बारिश की कमी योगी के सबसे बड़े अभियान को न लगा दे पलीता ?, वन विभाग ने जारी किया अलर्ट
लखनऊ, 13 जुलाई : उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सूबे को हरा भरा करने के लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाया हुआ है। लेकिन सूबे में बारिश की कमी सरकार के इस अभियान पर भारी पड़ रही है। मौसम विभाग के अनुसार यूपी में पिछली साल की तुलना में कम बारिश हुई है जिसकी वजह से वन विभाग की चिंता बढ़ गई है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मौसम पौधौं के अनुकूल नहीं है लेकिन इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की व्यवस्था की जाएगी और जिस जगह पर पौधे सूख जाएंगे वहां पर नये पौधों का प्लांटेशन कराया जाएगा यानी वन विभाग पर दोहरी मार पड़नी लगभग तय है।
वन विभाग ने सभी विभागों को जारी किए निर्देश
उत्तर प्रदेश में 5 जुलाई को 25 करोड़ पौधे और अगले दो दिनों में पांच करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन अब पौधों के अस्तित्व को बचाने की सबसे बड़ी चुनौती वन विभाग के सामने आ गई है। वन विभाग ने पौधरोपण अभियान में भाग लेने वाले सभी विभागों को निर्देश जारी किए हैं कि वे पौधों को पानी देने की व्यवस्था करें ताकि वे नष्ट न हों। पिछले एक सप्ताह में बारिश की कमी और कठोर मौसम पौधे के लिए अनुकूल नहीं है।
मजदूरों और टैंकरों की व्यवस्था करना चुनौती
वन विभाग के सूत्रों ने कहा कि राज्य में कृषि-वानिकी को बढ़ावा देने के लिए उन किसानों को भी पौधों को पानी देने के निर्देश जारी किए गए हैं, जिन्हें मुफ्त पौधे मिले हैं। "हमने मजदूरों और टैंकरों की व्यवस्था की है। मरने वाले पौधों को बदल दिया जाएगा।" दरअसल वृक्षारोपण राज्य सरकार के एजेंडे में से एक है जो 2030 तक राज्य के हरित क्षेत्र को 9.23% से 15% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
सूख चुके पौधों को बदलने की योजना
दरअसल कुछ जिलों में जहां प्री-मानसून बारिश भी नहीं हुई है और जहां तापमान और आर्द्रता अविश्वसनीय रूप से अधिक है। अधिकारी पहले से ही सूख चुके पौधों को बदलने के लिए मानसून की प्रतीक्षा कर रहे हैं। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "हर जिले में एक ही समय में बारिश नहीं होती है, इसलिए उच्च सफलता दर हासिल करने के लिए स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार वृक्षारोपण की योजना बनाई जानी चाहिए।"
वन विभाग के पास मृत पौधों का कोई डेटा नहीं
बकौल वन विभाग अधिकारी, ''सरकार ने वर्ष 2022 के लिए कुल 35 करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य रखा था उसमें से 30 करोड़ पहले ही लगाए जा चुके हैं और उनके अस्तित्व बचाने के लिए उनकी देखभाल और रखरखाव पर अतिरिक्त खर्च की आवश्यकता है। मृत पौधों को बदलने से वृक्षारोपण की लागत और बढ़ जाएगी। अब तक, हालांकि, विभाग के पास उन पौधों का डेटा नहीं है जो जीवित नहीं रहे।''
पौधों के लिए एक से 15 जुलाई तक आदर्श स्थिति
राष्ट्रीय स्तर पर वन महोत्सव (जुलाई के पहले सप्ताह) से वृक्षारोपण शुरू होता है। यह राज्य में वृक्षारोपण के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है जो 15 सितंबर तक चलता है। आदर्श रूप से, स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार 1 जुलाई से 15 सितंबर के बीच कभी भी रोपण किया जाना चाहिए। लेकिन जब एक ही दिन में करोड़ों पौधे लगाने की बात आती है। वन विभाग को पहले से योजना बनाने की जरूरत है।