PM मोदी गुजरात से फिर लड़ेंगे लोकसभा चुनाव? इस सुरक्षित सीट पर हो रही हैं अंदरखाने चर्चा
Gujarat News, सूरत। पिछले कुछ दिनों से सूरत सीट को लेकर भाजपा के अंदरखाने बहस चल रही हैं। तर्कसंगत चर्चा हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सूरत सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं। चर्चा के कारण तो बहुत से हैं, मगर एक हालिया वजह है उनके भाई सोमभाई मोदी का सूरत में हुआ एक सम्मेलन। जो बहुत बड़े पैमाने पर तो आयोजित नहीं हुआ, मगर फिर भी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उसमें हिस्सा लिया। इसके अलावा बीते एक साल में केंद्र और राज्य सरकार ने सूरत में हजारों-करोड़ों की बहुत सी योजनाएँ शुरू कीं। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार अपने स्टेटमेंट्स में सूरत को खास अहमियत दी। यहां तक कि लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले तक वे 5 बार सूरत आ चुके थे। सूरत गुजरात में ऐसा शहर है, जहां कई राज्यों के लोग न केवल कारोबार करते हैं, बल्कि बसे हुए भी हैं।
सूरत सीट से मोदी के चुनाव लड़ने की चर्चाएं शुरू
प्रदेश भाजपा के अंदरूनी सूत्रों ने वनइंडिया को बताया कि विभिन्न योजनाओं के जरिए सूरत पर पार्टी का फोकस रहा है। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अच्छा-खास क्रेज भी है। ऐसे में इससे संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि वे यहां से चुनाव नहीं लड़ेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने भी सूरत के लिए कई बार कहा है कि अगर मैं यहां आता हूं तो मुझे घर जैसा महसूस होता है। सूरत मेरा परिवार है। ऐसे बयान और अंदरखाने की चर्चाओं की वजह से अब यह संकेत मिल रहे हैं कि मोदी बनारस के अलावा चुनाव में सूरत से भी दावेदारी कर सकते हैं।
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भाजपा के लिए सबसे सलामत सीट रही सूरत
इस सीट पर भाजपा प्रधानमंत्री कार्ड खेल सकती है। वहीं, ये शहर कई दफा नरेंद्र मोदी के लिए भाग्यशाली भी बताया गया है। जब केशुभाई पटेल के साथ तनातनी होने के बाद नरेंद्र मोदी को गुजरात से बाहर भेज दिया गया था और वे जब गुजरात में फिर से आए तो सूरत मोढवणिक समाज ने सूरत के गांधी स्मृति भवन में उनका स्वागत किया और तब जाने-माने गुजराती लेखक चंद्रकांत बख्शी ने मोदी के प्रधानमंत्री बनने की भविष्यवाणी की थी। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सूरत से भी उम्मीदवारी कर सकते हैं, ऐसा भाजपा के सूत्र ही बता रहे हैं। भाजपा के लिए सूरत सबसे सलामत सीट रही है।
अभी तक इस सीट पर उम्मीदवार की घोषणा नहीं हुई, क्यों?
मोदी के सूरत से चुनाव लड़ने की चर्चाओं के पीछे कई और कारण भी रहे हैं, जिनमें से एक यह है कि भाजपा ने अभी तक सूरत सीट पर उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। पाटीदार समाज के महेश सवाणी के नाम की चर्चा के बाद मूल सुरतियों में गुस्सा दिखाई दे रहा है और मूल सूरती को टिकट दीए जाने की मांग की जा रही है। फिलहाल मानें तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नहीं आते हैं तो सूरत भाजपा अध्यक्ष नीतिन भजीयावाला, सूरत पश्चिम के विधायक पूर्णेश मोदी का नाम काफी चर्चा में रहा है। इन दो नाम के अलावा सूरत के पूर्व मेयर अजय चोकसी का नाम भी सोशल मीडिया पर सामने आ रहा है।
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2014 में दो सीटों पर इतने वोटों से जीते थे मोदी
2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी वडोदरा और वाराणसी दोनों सीटों पर चुनाव जीते थे। मोदी ने वडोदरा में 5,70,128 वोटों से जीत हासिल की थी। वडोदरा के अलावा उन्होंने काशी में केजरीवाल को 3 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। हालांकि, बाद में नरेंद्र मोदी को वडोदरा सीट खाली करनी पड़ी, क्योंकि नियम के मुताबिक कोई सांसद एक ही सीट पर बने रह सकता है। जिसके बाद वडोदरा के लिए उपचुनाव हुए। उपचुनाव में भी भाजपा ही जीती। भाजपा की ओर से रंजन भट्ट विजयी हुए।
यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद यहां से चुनाव लड़ते हैं, तो पाटीदार-मूल सूरती जैसे सभी विवादों के लिए ठंडा पानी डाला जा सकता है। अगर पीएम मोदी सूरत से चुनाव नहीं लड़ते हैं तो नितिन भजीयावाला और पूर्णेश मोदी का विकल्प भाजपा के पास खुला है।
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