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T20 World Cup : होशियार ! अब भारत की पलटन में हैं डेथ ओवरों के BOSS

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स्पोर्ट्स डेस्क, 13 सितंबर: टी20 विश्वकप के लिए भारत ने अपनी गेंदबाजी आक्रमण को मजबूत कर लिया है। टीम इंडिया एशिया कप के खिताबी मुकाबले से इसलिए बाहर हो गयी थी क्योंकि उसकी बॉलिंग कमजोर थी। पाकिस्तान के खिलाफ 181 और श्रीलंका के खिलाफ 173 के स्कोर की वह रक्षा नहीं कर पायी थी। पाकिस्तान के खिलाफ अंतिम दो ओवरों में 26 रन की रक्षा करनी थी। ये टारगेट आसान नहीं था। फिर भी भारतीय बॉलर इसका बचाव नहीं कर पाये। इसी तरह श्रीलंका के खिलाफ भी भारत अंतिम दो ओवरों में 21 रनों का बचाव नहीं सका था।

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डेथ बॉलिंग हुई मजबूत

डेथ बॉलिंग हुई मजबूत

अगर भारत डेथ ओवरों में अच्छी गेंदबाजी करता तो ये दोनों मैच जीत सकता था। बहरहाल ये बात पुरानी हो गयी। अब 'मिशन ऑस्ट्रेलिया' सामने है। इस प्रतियोगिता में भारत नये जोश के साथ मैदान में उतरेगा क्यों के डेथ ओवरों के बॉस अब पलटन में शामिल हो गये हैं। जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार, हर्षल पटेल और यजुवेन्द्र चहल की चौकड़ी अपनी बॉलिंग की धार दिखाएगी। पांचवा गेंदबाज कौन होगा यह ऑस्ट्रेलिया की पिच और परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।

डेथ ओवरों में बुमराह, हर्षल प्रभावशाली

डेथ ओवरों में बुमराह, हर्षल प्रभावशाली

पिछले साल न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर डेनियल बटोरी ने कहा था, टी-20 में डेथ ओवर्स बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इस मोड़ पर ही मैच के रूख तय होते हैं। लेकिन अंतिम ओवरों में हर कोई बेहतर गेंदबाजी नहीं कर सकता है। इसके लिए विशेष कौशल की जरूरत होती है। भारत के पास डेथ ओवरों में गेंदबाजी के लिए बुमराह और हर्षल के रूप एक खतरनाक जोड़ी मौजूद है। जब तेज गेंदबाजी की ऐस, जोड़ी मौजूद हो तो आप स्पिनरों को चेज बॉलर के रूप में कभी भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां तक कि पहले छह ओवर में भी। 2021 के आइपीएल में हर्षल ने सबसे अधिक विकेट लिये थे। फिर उन्हें भारतीय टीम में शामिल किया। अब उन्हें टी-20 का विशेषज्ञ गेंदबाज माना जाता है। सचिन तेंदुलकर की नजर में भी हर्षल डेथ ओवरों के सबसे प्रभावशाली गेंदबाजों में एक हैं।

अर्शदीप की इकोनॉमी भी अच्छी

अर्शदीप की इकोनॉमी भी अच्छी

अगर किसी वजह से हर्षल पटेल को प्लेइंग इलेवन में नहीं लिया गया तो अर्शदीप सिंह उनकी जगह ले सकते हैं। एक तो वे बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं और दूसरे अंतिम ओवरों में सटीक यॉर्कर फेंकते हैं। डेथ ओवरों में सबसे बेहतर इकोनॉमी जसप्रीत बुमराह (7.38) की है। इसके बाद अर्शदीप सिंह का नम्बर है। डेथ ओवरों में अर्शदीप की इकोनॉमी 7.58 की है। यानी बुमराह से थोड़ा ही पीछे हैं। इसी योग्यता के कारण उन्हें मोहम्मद शमी और दीपक चाहर पर वरीयता दी गयी। एशिया कप की नाकामी को भुला कर वे आगे बढ़ना चाहेंगे। ऑस्ट्रेलिया की तेज पिचों पर उन्हें अपनी क्षमता दिखाने का मौका मिलेगा।

चहल के जोड़ीदार क्या अक्षर होंगे ?

चहल के जोड़ीदार क्या अक्षर होंगे ?

