आखिर क्यों रोहित शर्मा को नहीं बनना चाहिये टेस्ट टीम का कप्तान, पूर्व चयनकर्ता ने गिनाये कारण
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज और सीमित ओवर्स प्रारूप सीरीज के नये नियमित कप्तान रोहित शर्मा हैमस्ट्रिंग चोट से उबर चुके हैं और वेस्टइंडीज के खिलाफ 6 फरवरी से खेली जाने वाली वनडे और टी20 सीरीज में वापसी करते नजर आयेंगे। भारतीय टीम इस समय साउथ अफ्रीका के दौरे से वापस आ रही है जहां पर उसे टेस्ट सीरीज में 2-1 से हार का सामना करना पड़ा तो वहीं पर वनडे सीरीज में टेंबा बावुमा की टीम ने उसे क्लीन स्वीप कर दिया। इस दौरे पर रोहित शर्मा भी टीम के साथ जाने वाले थे, हालांकि जिस दिन खिलाड़ियों को मुंबई में क्वारंटीन होना था उस दिन अभ्यास करते हुए रोहित शर्मा अपनी हैम्सट्रिंग चोटिल कर बैठे और पूरे दौरे से बाहर हो गये।
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उल्लेखनीय है कि साउथ अफ्रीका दौरे के लिये चयनकर्ताओं ने विराट कोहली से वनडे प्रारूप की कप्तानी लेकर रोहित शर्मा को सौंपी थी लेकिन उनके चोटिल होने की वजह से केएल राहुल ने टीम का नेतृत्व किया और हार का सामना किया। वहीं वेस्टइंडीज के खिलाफ वह पूरी तरह से सीमित ओवर्स प्रारूप की कप्तानी संभालते नजर आयेंगे। इस बीच विराट कोहली ने टेस्ट प्रारूप की कप्तानी छोड़कर चयनकर्ताओं को एक नई चुनौती दे दी है, जिसके बाद से यह सवाल लगातार बना हुआ है कि अब इस प्रारूप की कप्तानी किसे देनी चाहिये।
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रोहित शर्मा को नहीं सौंपनी चाहिये टेस्ट की कमान
इस मुद्दे पर खेल जगत के विशेषज्ञों की अपनी-अपनी राय है, जहां पर कुछ लोगों का मानना है कि भारतीय टीम को स्पिलिट कैप्टेंसी के फॉर्मूले को जारी रखते हुए किसी युवा खिलाड़ी को टेस्ट टीम की कमान सौंपनी चाहिये तो वहीं पर कुछ मानते हैं कि रोहित शर्मा को तीनों प्रारूप की कप्तानी सौंप देनी चाहिये। चयनकर्ता इसको लेकर श्रीलंका के खिलाफ खेली जाने वाली घरेलू सीरीज से पहले फैसला लेंगे, लेकिन पूर्व चयनकर्ता सबा करीम का मानना है कि टीम मैनेजमेंट को ये गलती नहीं करनी चाहिये।
सबा करीम का मानना है कि अगर चयनकर्ता थोड़े समय के लिये कप्तानी की समस्या का हल ढूंढ रहे हैं तो रोहित को तीनों प्रारूप की कमान सौंपी जा सकती है, हालांकि साल 2023 भारतीय क्रिकेट के लिहाज से काफी अहम रहने वाला है, ऐसे में चयनकर्ताओं को लॉन्ग टर्म भविष्य पर सोचते हुए टेस्ट का कप्तान चुनना चाहिये।
भारतीय क्रिकेट के लिये बेहद खास रहने वाला है साल 2023
पूर्व भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज सबा करीम का मानना है कि अगर रोहित को तीनों प्रारूप में कप्तान नियुक्त किया जाता है तो वो सिर्फ कुछ समय के लिये ही होगा क्योंकि अगले 12-15 महीनों में टीम को 2 विश्वकप और एक विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप खेलना है, जिसे देखते हुए रोहित के लिये चीजें काफी मुश्किल हो जायेंगी।
उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल खेलनीति में बात करते हुए कहा,'अगर रोहित शर्मा को तीनों प्रारूप की कप्तानी सौंपी भी जाती है तो यह बेहद कम समय के लिये होगा। 2023 भारतीय क्रिकेट के लिये काफी अहम साल होने वाला है। ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्वकप के बाद आपको अपने घर पर वनडे प्रारूप का विश्वकप खेलना है और मौजूदा विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल भी 2023 में ही खेला जायेगा, ऐसे में कप्तान चुनने से पहले चयनकर्ताओं को इस पहले चरण पर ध्यान देना होगा।'
टीम मैनेजमेंट को अगला कप्तान तैयार करने पर देना होगा ध्यान
उल्लेखनीय है कि रोहित शर्मा ने कप्तानी में अपना दबदबा पहले ही साबित कर दिया है और भारत के लिये वनडे और टी20 प्रारूप में कप्तानी करते हुए कई टूर्नामेंट में जीत हासिल की है। रोहित की कप्तानी में भारत ने एशिया कप और निदाहास ट्रॉफी का खिताब भी जीता है और आईपीएल में वो मुंबई इंडियंस की टीम को 5 बार खिताब जिता चुके हैं। ऐसे में सबा करीम का मानना है कि टीम मैनेजमेंट को रोहित के अलावा दूसरा विकल्प तैयार करने पर भी विचार करना होगा।
उन्होंने कहा,'टीम मैनेजमेंट को कप्तानी में रोहित शर्मा का उत्तराधिकारी तैयार करने पर भी काम करना होगा जो कि तीनों प्रारूप में भारतीय टीम की कमान संभाल सके। फिलहाल भारत के पास रोहित के रूप में एकमात्र विकल्प है लेकिन केएल राहुल और ऋषभ पंत जैसा कोई खिलाड़ी तैयार नहीं किया जा रहा है। टीम मैनेजमेंट को उन पर काम करना होगा।'
इस वजह से रोहित शर्मा को नहीं मिलनी चाहिये टेस्ट टीम की कमान
अपने इस वीडियो में सबा करीम ने रोहित शर्मा को टेस्ट प्रारूप की कमान नहीं दिये जाने की वजह बताते हुए कहा कि 34 वर्षीय इस खिलाड़ी के लिये उसकी फिटनेस को संभाल पाना सबसे बड़ी चुनौती रहने वाली है। हालांकि मैं कभी भी उस खिलाड़ी को तीनों प्रारूप की कमान नहीं सौंपूगा जो दौरे से पहले चोटिल हो जाये।
उन्होंने कहा,'रोहित ने अपने प्रदर्शन के दम पर काफी सम्मान हासिल कर लिया है, मैदान पर उनकी मौजूदगी और काम के प्रति जिम्मेदारी काबिल ए तारीफ है। रोहित के लिये इंग्लैंड का दौरा बड़ी चुनौती था लेकिन उन्होंने उसे भी पार कर लिया। इन सब चीजों को अलग रखें तो रोहित के लिये सबसे बड़ा चैलेंज खुद को फिट रखना है। टीम की कमान संभालना ही नहीं बल्कि उनके लिये तीनों प्रारूप में खेलना काफी बड़ा काम है। वह कई बार चोटिल हो चुके हैं और हर बार उन्हें रिहैब में लौटना पड़ता है। कप्तानी पर फैसला लेने से पहले चयनकर्ताओं को उनके फिजियो, ट्रेनर और उनकी फिटनेस में शामिल सभी लोगों से बात करनी चाहिये। हम उस खिलाड़ी को कप्तान नहीं बना सकते जो टेस्ट सीरीज की शुरुआत में ही चोटिल हो जाये।'