यूपी पंचायत चुनाव: पोलिंग पार्टी में महिला कर्मचारी का होना अनिवार्य नहीं
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तारीखों के ऐलान हो चुके हैं और आचार संहिता भी लागू हो चुकी है। इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा कि मतदान कराने के लिए जाने वाली पोलिंग पार्टी में महिलाओं का होना अनिवार्य नहीं होगा। अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने इस बारे में कहा है कि पंचायत चुनाव में अगर किसी क्षेत्र के लिए महिला कर्मचारी उपलब्ध न हो तो पुरुष कर्मचारियों की पोलिंग पार्टी ही मतदान कराएगी। ऐसे में मतदान के दौरान अगर महिला कर्मचारी की जरूरत हुई तो महिला सुरक्षाकर्मियों की मदद ली जाएगी।
अपर निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि अगर वोट डालने के लिए पर्दे में कोई महिला वोटर आई तो उनकी जांच और मदद के लिए वहां पुलिस, होमगार्ड, पीएसी समेत अन्य सुरक्षा दस्ते में तैनात महिला कर्मियों की सेवा ली जाएगी। कहा कि होली के बाद इन पोलिंग पार्टियों को बनाने की तैयारी की जाएगी और हर जिले से कर्मचारियों की इसमें तैनाती की जाएगी। हर जिले के उप जिला निर्वाचन अधिकारी को आईडी दी गई है जिससे लॉग इन कर इन पोलिंग पार्टियों की ड्यूटी लगाने का काम किया जाएगा। पोलिंग पार्टी के पीठासीन अधिकारी और तीन मतदान अधिकारियों को एक बार वोटिंग कराने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
अपर निर्वाचन आयुक्त ने आगे जानकारी दी कि राज्य चुनाव आयोग उप जिला निर्वाचन अधिकारी को ऑनलाइन टूल देगा जिसके जरिए ग्रेड पे के मुताबिक पोलिंग पार्टी के लिए कर्मचारियों का चयन किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी आयोग करेगा। चुनाव ड्यूटी से किसी को मुक्त करने के लिए आयोग की अनुमति लेनी होगी।
उत्तर प्रदेश में चार चरणों में पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। 15 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होगा। 19 अप्रैल को दूसरे चरण, 26 अप्रैल को तीसरे चरण और 29 अप्रैल को चौथे चरण का मतदान कराया जाएगा। 2 मई को मतगणना होगी। इस चुनाव के पहले चरण के लिए तीन अप्रैल से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। दूसरे चरण के मतदान के लिए नामांकन प्रक्रिया 7 अप्रैल से 8 अप्रैल, तीसरे चरण में 13 से 15 अप्रैल और चौथे चरण के लिए 17 से 18 अप्रैल तक चलेगी।
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