'अगर तेंदुलकर के युग में होता ऐसा तो वो बनाते 1 लाख रन', क्रिकेट के इन नियमों पर भड़के शोएब अख्तर
नई दिल्ली। ओमान के मैदान पर रिटायर्ड खिलाड़ियों के बीच खेले जा रहे लेजेंडरी लीग क्रिकेट टी20 टूर्नामेंट में खेल से संन्यास ले चुके कई दिग्गज खिलाड़ी खेलते नजर आ रहे हैं, जिसमें केविन पीटरसन, ब्रेट ली और शोएब अख्तर जैसे लेंजेडरी प्लेयर्स भी शामिल हैं। इंडियन महाराजा, एशिया लॉयन्स और वर्ल्ड जाएंटस के बीच खेली जा रही इस त्रिकोणीय सीरीज टूर्नामेंट से भारतीय टीम बाहर हो गई है और अब फाइनल मैच वर्ल्ड जाएंटस और एशिया लॉयन्स के बीच खेला जाना है। इस सीरीज में फैन्स को काफी रोमांचक मैच देखने को मिले हैं, जिसमें टीमों की ओर से 200 से ज्यादा रनों के लक्ष्य को आसानी से चेज करते हुए भी देखा गया है।
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गुरुवार को इंडिया महाराजा की टीम ने भी 228 रनों के सबसे बड़े लक्ष्य को लगभग चेज कर लिया था लेकिन ब्रेट ली के शानदार आखिरी ओवर ने इंडिया की टीम को जीत से दूर कर दिया। एशिया लॉयन्स के लिये फाइनल की तैयारियों में जुटे शोएब अख्तर ने इस बीच मॉर्डन डे क्रिकेट के नियमों को लेकर बड़ा बयान दिया है और कहा है कि अगर यह नियम भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के समय में लागू किये गये होते तो उनके अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में एक लाख से ज्यादा रन होते।
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अगर सचिन के जमाने में यह होता तो वो बनाते 1 लाख रन
शोएब अख्तर ने अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए दावा किया है कि मौजूदा समय में क्रिकेट के नियम बल्लेबाजों के पक्ष में ज्यादा हो गये हैं, जिसकी वजह से वनडे क्रिकेट में 350 से ज्यादा रनों का चेज करना आम बात हो गयी है। अगर यही नियम सचिन तेंदुलकर के समय में लागू किये गये होते तो वो एक लाख से ज्यादा रन बनाते।
उन्होंने कहा,'मौजूदा समय में वनडे मैच की एक पारी के अंदर दो नई गेंद मिलती हैं, आपने गेंदबाजों के लिये नियम को सख्त कर दिया है। गेंद पुरानी नहीं हो पाने की वजह से बाद में मिलने वाली मदद नजर नहीं आती है और बल्लेबाजों को इन सभी का फायदा मिलता है। आपने अब 3 रिव्यू बल्लेबाज को दे दिये हैं, अगर सचिन तेंदुलकर के समय में 3 रिव्यू दिये जाते तो वो शायद एक लाख से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय रन बना चुके होते।'
सचिन ने किया सबसे मुश्किल गेंदबाजों का सामना
शोएब अख्तर ने आगे बात करते हुए कहा कि उन्हें सचिन तेंदुलकर को लेकर काफी बुरा लगता है क्योंकि उन्होंने अपने समय में दुनिया के सबसे मुश्किल गेंदबाजों के खिलाफ रन बनाये थे और तब भी उन्होंने 30 हजार के आंकड़े को पार कर लिया था। ऐसे में जब अब न तो गेंदबाजी में वो धार बची है और न ही नियम उतने सख्त हैं बल्लेबाज फिर भी उनके रिकॉर्ड से कोसों दूर नजर आते हैं।
उन्होंने कहा,'मुझे सच में सचिन को लेकर काफी बुरा लगता है, इसके पीछे का कारण है कि उन्होंने अपने करियर में वसीम अकरम और वकार यूनिस जैसे गेंदबाजों के खिलाफ खेलना शुरू किया और फिर शेन वॉर्न, ब्रेट ली और शोएब अख्तर के साथ खेले। इसके बाद उन्होंने अगली पीढ़ी के दिग्गज बॉलर्स का भी सामना किया, यही वजह है कि मैं उन्हें सबसे बेहतरीन बल्लेबाज मानता हूं। आज के समय में क्रिकेट काफी बल्लेबाजी के अनुरूप हो गया है और एक बल्लेबाज के रूप में आप तेज गेंदबाजों को खेलना ज्यादा पसंद करते हैं, अगर यह नियम उनके समय में होते तो हमें रनों का अंबार देखने को मिलता।'
क्रिकेट के इस नियम में बदलाव चाहते हैं रवि शास्त्री
वहीं शोएब अख्तर के साथ मॉर्डन डे क्रिकेट पर चर्चा करते हुए रवि शास्त्री ने क्रिकेट के नियमों में थोड़ा बदलाव करने की बात कही और कहा कि उनके जमाने में जितने मैच खेले जाते थे उसके मुकाबले आज के समय में मैचों की संख्या बढ़ गई है।
उन्होंने कहा,'अगर आपको मौजूदा समय में बल्लेबाजों और गेंदबाजों के बीच संतुलन बनाना है तो एक ओवर में दो बाउंसर के नियम को बदलना होगा। आपको इसे बढ़ाना होगा क्योंकि यह गेम को और भी ज्यादा मजेदार बना देगा। आज के समय में जो क्रिकेट खेला जा रहा है उसके पीछे मैचों की संख्या बहुत बड़ा कारण है। हमारे समय में कोई टी20 क्रिकेट नहीं खेला जाता था, उस वक्त साल भर में 12,13 या फिर 14 टेस्ट मैच खेले जाते थे जिसमें गेंदबाज ज्यादा फिट होते थे, अगर एक ही गेंदबाज को तीनों फॉर्मेट खेलने हों तो आप उनसे उम्मीद नहीं कर सकते टेस्ट क्रिकेट में वो वैसा ही प्रदर्शन कर सकेंं। वह एक या दो साल तक अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन फिर उनकी वो एनर्जी खत्म हो जायेगी।'