राहुल गांधी पर हिमाचल कांग्रेस में दो-फाड़, वफादारी के चक्कर में आपस में भिड़ गए नेता, देखिए
himachal pradesh news today, शिमला। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई एक बार फिर जग जाहिर हो गई है। लोकसभा चुनावों में प्रदेश की चारों सीटों से हाथ धोने के बाद से यहां पार्टी में घमासान मचा है। वहीं, राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद से संकट और गहरा गया है। क्षेत्रीय नेता राहुल के प्रति अपनी वफादारी दिखाने के चक्कर में आपस में भिड़ रहे हैं। इसी क्रम में जब राहुल गांधी को मनाने के लिए पहले प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं सहित 14 विधायकों के समर्थन वाला प्रस्ताव आलाकमान को भेजा गया तो कुछ नेताओं को अपना नाम नहीं दिखा तो वे नाराज हो गए।
हिमाचल प्रदेश में आपसी कलह में फंसी कांग्रेस
दरअसल, यह प्रस्ताव लोकसभा चुनावों से पहले हटाये गये प्रदेश अध्यक्ष सुखविन्दर सिंह सुक्खू के समर्थकों विधायकों की ओर से भेजा गया। प्रदेश विधानसभा में इस समय कांग्रेस के 21 विधायक हैं और उनमें से 14 सुक्खू के समर्थन में आ गये हैं। जिससे पार्टी की अंदरूनी लड़ाई सामने आ गई है। हालांकि, महत्वपूर्ण राजनैतिक घटनाक्रम के तहत इस प्रस्ताव के बाद आज शिमला में मौजूदा अध्यक्ष कुलदीप सिंह रठौर ने प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक बुलाई और बैठक में बाकायदा प्रस्ताव पास कर राहुल गांधी को ऐसा न करने का आग्रह किया। मजेदार बात यह रही कि इस बैठक में सुक्खू समर्थक विधायक व दूसरे नेता शामिल नहीं हुए।
नेता अपना-अपना प्रभाव दिखाने में मशगूल हो गये
प्रदेश कांग्रेस में चल रही आपसी कशमकश की वजह से चुनावों में भी पार्टी के कार्यकर्ता खुलकर संगठन का काम करने के लिये सामने नहीं आये। दरअसल,चुनाव नतीजों के बाद पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह रठौर,प्रभारी रजनी पाटिल और सह प्रभारी गुरकीरत कोटली के खिलाफ महौल तैयार हुआ है। राठौर को वीरभद्र सिंह का करीबी समझा जाता है। लेकिन संगठन पर आज भी सुक्खू का ही दबदबा है। उनकी प्रदेश में पैठ है। यही वजह है कि राठौर व सुक्खू अब अपने अपने तरीके से संगठन पर अपना प्रभाव दिखाने में मशगूल हो गये हैं।
पार्टी के प्रति लोगों में भी भारी उत्साह था, मगर..
सुक्खू की ओर से राहुल गांधी के समर्थन में भेजे गये प्रस्ताव में कहा गया है कि राहुल गांधी संकट की इस घड़ी में अपनी जिम्मेवारी से पीछे न हटें। एवं पार्टी में नई जान फूंकने के लिये नये सिरे से आगे आयें। देश को और पार्टी को राहुल गांधी के नेतृत्व की बहुत जरूरत है। वहीं, राठौर की ओर से आज पास किये गये प्रस्ताव में कहा गया है कि लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार से हमें किसी भी प्रकार से हतोत्साहित होने की जरुरत नहीं है। पार्टी के प्रति लोगों में भी भारी उत्साह था, यह समय एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने का नहीं है। हमें कांग्रेस पार्टी की मजबूती के लिए एकजुट होकर काम करना है और भाजपा के किसी भी मंसूबों को पूरा नही होने देना है।
इस बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि यह समय हमें अपने नेता को मजबूत करने का है, हमे राहुल गांधी को मजबूत करना है। देश को और पार्टी को राहुल गांधी के नेतृत्व की बहुत जरूरत है इस लिए वह इस प्रस्ताव का पुरजोर समर्थन करते हैं। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बीजेपी का यह एकमात्र प्रयास रहा है कि देश को कांग्रेस मुक्त किया जाये। इसलिए वो राहुल गांधी को अध्यक्ष पद से हटाने की रणनीति पर चल रही है पर हमें उन की इस नीति को सफल नही होने देना हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और देश के लिए राहुल गांधी का नेतृत्व बहुत ही जरूरी है इसलिए उन का इस पद से हटना किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जा सकता।