बुलंदशहर सदर सीट पर आमने-सामने आए दो बाहुबली, क्या होगा परिणाम
यूपी में विधानसभा चुनाव 2017 का आगाज होने के साथ ही बुलंदशहर सदर सीट पर दो बाहुबली आमने-सामने आ गए है।
बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बुलंदशहर की सदर सीट से बसपा से हाजी अलीम और रालोद से भगवान शर्मा उर्फ गुडडू पंडित उम्मीदवार हैं। हाजी अलीम पिछले 10 सालों से बसपा के टिकट पर बुलंदशहर सदर सीट से विधायक है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री व राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर उर्फ राजू भैया को हराकर डिबाई सीट पर पिछले 10 सालों से गुडडू पंड़ित का कब्जा है। दोनों ही बाहुबली अब बुलंदशहर सदर सीट पर टकरायेगें।
बुलंदशहर सदर सीट से हाजी अलीम एक बार फिर बसपा के टिकट पर मैदान में हैं। वे लगातार दो बार विधायक रहे हैं और अब तीसरी बार भी पूरे जोश के साथ चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे हैं। बाहुबली कहे जाने वाले अलीम पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डाकू कह कर चर्चा में आ गए थे। वैसे ये कोई पहला मौका नहीं था जब अलीम चर्चा में रहे हों। चलिए आपको बताते हैं कि मोहम्मद हाजी अलीम कब-कब और क्यों चर्चा में रहे।
क्या है हाजी अलीम का इतिहास-
साल 2013 में विधायक अलीम की पत्नी का कत्ल हो गया था। पुलिस की तफ्तीश में सुई बार बार किसी करीबी की ओर घूम रही थी। पता चला कि उनके बेटों ने ही अपनी सौतेली मां का कत्ल कर दिया था। 2012 में जो हलफनामा अलीम ने दाखिल किया था उसके मुताबिक उनकी दो पत्नियां थीं जिनमें से रेहाना का कत्ल हो गया था। साल 2003 में उनके भाई हाजी युनुस और उन पर नेपाली लड़कियों के साथ रेप का आरोप भी लगा था। पिछले दिनों विधायक ने इस मामले में सरेंडर भी किया था और उन्हें जमानत भी मिल गई थी।
2003 के इसी प्रकरण के बाद से अलीम राजनीति में सक्रिय हुए थे। उनके भाई हाजी युनुस ने पूर्वी दिल्ली से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन जीत नहीं पाए थे। वे फिलहाल ब्लॉक प्रमुख बन गए हैं और अपने भाई की जीत के लिए जुटे हुए हैं। अलीम उस वक्त भी चर्चा में आए थे जब मेरठ में उनका बेटा पुलिस एनकाउंटर में माया गया था। अलीम ने जो हलफनामा 2017 में दाखिल किया है उसके मुताबिक उन पर तीन मामले चल रहे हैं। हालांकि उनकी छवि बेहद दबंग और बाहुबली की रही है।
गुडडू पंड़ित -
2007
में
जब
गुड्डू
पंडित
उर्फ
श्रीभगवान
शर्मा
ने
बसपा
के
टिकट
पर
डिबाई
विधानसभा
सीट
से
ताल
ठोकी
थी
तब
किसी
को
अंदाजा
नहीं
था
कि
क्या
होने
वाला
है।
सारे
सियासी
समीकरणों
के
धता
बता
कर
गुड्डू
विधायक
बन
गए।
उन्होंने
कल्याण
सिंह
का
गढ़
कहे
जाने
वाले
डिबाई
में
उन्हीं
के
बेटे
को
हरा
दिया।
2012
में
उन्होंने
एक
बार
फिर
जीत
हासिल
की।
इस
बार
भी
उन्होंने
कल्याण
के
बेटे
राजू
को
हरा
दिया।
तीसरी
बार
वो
चुनाव
मैदान
में
बुलंदशहर
सदर
सीट
से
रालोद
के
टिकट
पर
उतर
रहे
है।
देखना
ये
होगा
कि
इस
बार
जनता
का
दिल
वो
जीत
पाएंगे
या
नहीं।
क्या है गुडडू पंडित का इतिहास-
2007 में बसपा के टिकट पर जीत हासिल करने वाले गुड्डू पंडित को 2012 में सपा के टिकट पर जीत मिली और अब 2017 में वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। लेकिन ऐसा क्या हुआ कि हर चुनाव में वो अलग पार्टी के निशान पर मैदान में उतरते हैं। ये तो सवाल ही है जिसका जवाब वे कभी नहीं देते। 2012 में उन्होंने जो हलफनामा दाखिल किया उसके मुताबिक उन पर 13 आपराधिक मामले चल रहे हैं। 2008 में उन पर एक लड़की ने उन पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। ये मामला काफी बढ़ गया था और तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने उन्हें दिल्ली स्थित अपने बंगले पर बुलाया था। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
बेहद दबंग और आपराधिक छवि के बावजूद अखिलेश ने उन पर भरोसा जताया था। डीपी यादव की खिलाफत करने वाले अखिलेश ने गुड्डू पर लगे आरोपों के बावजूद उन्हें टिकट दी थी और उनके भाई मुकेश पंडित को भी शिकारपुर सीट से टिकट दिया था। गुड्डू और मुकेश दोनों ने ही जीत हासिल की और सपा के जिले में मजबूत बनाया। बीजेपी से धोखा खाने के बाद अब विधायक बंधुओं ने रालोद का दामन धाम लिया है।" हाजी अलीम और गुडडू पंडित दोनो ही धनबल और बाहुबल के धनी है। अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिर जीत किस को मिलेगी। हालांकि नतीजे तो 11 मार्च हो आयेगें, लेकिन अभी से शहर में हर नुक्कड़ चौराहे पर इस जंग की चर्चाये हो रही है। ये भी पढ़ें: बुलंदशहर सदर सीट पर आमने-सामने आए दो बाहुबली, क्या होगा परिणाम