NTPC Blast के बाद अधिकारी तो हो गए सेट लेकिन रोटी के मोहताज हो गए मजदूर
रायबरेली। ऊंचाहार एनटीपीसी परियोजना की यूनिट नंबर छह में हुए हादसे को एक महीना से ज्यादा समय हो चुका है, लेकिन अभी तक उत्पादन शुरु नहीं हो पाया है। दुर्घटनाग्रस्त यूनिट पर काम करने वाले अधिकारियों को दूसरी यूनिटों पर स्थानांतरित कर दिया गया है लेकिन हादसे के बाद से ही यूनिट पर काम करने वाले लगभग 500 मजदूरों का रोजगार छिन गया है। मजदूरों को यूनिट जल्द चालू होने और दोबारा रोजगार मिलने का इंतजार है। परियोजना में हादसे को लेकर शुरु हुई जांच काम अभी थमा नहीं है। पड़ताल का सिलसिला चल रहा है। हादसे वाली यूनिट कब चालू होगी, इस बाबत कोई कुछ भी बताने को तैयार नहीं है।
1 नवंबर को हुआ था हादसा
एनटीपीसी परियोजना में 500 मेगावाट विद्युत उत्पादन वाली यूनिट नंबर छह में 1 नवंबर को बॉयलर फटने से दर्दनाक हादसा हो गया था। हादसे में 45 लोग मारे गये थे, जबकि कई दर्जन मजदूर घायल हो गए थे। हादसे के बाद यूनिट में काम करने वाले सभी मजदूरों को छुट्टी दे दी गई थी। इन सभी मजदूरों से कहा गया था कि यूनिट जल्दी चालू कराई जाएगी और उन्हें दोबारा बुला लिया जाएगा। हादसे को एक महीने से ज्यादा वक्त बीत चुका है, लेकिन यूनिट अभी तक चालू नहीं हो सकी है और न ही यूनिट के जल्दी चालू होने की संभावना नजर आ रही है। इससे आसपास के गांवों में रहने वाले मजदूरों की दो वक्त की रोटी का सहारा भी छिन गया है। परिवार के खर्चे को पूरा करने के उनके पास जीविकोपार्जन का कोई दूसरा रास्ता नहीं नजर आ रहा है। इन मजदूरों के अंदर हादसे का डर तो है लेकिन परिवार पालने के लिए यूनिट में काम करने की विवशता भी है।
डर है लेकिन कमाना भी जरूरी है
दिहाड़ी मजदूर अधिकतर यूनिट में काम करते थें। हादसे के बाद काम बंद होने से खर्च नहीं चल पा रहा है। दो वक्त की रोटी के लिये पैसे नहीं है। शिवप्रसाद, रघुनाथ ने बताया कि एनटीपीसी ही हम लोगों की रोजी रोटी का सहारा है। परियोजना में मजदूरी करके परिवार की जरुरतों को पूरा करते थे। अब बच्चों की फीस, कॉपी- किताब कहां से लाएंगे। कई मजदूरों ने हादसे के बाद से एनटीपीसी में काम करने को लेकर डर लग रहा हैं, लेकिन दूसरा कोई रास्ता भी नहीं है। मजबूरी में काम करने जाएंगे, लेकिन अभी यूनिट चलने की कोई संभावना नहीं दिख रही है। आमदनी का जरिया न होने से परिवार का खर्च चलाने में दिक्कत आ गई है।
जांच पूरी होने के बाद ही शुरू हो सकेगा काम
यूनिट नंबर छह में काम करने वाले अधिकारियों को परियोजना की अन्य यूनिटों पर स्थानांतरित कर काम पर लगा दिया गया है, लेकिन मजदूरों की रोजी रोटी की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। परियोजना के जनसंपर्क अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि अभी हादसे की जांच चल रही है। जांच का काम पूरा हो जाने के बाद यूनिट की मरम्मत का कार्य कराया जाएगा। जब यूनिट चालू होने की स्थिति में हो जाएगी तब इस यूनिट के मजदूरों को काम पर वापस बुला लिया जाएगा।
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