बसपा का यह बाहुबली भगवा गमछा डाल सीएम योगी से मिला, मची खलबली
मिर्जापुर। भगवा रंग किसी का पेटेंट नहीं है पर योगी सरकार में इस रंग की अपनी अलग अहमियत है। ऐसे में जब शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह के पिता की तेरहवीं में आए थे तो वहां पर बसपा नेता और पूर्व एमएलसी बाहुबली श्याम नारायण उर्फ विनीत सिंह भगवा गमछा धारण किए नजर आए। यही नहीं विनीत सिंह भगवा गमछे के साथ मुख्यमंत्री से वीआईपी पंडाल में मिले। इसके बाद से विनीत सिंह के विरोधियों में खलबली मच गई है।
सीएम से भेंट के बाद शुरू हुई अफवाहें
हलिया ब्लाक के बैधा गांव में भाजपा के केन्द्रीय और प्रदेश स्तर के नेताओं के आने-जाने का सिलसिला दिनभर चलता रहा। विनीत का भी वहां आना और वीवीआईपी गेस्ट की गैलरी में रहना उतना चर्चा का विषय न बनता लेकिन गले में पड़े भगवा गमछा और सीएम से मुलाकात से बाद अफवाहों का दौर शुरू हुआ। इसे धार दी विरोधी खेमे ने जो इसकी पुष्टि के लिए मीडिया से लेकर खुफिया विभाग तक से सम्पर्क साधता रहा। विनीत के संग चंदौली के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबली भी थे, जिससे इसे पंख लगे। शाम को केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ के पुत्र पंकज सिंह के साथ भी विनीत की गुफ्तगू हुई।
अरुण सिंह से व्यक्तिगत संबंधों के चलते आए
अरुण सिंह के आवास पर भगवा गमछा डाले नजर आने के सवाल पर विनीत सिंह ने कहा कि उनके अरूण सिंह के व्यक्तिगत संबंध हैं। यहां सुबह सबसे पहले आने वाले हर किसी को यह गमछा अरुण सिंह की ओर से दिया गया है।
कई जिलों में बसपा को लग सकता है बड़ा झटका
विनीत सिंह वाराणसी के रहने वाले हैं। मिर्जापुर-सोनभद्र की सीट से एमएलसी रहे हैं। उनकी पत्नी प्रमिला सिंह दूसरी बार मिर्जापुर की जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुई है। विधानसभा चुनाव चंदौली की सैयदराजा सीट से लड़ा और भाजपा की सुनामी के बावजूद करीबी मुकाबले में सुशील सिंह से पराजित हुए। चुनाव के काफी पहले से विनीत रांची जेल में निरुद्ध थे और उन्हें पर्चा दाखिल करने के बाद आने तक का मौका नहीं मिला था। बसपा में कई नेता कई जिलों में जनाधार रखते हैं ऐसे में यदि वह भाजपा से जुड़ते हैं तो पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है।
योगी के सामने एक साथ दिखे धुर विरोधी विनीत व सुशील सिंह
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने राजनीतिक रूप से धुर विरोधी कहे जाने वाले दो नेता एक साथ में रहे। इन नेताओं में मिर्जापुर-सोनभद्र के पूर्व एमएलसी विनीत सिंह और चंदौली जिले के सैयदराजा के विधायक सुशील सिंह शामिल रहे। वैसे तो विनीत सिंह बसपा के नेता हैं लेकिन भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह से व्यक्तिगत संबंध होने के कारण वह सुबह से ही उनके घर पर मौजूद रहे। दोपहर में मुख्यमंत्री के आने पर विधायक सुशील सिंह भी दल-बल के साथ पहुंच गए। दोनों लोगों का आमना-सामना मुख्यमंत्री के सामने ही हो गया। दोनों लोग काफी देर तक मुख्यमंत्री के पास रहे।
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