सूरत एक और अग्निकांड की भेंट चढ़ जाता, यदि 76 साल का ये बुजुर्ग मौके पर नहीं होता, जानिए कैसे बच गए बच्चे?
सूरत। गुजरात में सूरत के तक्षशिला आर्केड अग्निकांड मामले में एक दर्जन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अभी जांच-पड़ताल चल रही है। इसी बीच शहर में एक और आग का हादसा होते-होते रह गया। यहां गोपीपूरा की रायचंद दीपचंद स्कूल में नए सत्र के पहले दिन ही आग भड़क उठी थी। मगर, इस आग के फैलने से पहले ही स्कूल के 76 वर्षीय बुजुर्ग कर्मचारी ने फायर सेफ्टी के साधनों से आग पर काबू कर लिया। घटना की खबर मिलते ही मौके पर भीड़ एकत्रित हो गई। सभी लोगों ने बुजुर्ग की बहादुरी की सराहना की।
आग बुझाने वाले श्रवणभाई से बात की गई तो उन्होंने कहा, ''अभी स्टूडेंट्स आए नहीं होने की वजह से हम लोग फ्री बैठे थे। तभी डीजिवीसीएल के मीटर में शॉर्टसर्किट से आग भड़क उठी। जिसके कारण मीटर के बॉक्स से धुआं निकलने लगा था और वायर जलने की बू आने लगी थी। तभी मैंने फायर सेफ्टी के साधन को स्टार्ट कर दिया। जिसकी वजह से कुछ ही मिनटों में आग पर काबू पा लिया गया। इस साधन का उपयोग करना मैंने कहीं देखकर सीखा था।''
मालूम हो कि तक्षशिला अग्निकांड के बाद से प्रशासन द्वारा सभी स्कूल और कॉलेजों में फायर सेफ्टी के साधन रखने का आदेश दिया गया है। ऐसे में फायर सेफ्टी के साधनों का समय पर उपयोग करने से बड़ी दुर्घटना को रोका जा सकता है, यह बात शहर की रायचंद दीपचंद स्कूल में बनी इस घटना से साबित हुई है। स्कूल की एक महिला कर्मचारी के मुताबिक, तक्षशिला आर्केड में हुए अग्निकांड के बाद हमारे स्कूल फायर सेफ्टी के साधनों से लैस किया गया। जिसका लाभ नए सत्र के पहले दिन ही मिला और बड़ी दुर्घटना टल गई।