'उसके सेलेक्शन में मेरा कोई हाथ नहीं है', उमरान मलिक के चयन पर पिता ने दिया बड़ा बयान
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने रविवार (22 मई) को साउथ अफ्रीका के खिलाफ अगले महीने (9 जून) से होने वाली टी20 सीरीज के लिये टीम का ऐलान कर दिया है, जिसके साथ ही जम्मू-कश्मीर के युवा तेज गेंदबाज उमरान मलिक का सपना सच हो गया है। आईपीएल 2022 में सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेलते हुए इस गेंदबाज ने 14 मैचों में 22 विकेट हासिल किये तो वहीं पर लगातार 150 से ज्यादा की स्पीड से गेंद फेंकने की अपनी काबिलियत से दुनिया भर के पूर्व क्रिकेटर्स को अपना मुरीद कर लिया। उनके शानदार प्रदर्शन का फल भारतीय टीम में उनके चयन के साथ मिल गया।

उमरान मलिक के चयन की खबर सुनकर उनके घरेलू राज्य जम्मू-कश्मीर में लोग जश्न मना रहे हैं तो वहीं पर उनके पिता अब्दुल राशिद ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। अब्दुल राशिद ने बेटे की सफलता पर अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि मैं अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकूं इसके लिये शब्द नहीं मिल पा रहे हैं।
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पूरे देश ने उमरान पर बरसाया है प्यार
उमरान मलिक के पिता के लिये यह काफी अलग रविवार रहा, जहां पर वो अपनी फलों की दुकान पर दुकानदारी कर रहे थे कि तभी एक न्यूज एलर्ट आया जिसमें बेटे के भारतीय टीम में सेलेक्शन की खबर थी।
उन्होंने कहा,'मेरे पास अचानक से ही लोगों की भीड़ इकट्ठा होने लगी और बधाइयां देने लगी। मैं अब घर जा रहा हूं और परिवार के साथ जश्न मनाउंगा। मैंने इंटरनेट पर न्यूज देखी। किसी भी खिलाड़ी के लिये अपने देश के रंगों में खेलने से बड़ी सफलता क्या हो सकती है। उसने आईपीएल में अपने प्रदर्शन से हम सभी का सीना चौड़ा किया है और जिस तरह से पूरे देश ने उस पर प्यार बरसाया है मेरा पूरा परिवार उसका शुक्रगुजार है। मेरे उमरान को पूरे देश से समर्थन मिला है।'

उसकी सफलता में मेरा कोई हाथ नहीं
उल्लेखनीय है कि उमरान मलिक के इस स्तर पर पहुंचने में उनके पिता अब्दुल राशिद और उनकी पत्नी ने काफी बलिदान किया है ताकि वो मुश्किलों को पार कर अपने सपने को साकार कर सके लेकिन इसके बावजूद वो उसकी सफलता में कोई श्रेय नहीं लेना चाहते हैं।
उन्होंने कहा,'उमरान को खुद पर विश्वास था कि एक दिन वो सफलता के मुकाम पर जरूर पहुंचेगा। उसके विश्वास और प्रतिभा के साथ उसकी कड़ी मेहनत ने आज उसे यहां पर पहुंचाया है। यह पूरी तरह से उसकी सफलता है और भगवान का आशीर्वाद है। उसने इसके लिये कड़ी मेहनत की और भगवान ने उसका साथ दिया, मैं उसकी कड़ी मेहनत के लिये कोई श्रेय नहीं ले सकता।'

जम्मू-कश्मीर से खेलने वाले दूसरे खिलाड़ी बनेंगे उमरान
गौरतलब है कि परवेज रसूल के बाद उमरान मलिक जम्मू-कश्मीर से आकर भारत के लिये खेलने वाले दूसरे गेंदबाज बने हैं। जहां रसूल घाटी से आते हैं तो वहीं पर उमरान मलिक जम्मू के रहने वाले हैं और कोच रणधीर सिंह मनहस और पूर्व फर्स्ट क्लास पेसर राम दयाल की देख रेख में गेंदबजी के गुण सीखे हैं। मनहस ने उमरान के सेलेक्शन पर बात करते हुए याद किया कि कैसे 17 साल की उम्र में उसने मुझसे सिर्फ नेटस पर गेंदबाजी करने की अर्जी लगाई थी और उसके बाद जो हुआ वो सब इतिहास है।

उसके जैसा स्टैमिना नहीं है
उमरान के पिता ने अपने बेटे के स्टैमिना पर भी बात करते हुए कहा,'महज 17 साल की उम्र में आपको उसकी डील-डौल वाला खिलाड़ी बिना जिम ट्रेनिंग के मुश्किल ही मिलेगा। हमें अपनी जुबान से नहीं बोलना चाहिये लेकिन इसका स्टैमिना देखने लायक है, बचपन से पूरा दिन सुबह से शाम तक खेलता रहता था। अब मैं चाहता हूं कि वो और भी ज्यादा कड़ी मेहनत करे और देश के लिये खेलते हुए शानदार प्रदर्शन करे। उसे भारत के लिये लंबे समय तक खेलने पर ध्यान देना चाहिये। हम बस चाहते हैं कि वो अपने प्रदर्शन से देश का मान बढ़ाये और बाकी कुछ मायने नहीं रखता है। जिस दिन वो डेब्यू करेगा तो मैं मेरे पूरे परिवार के साथ उसे चीयर करूंगा।'