नायक के अनिल कपूर की तरह इलाहाबाद में दसवीं की छात्रा बनी एक दिन की थानेदार
इलाहाबाद। आपने अनिल कपूर की फिल्म नायक तो देखी होगी। जिसमे एक टीवी रिपोर्टर एक दिन के लिये मुख्यमंत्री बनाया जाता है। जी हां ! आपने सही याद किया। वही नायक फिल्म जिसमे अमरीश पुरी साहब विलेन थे। बस कुछ इसी तरह यूपी के इलाहाबाद शहर में हुआ है। यहां एक दसवी की छात्रा को एक दिन के लिये थानेदार बना दिया गया है। वह भी किसी रूरल ऐरिया का नहीं। शहर के सबसे पॉस इलाके सिविल लाइंस का। यह छात्रा सौम्या दुबे है। जो आज बतौर थानेदार अपनी ड्यूटी निभा रही हैं। अरे आप चौंकियें नहीं, न ही कन्फ्यूज होइये, कि यह कैसे हो गया। बस इत्मिनान से हमारी पूरी खबर पढिये और जानिये एक दिन की इस थानेदार के बारे में सबकुछ।
कैसे बनी थानेदार
यूपी की इलाहाबाद पुलिस ने 5 अगस्त को शहर में इंटर स्कूल निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया था। इस प्रतियोगिता के विजेता को एक दिन का थानेदार बनने का मौका मिलता। फिर क्या था शहर के विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने इसमें बहुत उत्साह से प्रतिभाग किया। स्वतंत्रता दिवस पर प्रतियोगिता के विजेताओ की घोषणा हुई। जिसमे टैगोर पब्लिक स्कूल की छात्रा सौम्या ने पहला स्थान हासिल कर एक दिन का थानेदार बनने का गौरव हासिल किया।
कैसे एक्शन में रही थानेदार सौम्या
सौम्या सुबह इलाहाबाद पुलिस लाइंस पहुंची। फिर वह सारी प्रक्रिया शुरू हुई जैसे एक थानेदार की आमद कराई जाती है। यानी की जिस तरह से पुलिस कर्मी की तैनाती होती है। पुलिस लाइंस से सौम्या को से पुलिस जीप में बिठाकर सिविल लाइंस थाने ले जाया गया, जहां उन्होंने बाकायदा लिखा-पढ़ी के साथ अपना प्रभार लिया। स्टाफ ने बुके देकर स्वागत किया तो सलामी देकर औपचारिक स्वागत भी किया गया यहां से सौम्या का एक्शन शुरू हुआ। तत्काल मातहत पुलिस कर्मियों के साथ बैठक की और पुलिस की कार्यप्रणाली से लेकर समस्याओं पर बात की। बैठक खत्म होते ही प्रतिदिन थाने आने वाले फरियादियों की सौम्या ने शिकायत सुनी। इसके बाद थाने के बंदीगृह मालखाना से लेकर लिखा-पढ़ी करने के तौर तरीके को जाना । थाने का निरीक्षण करने के साथ रजिस्टर के पन्ने पलट सवाल भी किये।
शाम को करेंगी वाहन चेकिंग
सिविल
लाइंस
थानेदार
सौम्या
शाम
को
वाहन
चेकिंग
भी
लगायेंगी।
जिसमे
उनका
मुख्य
उद्देश्य
होगा
कि
वह
लड़कियों
को
यातायात
का
पाठ
पढ़ा
सकें।
यह
पुलिस
ठीक
उसी
तरह
होगी।
जैसा
रूटीन
चेकिंग
होती
है।
हालांकि
सौम्या
इसे
थोड़ा
और
कड़ा
कर
सकती
हैं।
यह
देखना
दिलचस्प
होगा
कि
जब
रोड
पर
सौम्या
अपनी
टीम
के
साथ
उतरेंगी
तो
किस
तरह
से
कार्रवाई
होगी
और
चालान
पर
रिएक्शन
क्या
होगा।
सौम्या क्या कह रही
सौम्या
ने
मीडिया
से
बात
करते
हुए
कहा
कि
उनका
सपना
है
कि
वह
आईपीएस
अफसर
बने।
फिलहाल
एक
दिन
का
थानेदार
बनना
मेरे
लिये
उसी
कड़ी
का
हिस्सा
है।
साथ
ही
वह
मौका
है
जिससे
मैं
पुलिस
व
पुलिसकर्मियों
को
समझ
सकूं।
सौम्या
ने
लड़कियों
को
संदेश
देते
हुये
कहा
कि
अपनी
जिम्मेदारी
समझने
पर
ही
बराबरी
का
हक
मिलेगा
।
फिर
चाहे
वह
यातायात
नियम
का
पालन
करना
हो
य
अन्य
मुद्दे।
सौम्या
ने
कहा
कि
आज
वह
वाहन
चेकिंग
में
खुद
देखेंगी
कि
कोई
लड़की
यातायात
का
नियम
न
तोड़े
और
तोड़ने
वालों
को
नियम
पालन
के
लिये
समझायेंगी।
फिलहाल
आज
पुलिसकर्मियों
की
कार्यप्रणाली
को
समझना
एक
अनोखा
अनुभव
है।
आज
मैने
छोटे
छोटे
मुद्दे
देखे।
कप्तान क्या बोले
इलाहाबाद पुलिस कप्तान आनंद कुलकर्णी ने कहा कि हम यह संदेश देना चाहते है कि पुलिस उनका ही हिस्सा है। हम उनसे अलग नहीं हैं। इस पहल से हमारा उद्देश्य है कि समाज में यह संदेश पहुंचे कि पुलिस, समाज की मित्र है और समाज भी जाने की पुलिस की कार्य प्रणाली क्या है। सौम्या के अलावा भी इस प्रतियोगिता के अन्य विजेता भी अलग अलग थानों पर पुलिस की कार्यप्रणाली देख समझ रहे हैं। इन बच्चों के अनुभव कुछ दिन बाद पुलिस के साथ साझा किए जायेंगे और जहां कमियां मिली उसे दूर किया जायेगा।