वाराणसी में मनाई जा रही देवताओं की दीपावली, लालकृष्ण आडवाणी ने जलाया दीप
वाराणासी। बनारस में आज देव दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है। इस दीवाली को देवताओं की दीपावली कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन सभी देवता बनारस में गंगा किनारे दीपावली मनाने आते हैं। यह पर्व दीपावली के ठीक 15 दिन बा कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मनाया जाता है। आज के दिन बनारस के सभी घाट दीपों से जगमगा उठते हैं। बनारस की देव दीपावली पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इसे देखने के लिए विदेशों से बी भारी मात्रा में सैलानी आते हैं। आइए देखते हैं इस खास पर्ल पर बनारस के घाटों की कुछ मनमोहक तस्वीरें ..
क्यों मनाते हैं देव दीपावली?
यह पर्व त्रिपुरासुर के वध के बाद जब देवताओं ने महादेव की आरती की थी उसी आस्था के साथ काशी में मनाया जाता है। पुराणों की माने तो इस महाउत्सव में शामिल होने के लिए देवता भी आकाश से उतर कर धरती पर आ जाते है। वहीं अहिल्याबाई होल्कर और काशी के राजा विभूति नारायण सिंह के निर्देश पर शुरू हुआ ये पर्व आज अपनी अनोखी छटा बिखेर रहा है।
लालकृष्ण आडवाणी ने जलाया दीपक
इस अदभुत आभा के विहंगम दृश्य को देखने और उसे महसूस करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेता बनारस आए हुए हैं। दोपहर में ही वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी अपनी बेटी प्रतिभा के साथ सर्किट हाउस पहुंचे। आडवाणी ने अपना 90वां जन्म दिन वाराणसी के खिड़कियां घाट पर 90 दीप जलाकर मनाया। साथ में उनकी बेटी प्रतिभा और डीएम और एसएसपी भी रहे मौजूद। यहां से उन्होंने बनारस के मुख्य घाट दशावश्मेध घाट जाकर देव दीपावली का आनंद लिया।
भाजपा के कई दिग्गज नेता भी भाग लेने आए
रीता बहुगुणा जोशी भी शीतल घाट पर आयोजित गंगोत्री सेवा समिति के महाआरती में बतौर मुख्य अतिथि शामिल है। इसके अलावा गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदी बेन भी दशश्वमेघ घाट पर गंगा सेवा निधि के मंच पर अपने परिवार के साथ बैठी है जो यहाँ की आरती में मुख्य अतिथि है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार ने कुछ अपने खास विदेशी मेहमानों का भी राजघाट पर अधिकारियों से सम्मान कराया जो पहली बार काशी आये है।
गिरजा देवी को भी किया गया याद
तुलसी घाट पर इस बार ठुमरी सम्राज्ञी स्वर्गीय गिरजा देवी की याद में देव दीपावली मनाई जा रही है। oneindia से बात करते हुए संकट मोचन मंदिर के महंत विश्वम्भर नाथ मिश्र ने बताया कि यहां ठुमरी क्वीन की 80 फीट का कटआउट लगाया गया है। साथ ही साथ उन्ही से सम्बंधित संगीत का आयोजन भी किया जा रहा है। इसके अलावा 5100 दीपको से घाट को सजा पर यह कि देव दीपावली उत्सव स्वर्गीय गिरजा देवी को समर्पित किया जाएगा
विदेशी सैलानी भी आए
काशी के अर्धचन्द्राकार घाट जहां दीपावली से ठीक 15 दिनों बाद देव दीपावली मनाई जाती है। इस दिन गंगा के किनारे बने घाट टिमटिमाते हुए दीपकों से जगमग हो उठते हैं वहीं पूरे विश्व मे मशहूर इस महापर्व की अदभुद छटा को देखने के लिए पूरे विश्व से काफी संख्या में सैलानियों का समूह बनारस आया हुआ है।
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