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सतरंगी दानों वाली मक्का पैदा कर किसान ने किया कमाल, घर की छत पर ही उगा डाली फसल

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मलप्पुरम, 14 जुलाई: कहा जाता है कि खेती-किसानी एक जुआ है और सब कुछ फसलों के दाम और बारिश पर आधारित होती है, लेकिन इन दिनों कुछ लोग उन्नत कृषि के जरिए बहुत कुछ बड़ा कर रहे हैं। आपने अक्सर सोशल मीडिया या फिर खबरों में 10 किलो की एक गोभी, 4 फीट लंबी लॉकी या फिर 2 फीट की गाजर-मूली देखी होगी, लेकिन आज आपको ऐसी मक्का (भुट्टा) दिखाने जा रहे हैं, जो बाहर से तो आमतौर पर वैसी ही मक्का होती है, जो अमूमन हमने खाई हैं, लेकिन जब उसका छिलका हटाएंगे तो एक बारगी आपको विश्वास नहीं होगा और आप उसे बनावटी समझ बैठेंगे।

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रेनबो कॉर्न में मिलते है अलग-अलग रंग के दाने

रेनबो कॉर्न में मिलते है अलग-अलग रंग के दाने

जी हां, तस्वीर देखने के बाद आपको अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ होगा। दिखने में यह सेम देसी मक्का की तरह लगता है, लेकिन अगर आप इसे छीलेंगे तो रंगों की बाछौर से आपकी आंखों की पुतली फैल जाएगी। सतरंगी मक्का के दाने आपको हैरान कर देंगे। इंद्रधनुषी की तरह रंग बिखरने वाले इस तरह के भुट्टे को रेनबो कॉर्न कहा जाता है। रेनबो कॉर्न आपको अलग-अलग रंगों के दानों के साथ मिलता है। एक ही भुट्टे में सफेद, पीला, लाल, नारंगी, गुलाबी और काला जैसे कई रंगों वाले दाने होते हैं।

छत पर हो रही रेनबो कॉर्न की खेती

छत पर हो रही रेनबो कॉर्न की खेती

भारत के लिए रेनबो कॉर्न की खेती नई बात हैं। हालांकि इसकी पैदावर सबसे पहले थाईलैंड में शुरू हुई थी, लेकिन अब इसकी खेती केरल के मलाप्पुरम में भी की जा रही है। इस अनोखा भुट्टे को कोडुर पेरिंगोट्टुपुलम में अब्दुल रशीद की छत पर उगाया जाता है। रशीद कुन्नुममल में अपने क्वार्टर बिल्डिंग की छत पर रेनबो कॉर्न की खेती कर रहे हैं। इसका स्वाद आम मकई की तरह ही होता है, लेकिन अलग-अलग के रंगों से भरे मक्का के दाने इसको देसी भुट्टे से अलग करते हैं।

एक पौधे से पैदा होती है तीन मक्का

एक पौधे से पैदा होती है तीन मक्का

रेनबो कॉर्न उगाने वाले किसान रशीद ने बताया कि उन्होंने केरल में कहीं भी इस तरह के मक्का के बारे में कभी नहीं सुना। उन्होंने चार किस्में उगाने के लिए प्रयोग किए। दो थाईलैंड से लाए गए थे और अन्य दो किस्म उनके एक किसान दोस्त ने दिए थे। रशीद ने कहा कि रेनबो कॉर्न की खेती के लिए 1500 वर्ग फीट के क्षेत्र में इसको उगाया गया था। वो स्वीट कॉर्न और ड्रैगन फ्रूट की भी यहीं खेती करते हैं। उनकी मानें तो रेनबो कॉर्न्स को सूरज की अच्छी धूप की जरूरत होती है। जो 50 दिनों के भीतर खिलने लग जाते हैं। एक पौधे से तीन मक्का पैदा होती है।

फलों के थोक व्यापारी हैं अब्दुल रशीद

फलों के थोक व्यापारी हैं अब्दुल रशीद

अब्दुल रशीद कुन्नुममल में फलों के थोक व्यापारी हैं। वो रेनबो कॉर्न की खेती को इनकम की नजर से नहीं देखते। इसके अलावा वो कहते हैं कि अगर कोई इसकी खेती में रुचि रखने वाला हैं तो वो इसके बीज भी देने को तैयार हैं। बता दें कि रशीद ने 9 साल पहले फलों का बागान शुरू किया था। वर्तमान में उनके फार्म पर 400 से अधिक फलों की किस्में पाई जाती हैं। अधिकांश फल विदेशी किस्में हैं। अकेले ड्रैगन फ्रूट की लगभग 45 किस्में हैं। उन्होंने रामबूटन और मैंगोस्टीन से शुरुआत की। आज वो अपने एक एकड़ खेत में फलों की खेती करते हैं।

13 देशों का दौरा कर चुकें रशीद

13 देशों का दौरा कर चुकें रशीद

रशीद ने फलों के बारे में जानने और बीज इकट्ठा करने के लिए कई देशों का भी दौरा किया। उन्होंने इंडोनेशिया, थाईलैंड, मलेशिया, चीन, सिंगापुर और श्रीलंका सहित 13 देशों का दौरा किया हुआ है। रशीद ने बताया कि वो उन ही फलों का चयन करते हैं, जिनकी केरल की जलवायु में उगने की संभावना होती है। साथ ही कहा कि कोरोना महामारी को खत्म के बाद कई और देश उनकी सूची में हैं, जहां का वो दौरा करना चाहते हैं।

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Photo Credit- Facebook

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English summary
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