आ जाने के बाद अधिकारी इस में क्या कार्रवाई करते हैं।