UP: CBI करेगी PCS- 2015 की कॉपियों की जांच, मिले गड़बड़ी के सबूत
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्तियों की जांच कर रही सीबीआई को 2015 में हुई PCS भर्ती के दौरान नंबर घटाने बढ़ाने वाली गड़बड़ी के सबूत मिले हैं। भर्ती के दौरान अनियमितता बरते जाने के सबूत हाथ लगते ही सीबीआई ने अभ्यर्थियों की कॉपियों की जांच का फैसला किया है और उत्तर पुस्तिकाएं अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सीबीआई जब कॉपियों की जांच करेगी तो यह तथ्य पूरी तरह सामने आ जायेगा कि आखिर घपलाबाजी में साथी कौन है? यानी सीबीआइ कॉपी के पुनर्मूल्यांकन से यह जानेगी कि कितने ऐसे अभ्यर्थी चयनित हुए हैं जिन्हें नियमों को दरकिनार कर आगे बढ़ाया गया है।
सीबीआई
के
विशेषज्ञ
जांचेंगे
कॉपी
सबसे
पहले
पीसीएस
मुख्य
परीक्षा
की
उत्तर
पुस्तिकाओं
का
पुनर्मूल्यांकन
होगा
और
इस
पुनर्मूल्यांकन
की
प्रक्रिया
को
आयोग
के
विशेषज्ञों
से
इतर
सीबीआई
के
विशेषज्ञ
करेंगे।
इस
पुनर्मूल्यांकन
में
उन
सभी
चयनित
अभ्यर्थियों
की
भी
उत्तर
पुस्तिकाएं
देखी
जाएंगी
जो
प्रथम
चरण
में
पास
हुए
हैं।
फिलहाल
मुख्य
परीक्षा
और
प्रथम
चरण
वाली
परीक्षा
की
जांच
में
वह
खास
अभ्यार्थी
ढूंढे
जायेंगे,
जिन्हे
नियम
तोड़कर
आगे
बढाया
गया
है।
फिलहाल
सीबीआई
ने
प्रथम
चरण
में
पीसीएस
2015
के
चयनितों
की
मूल
कॉपियां
मांगी
हैं।
जिस
पर
आयोग
का
कहना
है
कि
जांच
टीम
अपने
स्तर
पर
उनका
पुनर्मूल्यांकन
कराएगी
या
अन्य
कोई
प्रक्रिया
अपनायी
जाएगी
यह
उनका
विषय
है।
UPPSC
की
चल
रही
है
सीबीआई
जांच
गौरतलब
है
कि
उत्तर
प्रदेश
लोक
सेवा
आयोग
की
भर्तियों
की
सीबीआई
जांच
कर
रही
है
और
इस
जांच
के
दायरे
में
2015
की
PCS
भर्ती
की
सबसे
ज्यादा
शिकायतें
आई
है।
हालांकि
इसके
अलावा
भी
कई
ऐसी
परीक्षाएं
हैं
जिनमें
शिकायतों
के
बाद
जब
सीबीआई
ने
जांच
शुरू
की
तो
गड़बड़ी
के
साक्ष्य
मिले
हैं।
सीबीआई
को
खासकर
प्रतियोगी
परीक्षाओं
की
तैयारी
करने
वाले
अभ्यर्थियों
ने
साक्ष्य
उपलब्ध
कराएं
हैं।
जिनमे
बहुत
सारे
साक्ष्य
आरटीआई
से
भी
संबंधित
हैं।
आपको
याद
दिला
दें
कि
2015
की
शिक्षक
भर्ती
में
सुहासिनी
बाजपेई
का
मामला
खूब
गुंजा
था।
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
तक
ने
इस
मामले
को
चुनावी
मंच
से
उठाया
था,
जिसके
बाद
सुहासिनी
बाजपेई
प्रकरण
ने
तूल
पकड़
लिया
और
आयोग
की
जांच
में
पता
चला
था
कि
बाजपेई
की
कॉपी
बदल
दी
गई
थी।