सीएम योगी पर फूटा हार का ठीकरा, भाजपा नेताओं ने गिनाए हार के कारण
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लोकसभा उपचुनाव में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा है, उसके बाद पार्टी के भीतर हार के कारणों को लेकर मंथन चल रहा है। लगातार पाार्टी के भीतर तमाम नेता नतीजे आने के बाद अपना असंतोष जाहिर कर रहे हैं। हालांकि नेता खुलकर हार की वजह लोगों के सामने नहीं रख रहे हैं, लेकिन दबी जुबान नेताओं का मानना है कि उपचुनाव में पार्टी की हार की मुख्य वजह जातीय समीकरण की अनदेखी, गोहत्या को रोकने के चलते पड़ा प्रभाव, नेताओं की बयानबाजी अहम रही है।
जातीय समीकरण फेल
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के एक समर्थक का कहना है कि गोरखपुर और फूलपुर में गलत प्रत्याशी का चुनाव भी पार्टी की हार की एक बड़ी वजह है। पार्टी के एक बड़े धड़े का मानना है कि पार्टी इस बार के उपचुनाव में जातीय समीकरण को समझने में पूरी तरह से विफल रहा। प्रदेश के एक अति पिछड़ी जाति के भाजपा सांसद का कहना है कि पार्टी की जी की बड़ी वजह है गैर यादव, ओबीसी और गैर जाटव दलित वोटों का समर्थन था, लेकिन चुनाव जीतने के बाद पार्टी ने एक ठाकुर को मुख्यमंत्री बना दिया और एक ब्राह्मण को पार्टी का उपमुख्यमंत्री बना दिया गया।
गरीबो की कोई नहीं सुन रहा
सांसद का कहना है कि पुलिस स्टेशन और सरकारी दफ्तरों में गरीब और दबे कुचले वर्ग की आवाज को नहीं सुना जा रहा है। गौरतलब है है कि पार्टी ने गैर यादव ओबीसी नेता केशव प्रसाद मौर्या को पहले प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन यूपी विधानसभा चुनाव में जीत के बाद भगवाधारी योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बना दिया गया। साथ ही पार्टी के अध्यक्ष के पद पर महेंद्र पांडे को चुन लिया गया। लोगों का कहना है कि केशव प्रसाद मौर्या को यूं तो प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनाया गया है लेकिन उन्हें कुछ खास अधिकार नहीं दिए गए हैं।
सरकार नहीं ला पाई परिवर्तन
मोहनलालगंज से भाजपा सांसद किशोर कौशल ने बताया कि योगी सरकार 120 दिनों में लोगों की जिंदगी में कुछ भी खास परिवर्तन लाने में पूरी तरह से विफल रही है। अधिकारी सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचा नहीं पा रहे हैं। प्रदेश के गरीब और पिछेड़ अभी भी काफी परेशान हैं और कोई भी उनकी सुनने को तैयार नहीं है। किसानों के कर्जमाफी योजना को सही से नहीं लागू करा पाने की वजह से किसानों में सरकार के प्रति गुस्सा है। बड़ी संख्या में बूढ़ी गाय, सांड़ किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं, यह भी किसानों की एक बड़ी नाराजगी की वजह है।