पुलिसकर्मी ने पेश की मिसाल: बिछड़े बच्चे को परिजनों से मिलवाया
गाजियाबाद। अपने नाना के घर जा रहा एक 12 साल का बच्चा रास्ता भटक गया। गाजियाबाद पुलिस के एक सिपाही की नजर इस बच्चे पर गई तो उसने उसका नाम पता पूछा। बच्चे ने अपने नाना का पता बता दिया। पुलिसकर्मी ने घर को काफी तलाश किया लेकिन घर का पता नहीं चल सका। लेकिन सिपाही ने भी हिम्मत नहीं हारी। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सिपाही ने बच्चे के नाना का घर ढूंढ निकाला और उसे उनके सुपुर्द कर दिया। बच्चे को सामने देखकर परिजनों के चेहरों पर खुशी छलक गई।
जानकारी के अनुसार, मोहम्मद जान उम्र 12 साल का एक बालक अपने पापा से लड़कर गुरुवार की सुबह बरेली की बस में अपने नाना यासीन निवासी केला भट्टा के पास जाने के लिये बैठ गया। रोडवेज बस के कंडक्टर ने बच्चे से पूछताछ के बाद मोहम्मद जान को लाल कुआं उतार दिया। बस से उतकर यह बच्चा लाल कुआं में इधर उधर भटकने लगा। इस दौरान बाइक पर गश्त करते हुए सिपाही देव कुमार की नज़र बच्चे पर गई।
सिपाही देवकुमार ने बच्चे के चेहरे को पढ़कर समझ लिया कि वह परेशानी में है। उसने बच्चे से दोस्ताना अंदाज में बातचीत की और उससे उसके घर का पता पूछा। तब बच्चे ने बताया कि उसे अपने नाना यासीन के यहां जाना है जो लाल कुआं में मोरी मजिस्द के पास रहते हैं। सिपाही बच्चे को लेकर लालकुआं में काफी घूमा लेकिन उसे बच्चे के नाना का घर नहीं मिला। इस दौरान किसी ने सिपाही को बताया कि यहां मोरी मजिस्द तो कोई नहीं है लेकिन एक मोती मजिस्द है।
सिपाही मोती मजिस्द के पास गया और काफी तलाश के बाद उसे यासीन का मकान मिल गया। घर पर यासीन और परिवार के अन्य लोग मोहम्मद जान के लापता होने से परेशान बैठे थे। जब सिपाही देवकुमार उनके बच्चे मोहम्मद जान को लेकर उनके सामने पहुंचा तो परिजनों के चेहरे खुशी से खिल उठे। बेटे को सामने पाकर परिजनों ने सिपाही को खूब दुआ दी।
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