बरेली: लग्जरी गाड़ियों से जाता था अपनी स्कीम बेचने, 300 करोड़ लेकर हो गए फरार
बरेली। बरेली का नीरव मोदी करीब 300 करोड़ रुपये का चूना लगाकर फरार हो गया है। लोगों को जल्द अमीर बनने का सपना दिखाकर उसने ऐसा ठगा कि ठग कम्पनी का नेटवर्क यूपी, गुजरात, समेत कई राज्यो में फैला है। आखिर कैसे बरेली का ये नीरव मोदी लोगों को अपने जाल में फ़ासता था।
ठग राजेश मौर्या ने शहर भर में 160 फ्रेंचाइजी खोल रखी थीं। एक फ्रेंचाइजी के लिए 2 लाख रुपये लेता था और फिर उसे हर महीने 10 हजार रुपये और ऑफिस का खर्च देता था। लोगों को राजेश पर बहुत विश्वास था और लोग आंख बंद करके अपनी जमा पूंजी लगा रहे थे। बारादरी में सतीपुर इलाके की चंद्रगुप्तपुरम कालोनी के रहने वाले राजेश मौर्य ने ग्रीन पार्क के सामने अरमान हाईटस बिल्डिंग में गंगा ग्रुप आफ कंपनीज के नाम से आफिस खोला था। रियल इस्टेट कारोबार बताकर कंपनी ने लोगों के लाखों-करोड़ो रुपये निवेश कराये। उन्हें डेढ़ साल में रुपये दो गुने करने का झांसा दिया। इसके अलावा हर महीने ब्याज देने की भी स्कीम चलाई। आरोपी राजेश मौर्य और उसके साथी एजेंट लोगों को डेढ़ साल और ढाई साल के निवेश की गई रकम की दोगुनी रकम के चेक काटकर देते थे। कई लोगों को उन्होंने प्लाट की भी रजिस्ट्री कराई। पिछले कई महीनों से कंपनी के चेक बाउंस हो रहे थे। लोग उनके आफिस में जाकर हंगामा कर रहे थे।
शुक्रवार को मैसर्स गंगा इंफ्रासिटी प्राइवेट लिमिटेड का एमडी राजेश मौर्य और उसके साथी एजेंट ऑफिस में ताला डालकर फरार हो गये। इसके बाद लोगों ने आफिस में हंगामा किया। आरोपियों के मोबाइल नंबर भी बंद जा रहे हैं। लोगों ने एसएसपी आफिस में मामले की शिकायत की। इसके बाद थाना बारादरी पहुंच कर 8 लोगो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। एसपी सिटी अभिनंदन सिंह ने आरोपी राजेश मौर्य समेत आठ लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और रुपये हड़पने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।
पीलीभीत बाईपास पर चंद्रगुप्तपुरम कालोनी के रहने वाले गंगा इंफ्रासिटी प्राइवेट लिमिटेड के एमडी राजेश मौर्य, एजेंट अजय मौर्य, मनोज मौर्य, दिनेश मौर्य, सिविल लांइस में वसुंधरा होटल के पीछे रहने वाले विश्वनाथ मौर्य, कृष्णनाथ मौर्य, शिवनाथ मौर्य और संदीप सिंह के खिलाफ बारादरी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। दो गुने के झांसे के लालच में लाखों डूबे शांतिपुरम कालोनी के रहने वाले योगेंद्र सिंह, रोहिली टोला के संजीव गुप्ता, राजेश त्रिपाठी, राजीव गुप्ता, वैभव सनसिटी विस्तार के रहने वाले शोभित वाजपेयी, सुरेंद्र कुमार, सचिन सक्सेना, दिलीप कुमार, विजय मौर्या, नेतराम वर्मा, श्याम यादव, अनिल सिंह, आकाश सक्सेना, विजेंद्र पाल सिंह, ओमपाल सिंह, विशाल शर्मा, समेत शहर के कई प्रतिष्ठित व्यपारियो ने इस कंपनी में करोड़ों निवेश किये हैं।
गंगा ग्रुप ऑफ कंपनीज ने अमीर ग्राहकों को फांसने के लिये अपने सुपर एजेंटों को लग्जरी गाड़िया दे रखीं थीं। ग्रुप में सभी 8 लोगों के पास लग्जरी गाड़िया थीं। अन्य लोगों को बाइक दी गई थी। लग्जरी गाडियों से जब लोग जाते थे तो बड़े-बड़े लोग कंपनी में पैसा निवेश करते थे। सूत्रों से मिली जानकारी से पता चला है कि कई विधायकों ने भी करोड़ों रुपया कंपनी में निवेश किया है। शहर के नामचीन डॉक्टर, इंजीनियर, व्यापारी, से लेकर प्रोफेसर और कई अमीरों के करोड़ों रुपये डूब गये हैं। उन्होंने चेक और आरटीजीएस के जरिये रुपये कंपनी के एकाउंट में रुपये ट्रांसफर किये थे। कंपनी भागने के बाद ऐसे सफेदपोश लोग शर्म की वजह से मुंह भी नहीं खोल रहे हैं।
लोगों से करीब 300 करोड़ लेकर भागा राजेश मौर्य विदेश भागने की फिराक में है। लोगों को डर है कि कही सभी आठों ठग विदेश ना भाग जाएं। वहीं एसपी सिटी अभिनंदन सिंह ने उसका पासपोर्ट रद्द करवाने की कार्रवाई भी शुरू कर दी है। गंगा ग्रुप आफ कंपनीज के एमडी राजेश मौर्य ने 6 साल पहले रियल एस्टेट का काम शुरू किया था। बीसलपुर रोड पर उसने काफी लैंड बैंक बना रखा है। उसी में वह कालोनी काट रहा था। निवेशकों का रुपया वहीं कॉलोनी में लगाया जा रहा था। रुपये के बदले वह प्लाट की रजिस्ट्री करवा रहा था। इसके अलावा वह निवेशकों को अतिरिक्त ब्याज का तोहफा भी दे रहा था।
ये है वो लुभावनी स्कीमें जिसमे झांसे में फंसे लोग
डेढ़
साल
में
एक
लाख
के
दो
लाख,
चेक
एडवांस
एक
लाख
रुपये
जमा
करने
पर
हर
महीने
छह
हजार
रुपये
ब्याज
दो
से
पांच
और
दस
लाख
देने
पर
प्लाट
की
रजिस्ट्री,
ब्याज
अतिरिक्त
चेक
भुगतान
की
तारीख
आने
से
पहले
खाते
में
रुपये
ट्रांसफर
चेक
बाउंस
होने
पर
कंपनी
की
ओर
अतिरिक्त
ब्याज
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