यूपी विधानसभा चुनाव 2017: अखिलेश की रैली से दूर रहे कांग्रेसी, क्या गठबंधन के बाद भी नहीं बनी बात
सुल्तानपुर रैली में यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जहां एक ओर जीत का दावा कर रहे थे, तो दूसरी ओर इसी रैली में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी गठबंधन की पोल भी खुलती दिख रही थी।
सुल्तानपुर। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ है। दोनों ही दल मिलकर इस चुनाव में उतरे हैं। लेकिन जैसे हालात नजर आ रहे हैं उससे तो यही लगता है कि इस गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस से गठबंधन के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने चुनाव प्रचार का आगाज किया। अखिलेश यादव ने अपनी पहली चुनावी रैली सुल्तानपुर में की।
सपा-कांग्रेस के गठबंधन के बाद अखिलेश ने की पहली चुनावी रैली
इस दौरान अखिलेश यादव ने दावा किया कि समाजवादी पार्टी प्रदेश में 250 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल करेगी। हालांकि हमने कांग्रेस के साथ गठबंधन इसलिए किया है क्योंकि जिससे हमें 403 में से 300 से ज्यादा सीटें हासिल हों। यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जहां एक ओर जीत का दावा कर रहे थे, तो दूसरी ओर इसी रैली में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी गठबंधन की पोल भी खुलती दिख रही थी।
अखिलेश की सुल्तानपुर में पहली चुनावी रैली, नहीं पहुंचे कांग्रेस के स्थानीय नेता
समाजवादी पार्टी की रैली के दौरान स्थानीय कांग्रेस से जुड़ा कोई भी नेता नजर नहीं आ रहा था। जिले के सभी बड़े नेता अखिलेश यादव की रैली से दूर रहे। सुल्तानपुर में चुनाव पांचवें चरण में है। यहां से समाजवादी पार्टी ने वर्तमान विधायक अरुण वर्मा को सदर सीट से और अबरार अहमद को इसौली सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। अखिलेश यादव इन्हीं उम्मीदवारों के समर्थन में रैली के लिए पहुंचे थे, लेकिन कांग्रेस के नेताओं का रैली से गायब रहना चौंकाने वाला रहा। इस मुद्दे पर सुल्तानपुर कांग्रेस जिला समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार मिश्रा ने बताया कि हम मुख्यमंत्री के चुनावी कार्यक्रम से इसलिए दूर रहे क्योंकि हमें कांग्रेस आलाकमान की ओर से समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन की आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। हमारे पास समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर सीट-शेयरिंग की कोई जानकारी नहीं दी गई है।
सपा उम्मीदवार ने बताया कि हमने जिला कांग्रेस नेताओं को किया था आमंत्रित
कांग्रेस जिला समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार मिश्रा ने बताया कि हम सपा के कार्यक्रम में तब तक शामिल नहीं हो सकते हैं जब तक कि राज्य इकाई या फिर कांग्रेस का केंद्रीय आलाकमान हमें कोई स्पष्ट निर्देश नहीं देगा। हमें कांग्रेस-सपा गठबंधन की जानकारी मीडिया के जरिए मिली है। हमारे पास पार्टी के उच्चाधिकारियों की ओर से कोई जानकारी नहीं मिली है। दूसरी ओर से समाजवादी पार्टी के सुल्तानपुर सदर सीट से उम्मीदवार अरुण वर्मा ने बताया कि हमने कांग्रेस के जिला अध्यक्ष को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के लिए बुलाया था। हम उनसे पूछेंगे कि आखिर वो चुनावी रैली में शामिल क्यों नहीं हुए?
पहली ही रैली में नहीं पहुंच कांग्रेस पार्टी के नेता
अखिलेश यादव ने सुल्तानपुर में चुनावी अभियान का आगाज करते हुए बीजेपी के नेतृत्व वाली मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले पर निशाना साधते हुए कहा कि इससे आम जनता को बहुत परेशानी हुई। अखिलेश यादव ने अपने संबोधन में कहा कि सपा सरकार उन लोगों को 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देगी जिन्होंने नोटबंदी के दौरान बैंकों की लाइन में अपनी जान गंवा दी। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अच्छे दिन का वादा किया था लेकिन लोगों के हाथों में झाड़ू पकड़ा दी, इतना ही नहीं लोगों को योगा करने के लिए कहा।
गायत्री प्रजापति के लिए अखिलेश ने मांगे वोट
बता
दें
कि
इस
रैली
में
सपा
के
अमेठी
से
उम्मीदवार
बनाए
गए
गायत्री
प्रसाद
प्रजापति
भी
नजर
आए।
उन्हें
पहले
अखिलेश
यादव
ने
टिकट
नहीं
दिया
था
हालांकि
मुलायम
सिंह
यादव
के
हस्तक्षेप
के
बाद
उन्हें
अमेठी
से
चुनाव
मैदान
में
उतारा
गया।
यूपी
के
सीएम
अखिलेश
यादव
ने
गायत्री
प्रजापति
को
भी
जिताने
के
लिए
लोगों
से
अपील
की।
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कांग्रेस
के
समाजवादी
पार्टी
से
गठबंधन
की
ये
है
असल
वजह