52 पहले से थे, 3 ऑक्सीजन सिलिंडर लाकर डॉ. कफील ने कोई तीर नहीं मार लिया: DG
नई दिल्ली। गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में मासूमों की हुई मौत के बारे में बोलते हुए उत्तर प्रदेश चिकित्सा शिक्षा के महानिदेशक, केके गुप्ता ने कहा कि इस मौसम में इन्सेफेलाइटिस का प्रकोप अधिक रहता है। इसी बीमारी के चलते इन मासूमों को जान से हाथ धोना पड़ा। साथ ही इन मौतों का ऑक्सीजन की कमी से कोई संबंध नहीं है।
केके गुप्ता ने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के इन्सेफेलाइटिस वार्ड के इंजार्ज डॉ. कफील खान पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब उस वक्त 52 ऑक्सीजन सिलिंडर का भंडार अस्पताल में पहले से था ऐसे में डॉ. कफील ने 3 ऑक्सीजन सिलिंडर अलग से लाकर कोई तीर नहीं मार लिया। बता दें कि डॉ. कफील उस समय सुर्खियों में आए थे जब बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से मौत से जूझ रहे मासूमों को बचाने के लिए इन्होंने अपनी निजी क्षमता से ऑक्सीजन इकठ्ठा की थी।
केके गुप्ता ने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के निलंबित प्रिंसिपल राजीव मिश्र के बारे में कहा कि हमें उनके खिलाफ शिकायतें मिली है। उनका काम अव्यव्थित और मानक पर खरा उतरने वाला नहीं था। बाकि बातें जांच के बाद स्पष्ट होंगी।
इससे पहले सीएम योगी ने आज गोरखपुर मेडिकल कॉलेज का दौरा किया। उनके साथ केंद्रीय स्वास्थय मंत्री जेपी नड्डा भी थे। योगी ने कहा कि जांच कमेटी की रिपोर्ट आने दीजिए। आपको भरोसा दिलाता हूं, अगर किसी की भी लापरवाही से पूरे उत्तर प्रदेश में कहीं भी किसी की जान गई, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। बता दें कि इससे पहले योगी सरकार मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव मिश्र को भी निलंबित कर चुकी है।