भाजपा के एजेंडे को पश्चिमी यूपी में धार देने के लिए योगी आदित्यनाथ को मिली कमान
पार्टी ने अपने फायर ब्रांड नेता योगी आदित्नाथ को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भेजा है और उनके हाथों मे पश्चिमी यूपी के प्रचार की कमान दी है।
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र के जारी होने के बाद पार्टी ने अपनी चुनावी रणनीति बनानी शुरु कर दी है। पार्टी ने अपने फायर ब्रांड नेता योगी आदित्नाथ को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भेजा है और उनके हाथों मे पश्चिमी यूपी के प्रचार की कमान दी है। घोषणा पत्र जारी होने के बाद योगी आदित्यनाथ राम मंदिर, कैराना पलायन, गोहत्या जैसे मुद्दों को लेकर पश्चिमी यूपी में भाजपा का अभियान शुरु कर सकते हैं।
गोरखपुर से भाजपा के सांसद योगी आदित्यनाथ पार्टी के पहले स्टार प्रचारक होंगे जो बुलंदशहर, धोलना, लोनी, साहिबाबाद में भाजपा की चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे। धोलना हापुड़ जिले में हैं, जबकि लोनी और साहिबाबाद गाजियाबाद जिले मे आता है जो कि एनसीआर रीजन में है, इन सभी जगहों पर योगी आदित्यनाथ पार्टी के लिए प्रचार करेंगे। यहां गौर करने वाली बात यह है कि योगी आदित्यनाथ की पकड़ गोरखपुर के आस पास के जिलों में मानी जाती है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें पश्चिमी यूपी में प्रचार करने के लिए भेजा गया है।
पीएम मोदी के बाद योगी आदित्यनाथ दूसरे नंबर पर
योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद प्रदेश में दूसरे नंबर का सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में माना जा रहा है और तमाम इलाकों के नेता उन्हें प्रचार करने के लिए आमंत्रित भी कर रहे हैं। इसी के चलते योगी आदित्यनाथ की 12 सभाओं के लिए चुनाव आयोग की अनुमति भी मांगी गई है। पांच बार के सांसद योगी आदित्यनाथ मुजफ्फरनगर मे एक बार फिर से 2013 के दंगों के बाद 1 फरवरी को रैली को संबोधित करेंगे। इसी दिन वह शामली और बागपत के जिलों में भी रैलियों को संबोधित करेंगे। वहीं 2 फरवरी को योगी आदित्यनाथ हाथरस, आगरा और मथुरा में रैलियों को संबोधित करेंगे। हालांकि एक व दो फरवरी को होने वाली रैली के लिए चुनाव आयोग की हरी झंडी अभी नहीं मिली है, लेकिन पार्टी के नेताओं का मानना है कि उनकी रैलियों की आयोग की हरी झंडी मिल जाएगी।
बूचड़खाने होंगे योगी आदित्यनाथ के निशाने पर
भाजपा के घोषणा पत्र में जिस तरह से बूचड़खानों पर पाबंदी लगाने की बात कही गई है उसे देखते हुए पार्टी के नेताओं को भरोसा है कि उसे पश्चिमी यूपी में भी बहुमत हासिल होगा। पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने हा कि प्रदेश में कुल 55 बूचड़खाने हैं और जिसे पर्यावरण विभाग की ओर से क्लीनचिट मिली है। बाजपेयी ने कहा कि कुल 55 बूचड़खानों में से 51 बूचड़खाने आगरा और सहारनपुर के बीच में हैं। इन बूचड़खानों के चलते इस इलाके में जानवरों की संख्या में भारी कमी आई है। इसके चलते दूध की कीमतों में बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है, जिसकी वजह से दूध में मिलावट का काम काफी तेजी से बढ़ा है। हालांकि उन्होंने कहा कि जो बूचड़खाने स्थानीय लोगों के लिए हैं और रोजाना की जरूरतों को पूरा करते हैं उसपर पाबंदी नहीं लगाई जाएगी। यह पाबंदी सिर्फ उन बूचड़खानों पर लगाई जाएगी जहां से मीट निर्यात किया जाता है। ऐसा करने से ना सिर्फ दूध की कीमतों में कमी आएगी बल्कि दूध में मिलावट भी खत्म हो जाएगी। बाजपेयी ने कहा कि यूपी में कुल 13 फीसदी लोग मांस खाते हैं।
ऐसे में योगी आदित्यनाथ का पश्चिमी यूपी में भेजे जाना पार्टी के अहम एजेंडे के तहत माना जा रहा है। पश्चिमी यूपी में बसपा और सपा ने बड़ी संख्या में मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, लिहाजा योगी आदित्यनाथ का इस इलाकों प्रचार करना वोटों के ध्रुवीकरण में अहम भूमिका निभा सकता है। बुलंदशहर में बसपा ने मोहम्मद आलिम खान जबकि सपा ने सुजात खान को उतारा है। लोनी में बसपा ने हाजी जाकिर अली, सपा ने राशिद मलिक धोलना को उतारा है। पढ़े :UP चुनाव परिणाम पर विपक्ष के चैलेंज को अमित शाह ने स्वीकारा
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English summary
BJP appointed Yogi Adityanath to campaign in wester Uttar Pradesh. He has been sent to western UP after the release of BJP manifesto.
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