सिरसा रैली में मुख्यमंत्री हुड्डा पर फेंका जूता
हुआ यूं कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा डबवाली के खेल स्टेडियम में पुल रैली को संबोधित करते अपनी योजनाओं का बखान कर रहे थे तो भीड़ में से एकाएक व्यक्ति उठा और अपना जूता उतार कर मुख्यमंत्री के मंच की ओर फेंक दिया। यह जूता मंच से दूर रह गया तो उसने अपना दूसरा जूता भी चला दिया जो एक टेंट की पाईप से टकराकर मीडिया गैलरी में आ गिरा। एकाएक सुरक्षा में लगे जावन उस व्यक्ति की और दोड़े और उसे दबोच कर रैली स्थल से अन्यंत्र ले गए। राजाराम नें मुख्यमंत्री मुर्दाबाद के भी नारे लगाए। राजाराम को काबू कर ले गए ओढ़ा थाना के प्रभारी इंसपेक्टर राजाराम से पूछा गया तो बताया कि रैली स्थल शहर डबवाली थाना के अधीन आता है इसलिए शहर डबवाली पुलिस को सौंप दिया गया है।
डबवाली शहर थाना पुलिस फिलहाल कार्यवाही में जुटी है मगर मामला मुख्यमंत्री से जुड़ा होने के कारण कुछ बताने में अनाकानी कर रही है। राजराम द्वारा फैंका गया जूता मीडिया गैलरी के पास आ पड़ा जिसे सुरक्षा में जुटे लोग आनन-फानन में उठा ले गए मगर मीडिया ने उससे पहले उसे कैमरे में कैप्चर कर लिया।
जूता फेंकने वाले व्यक्ति की पहचान जिला के गांव नाथूसरी कलां के राजाराम पुत्र गोकल राम के तौर पर हुर्ई है। राजाराम आरटीआई एक्टिविस्ट है। राजाराम उसके गांव नाथूसरी कलं में सरंपच द्वारा करवाए जा रहे कार्यों के अलावा बने आरोही स्कूल जिसका पिछले माह मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उद्घाटन किया था के निर्माण में धांधली से आहत था। बताया गया है कि राजाराम ने निर्माण में कोताही की शासन व प्रशासन से कई बार शिकायत की मगर कोर्ई सुनवाई नहीं हुर्ई।
बता दें कि राजाराम वर्ष 1996 से 2000 तक गांव का सरपंच रहा जबकि 2000 से 2005 तक उसकी पत्नि शकुंतला देवी को गांववासियों ने उसकी ईमानदारी को भापंते हुए सरपंच जीता दिया। मौजूदा सियासी सिस्टम से खफा राजराम ने 2010 का ऐनलाबाद का विधानसभा उप-चुनाव भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़ा जिसे करीब साढे आठ सौ मत ही मिले। चौटाला शासन के चलते राजाराम ने मुख्यमंत्री व उनके पुत्र अभय चौटाला से भी कई मामलो में टक्कर ली थी परिणाम स्वरूप उसकी पत्नि शकुंतला को सरंपच पद से बर्खास्त कर दिया गया, राजाराम ने सरकार के फैसले को माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय मे चुनौती देते हुए अपनी सरंपच पत्नि को बहाल करवा लिया।
राजाराम सिरसा जिला न्यायालय में वादियों के बैठने के लिए बने स्थल पर वकीलों द्वारा कब्जा करने का मामला भी पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के समक्ष एक जनहित याचिका के तौर पर लाकर आर्डर करवा चुका है यह बात दिगर है कि स्थानीय जिला न्यायालय के अधिकारियों ने उस पर अभी तक सख्ती से अमल नहीं किया, इस मामले में राजाराम एक बार फिर हरियाणा-पंजाब उच्च न्यायालय काप दरवाजा खटखटाया हुआ है।