स्पिनर ऑलराउंडर के रूप में रवीन्द्र जडेजा टीम का अहम हिस्सा थे। उनकी जगह अक्षर पटेल को टीम में शामिल किया गया है। ये मैच की परिस्थितियों पर निर्भर करेगा कि भारत किस बॉलिंग कम्बिनेशन के साथ खेलेगा। तीन तेज गेंदबाज और दो स्पिनर या चार फास्ट बॉलर और एक स्पिनर ? टी-20 में यजुवेन्द्र चहल की कामयाबी को देख कर कहा जा सकता है वे प्लेइंग इलेवन शामिल रहेंगे। अगर दूसरे स्पिनर को मौका देने की बात आयी तो किसे मौका मिलेगा ? अक्षर पटेल या अश्विन को ? स्पिन ऑलराउंडर के रूप में दीपक हुड्डा भी मौजूद हैं। इसलिए इस मोर्चे पर रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ को ज्यादा माथापच्ची करनी पड़ेगी। वैसे अक्षर पटेल ने खुद को मैच विजेता खिलाड़ी साबित किया है। अश्विन का चयन थोड़ा चौंकाने वाला है। रवि विश्वनोई ने एशिया कप में बहुत प्रभावित किया था। लेकिन उनकी अश्विन को मौका दिया गया है। शायद अनुभव की वजह से उन्हें वरीयता दी गयी।

बुमराह, भुवी के सबसे अधिक मेडन ओवर

बुमराह, भुवी के सबसे अधिक मेडन ओवर

ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेटर स्टीव स्मिथ ने 2017 में ही कहा था, जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार डेथ ओवरों में दुनिया के सबसे प्रभावशाली गेंदबाज हैं। दोनों अंतिम ओवरों में काफी किफायती गेंदबाजी करते हैं। टी-20 में बुमराह और भुननेश्वर की गेंदबाजी कमाल की रही है। टी-20 में मेडन ओवर फेंकना बहुत काबिलियत की बात है। इस मामले में इन दोनों का रिकॉर्ड विश्वस्तरीय है। बुमराह ने 58 टी-20 इंटरनेशनल में कुल 9 ओवर मेडन फेंके हैं। वे वर्ल्ड रैंकिंग में पहले नम्बर पर हैं। दूसरे स्थान पर गुलाम अहमदी हैं लेकिन वे ननटेस्ट प्लेइंग नेशन जर्मनी के लिए खेलते हैं। अहमदी ने 23 टी-20 मैचों में 7 वर मेडन फेंके हैं। तीसरे स्थान पर भुवनेश्वर कुमार हैं। उन्होंने 77 टी-20 इंटरनेशनल में 7 ओवर मेडन फेंके हैं।

बुमराह के आने से भुवी की ताकत बढ़ेगी

बुमराह के आने से भुवी की ताकत बढ़ेगी

एशिया कप में भुवनेश्वर को दूसरे छोर से पर्याप्त सहयोग नहीं मिल पाया था। लेकिन अब बुमराह के आने से भुवी की ताकत बढ़ जाएगी। दोनों ऑस्ट्रेलिया की तेज पिचों पर स्विंग और यॉर्कर का कमाल दिखाएंगे। अंतिम ओवरों में भुनेश्वर के पास नकल गेंद डालने की काबिलियत है। वे आखिरी समय में ग्रिप बदल कर यह धीमी गेंद फेंकते हैं जिसका बल्लेबाज अंदाजा नहीं लगा पाता है। बुमराह ने तो आज सो पांच साल पहले ही बता दिया था कि वे अंतिम ओवरों में मैच पलट सकते हैं। 2017 में भारत और इंग्लैंड के बीच नागपुर में सीरीज का दूसरा टी-20 मैच खेला गया था। इंग्लैंड को जीत के लिए अंतिम दो ओवरों में 24 रन बनाने थे। क्रीज पर जो रूट और बटलर जैसे धाकड़ बल्लेबाज मौजूद थे। 19वां ओवर आशीष नेहरा ने फेंका था जिसमें 16 रन बने थे। अब इंग्लैंड को जीत के लिए अंतिम ओवर में 8 रन चाहिए थे। बुमराह आखिरी ओवर फेंकने के लिए आये। उस समय वे बिल्कुल युवा थे लेकिन क्या खूब गेंदबाजी की थी। उन्होंने इस ओवर में रूट और बटलर का विकेट भी लिया और सिर्फ 2 रन दिये। इस करिश्माई गेंदबाजी के कारण भारत 5 रनों से यह मैच जीत गया था।

English summary
T-20 WORLD CUP : Smart! Now India's platoon is in the death overs BOSS
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