वायरल लेटर पर बोलीं फतेहपुर की डीएम Apurva Dubey, 'मैंने तो कोई गाय पाली ही नहीं'
लखनऊ, 14 जून: फतेहपुर जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) की गाय की देखभाल के लिए पशु चिकित्साधिकारी ने सात डॉक्टरों की ड्यूटी लगाने का आदेश जारी किया था, जिसका पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। सोशल मीडिया पर जैसे ही लेटर वायरल हुआ तो मामले ने तूल पकड़ लिया। सोशल मीडिया पर पत्र वायरल होने के बाद सवाल उठे तो डीएम ने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए इसे छवि को खराब करने की साजिश करार दिया। साथ ही कहा कि मैंने तो कोई गाय पाली ही नहीं है। इतना ही नहीं, पशु चिकित्साधिकारी एसके तिवारी को शासन ने निलंबित कर दिया है।
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सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था पत्र
सोशल मीडिया पर जो पत्र वायरल हो रहा है वो फतेहपुर के जिला मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय का बताया जा रहा है। वायरल पत्र में सरकारी पशु चिकित्सकों के एक समूह को फतेहपुर जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) की गाय की देखभाल करने का आदेश दिया गया है। फतेहपुर के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (सीवीओ), डॉ एसके तिवारी ने फतेहपुर डीएम की गाय की देखभाल के लिए हफ्ते के प्रत्येक दिन सात डॉक्टरों को आदेश दिया है। वायल पत्र में कहा गया है कि 'डीएम महोदया की गाय की चिकित्सा करने हेतु निम्नाकित पशु चिकित्सकों की प्रतिदिन सुबह और शाम की ड्यूटी लगाई जाती है।'
गाय की देखभाल के साथ रिपोर्ट भी करनी है फाइल
सोशल मीडिया पर वायरल पत्र के मुताबिक, पशु चिकित्साकों न केवल डीएम की गाय की देखभाल करनी होगी है, बल्कि उन्हें एक रिपोर्ट भी दाखिल करनी होती है कि उन्होंने आज पूरे दिन क्या-क्या किया है। जारी सर्कुलर में सीवीओ ने डॉ दिनेश कुमार को संबंधित डॉक्टरों के साथ संबंध स्थापित करने और उनके द्वारा किए गए कार्यों का फॉलोअप लेने के लिए भी कहा है। डॉ दिनेश कुमार हर दिन शाम 06:00 बजे सीवीओ के कार्यालय में रिपोर्ट करते हैं।
डीएम अपूर्वा दुबे ने छवि खराब करने का बयाता षड्यंत्र
सोशल मीडिया पर जैसे ही पत्र वायरल हुआ तो मामले ने तूल पकड़ लिया। जिसके बाद डीएम अपूर्वा दुबे की सफाई सामने आई है। डीएम ने जिले में अपने तैनाती के डेढ़ साल के कार्यकाल का जिक्र करते हुए बताया कि उन्होंने कभी सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग नहीं किया। डीएम अपूर्वा दुबे ने बताया कि शासन के मंशानुरूप लगातार ज़िले की गोशालाओं का निरीक्षण किया जा रहा है। जहां कमियां मिल रहीं हैं, वहां के जिम्मेदारों पर कार्रवाई भी की जा रही है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को नोटिस जारी किया जा चुका है। षड्यंत्र के तहत उनकी छवि को खराब करने के लिए उनके द्वारा फर्जी लेटर बनाकर वायरल कराया गया है।
मैंने नहीं पाल रखी कोई गाय: डीएम अपूर्वा दुबे
डीएम ने मामले से पल्ला झाड़ते हुए इसे छवि को खराब करने की साजिश करार देते हुए कहा कि मैंने तो कोई गाय पाली ही नहीं है। वहीं, अपर मुख्य सचिव व डायरेक्टर को खुद के खिलाफ षड्यंत्र रचने और अनुशासनहीनता करने के आरोपों सहित सीवीओ और प्रभारी सीवीओ को निलंबित करने की संस्तुति भेजी थी। जिसके बाद पशु डॉक्टरों की ड्यूटी लगाने वाले पशु चिकित्साधिकारी एसके तिवारी को शासन ने रविवार देर शाम निलंबित कर दिया है।
कौन हैं अपूर्वा दुबे
2013 बैच की आईएएस अपूर्वा दुबे का जन्म उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ था। उनके पिता डॉ. संजय दुबे है और वो प्रसार भारती नई दिल्ली में अतिरिक्त महानिदेशक थे। संजय दूबे मूल रुप से देवरिया के रहने वाले हैं। अपूर्वा दुबे की स्कूली पढ़ाई अरुणाचल प्रदेश ईटानगर के स्कूल विवेकानंद केंद्र विद्यालय से हुई है और दिल्ली यूनिवर्सिटी के वेंकटेश्वर कॉलेज से वह ग्रेजुएट हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से अपूर्वा दुबे ने एलएलबी भी किया है। अपूर्वा दुबे ने ग्रेजुएशन अंग्रेजी में की है। ग्रेजुएशन के बाद अपूर्वा दुबे ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी। अपूर्वा दुबे ने अपने सेकंड अटेम्प्ट में यूपीएससी-2012 की परीक्षा पास की थी। रिपोर्ट के मुताबिक वह 19वीं रैंक पर थी और महिलाओं में 9वीं रैक हासिल की थी। सोशल मीडिया पर अपूर्वा दुबे हमेशा अपने कामों को लेकर चर्चा में रहती हैं। वह अपने युवा दिनों से ही पुलिस सेवा विभाग में जाना चाहती थीं।
अपूर्वा दुबे के पति भी हैं IAS
अपूर्वा दुबे के पति विशाख जी अय्यर भी आईएसएस हैं। वो एक जनवरी 2022 तक कानपुर डीएम थे। विशाख जी अय्यर 2011 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वह मूल रूप से केरल के रहने वाले हैं। उन्होंने बीटेक की पढ़ाई की है। कानपुर से पहले वह हमीरपुर और चित्रकूट के जिलाअधिकारी के पद पर रह चुके हैं। अपूर्वा दुबे और विशाख जी अय्यर ने 2019 में केरल में शादी की थी।