MP : मैं जिंदा हूं... का सबूत लेकर घूम रहे गांव वालों की दर्द भरी दास्तां, सरकारी कागजों में 9 लोग मृतक
Singrauli news: अब इसे अजब एमपी का गजब मामला कहें या फिर सरकारी सिस्टम की गड़बड़ी क्योंकि जो गांव वाले जिंदा है उन लोगों को भला क्यों और कैसे कागजों में मृत घोषित कर दिया गया। मामला सिंगरौली जिले का है जहां 9 गांव वाले जिंदा होने का सबूत लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। गांव वालों का कहना है कि सरकारी कागजों पर उन्हें मृत बताकर उनको मिलने वाली सरकारी योजनाओं का लाभ बंद कर दी गई है ऐसे में अब उन लोगों का गुजारा कैसे होगा।
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कलेक्टर से जिंदा होने का लगा रहे गुहार
कलेक्टर साहब मैं जिंदा हूं, मुझे सरकारी फाइलों के पन्नों में मृत घोषित कर दिया गया है, यह कहना है सिंगरौली जिले के ग्राम पंचायत बकहूल के गांव के विजय शाहू, राजेन्द्र शाह, बाबूलाल पनिका,सहित 9 ग्रामीणों का, पंचायत सरकार की लापरवाही की वजह से ये गांव वाले कई बार अधिकारियों और कलेक्टरेट कार्यालय तक अपनी गुहार लगा चुके है, अपने को जिंदा साबित करने के लिए दर-दर की ठोखरे खाने को मजबूर हैं।
9 गांव वाले हुए मृत
विकासखंड देवसर के बकहूल ग्राम पंचायत का है। यहां के निवासी राजेन्द्र शाह, विजय शाह, सहित कुल 9 लोग अधिकारियों के पास पहुंच गये। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत के ग्राम पंचायत सचिव ने जीवित होते हुए भी हम लोगों को परिवार रजिस्टर में मृत दर्शा कर उसके जीवन के सारे अधिकारों को समाप्त करने का षड्यंत्र रच दिया है। पीड़ित गांव वालों ने गुहार लगाते हुए कहा कि साहब मैं जिंदा हूं इसलिए मेरी समस्याओं को संज्ञान में लेकर मुझे परिवार रजिस्टर में की गई गलती को सुधार कर जीवित दर्ज करने का कष्ट करें।
ग्राम पंचायत सचिव का कारनामा
इसे अधिकारियों का लालच कहे या त्रुटि से अथवा किसी अन्य कारण से जो भी हो, किंतु गांव के सचिव ने जीवित गांव वालों के साथ सरकारी फाइलों में हेरा फेरी कर एक अजीब सा कारनामा कर दिखाया। जीवित 9 गांव वालों को मृत घोषित कर देना, गांव वालों साथ कितनी बड़ी नाइंसाफी कही जा सकती है। जो जीवित होते हुए मृत घोषित होने की वजह से अपने को जिंदा साबित करने के लिए अधिकारियों से गुहार लगाते फिर रहे हैं। इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है। ऐसा 1 जीवित व्यक्ति के साथ नही बल्कि 9 जीवित व्यक्ति सरकारी फाइलों में मृत घोषित हो गए है , जहाँ उन्हें जिंदा होने का सबूत अधिकारियों को देना पड़ रहा है।
जिला अधिकारी ने दिए जांच के आदेश
वहीं इस पूरे लापरवाही में सिंगरौली कलेक्टर राजीव रंजन मीणा ने जांच करने के आदेश दिए है । कलेक्टर ने कहा कि मामले में जांच कर आगे की उचित कार्यवाही की जायेगी ।
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