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फर्जी दस्तावेज लगाकर सेना में भर्ती हुए थे, सागर कोर्ट से चार आरोपियों को 10-10 साल की सजा

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Court Decision सागर के आर्मी सेंटर में करीब 6 साल पहले फर्जी दस्तावेज लगाकर भर्ती हुए चार लोगों को स्क्रूटनी के दौरान पकड़ा गया था। सेना ने असली दस्तावेजों से मिलान के बाद इनको कैंट पुलिस के हवाले किया था। सेना व पुलिस की पड़ताल में इनके कुछ दस्तावेज फर्जी निकले थे। लंबी सुनवाई और सभी पक्षों को सुनन के बाद सेना भर्ती में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में विभिन्न धाराओं के तहत चारों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। कोर्ट ने इनको 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साक्ष्यों के अभाव में रुपए लेकर दस्तावेज तैयार वाले एक पांचवे आरोपी को कोर्ट ने बरी कर दिया।

court decision

Sagar में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश शिव बालक साहू की कोर्ट ने सेना भर्ती में फर्जी दस्तावेज लगाकर भर्ती होने के मामले में चार आरोपियों को कठोर कारावास की सजा सुनाई है। तीन अलग-अलग धाराओं के तहत चारों आरोपियों को धारा 420 के तहत दो साल, धारा 467 के तहत 10 साल व धारा 468 के तहत 5-5 साल की सजा सुनाई है। तीनों सजाएं एक साथ चलेंगी। जिला अभियोजन के मीडिया प्रभारी सौरभ डीम्हा ने बताया कि कैंट पुलिस द्वारा कोर्ट में प्रकरण दाखिल किया गया था। जिसमें 14 जुलाई 2016 को सूबेदार कानसिंह राजपूत ने कैंट थाने में आवेदन दिया था कि मुकेश कुमार, मंदीप सिंह, अजय और लोकेश कुमार ने फर्जी दस्तावेज लगाकर सेना में नौकरी प्राप्त कर ली थी। कैंट थाना पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 एवं 120बी के तहत मामला दर्ज कर जांच में लिया था। मामले में सेना की तरफ से सूबेदार कानसिंह, साक्षी लखविंदर सिंह, राकेश मौर्य के भी बयान लिए गए थे।

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असली दस्तावेजों से मिलान किया तो फर्जी निकले इनके दस्तावेज

कोर्ट में प्रस्तुत प्रकरण के अनुसार आरोपी मुकेश कुमार, मंदीप सिंह, अजय और लोकेश कुमार ने सेना भर्ती के लिए राहदारी फॉर्म व मेडिकल सर्टिफिकेट फर्जी तरीके से तैयार कराया था। यह दस्तावेज सागर महार रेजिमेंट की सेना भर्ती में लगाए गए थे। आरोपियों ने बताया था कि उन्होंने दिल्ली स्टेशन के पास से प्राप्त किए थे। मामले में आरोपियों के रिश्तेदार गिरिराज से भी पूछताछ की गई थी। गिरिराज पर सेना भर्ती में आरोपियों से 5-5 लाख रुपए लेने के आरोप लगे थे। सेना द्वारा जारी किए गए असली राहदारी फॉर्म व प्राथमिक चिकित्सा एक्जामिनेशन फॉर्म ने आरोपियों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का मिलान किया गया तो वे फर्जी और कूट रचित पाए गए थे। कोर्ट के मीडिया प्रभारी के अनुसार आरोपी गिरीराज द्वारा भर्ती के लिए रुपयों के लेनदेन के संबंध में कोई पुख्ता सबूत या साक्ष्य न मिलने के कारण कोर्ट ने उसे बरी कर दिया गया, वहीं चारों मुख्य आरोपियों को 10-10 साल कठोर कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट में शासन की तरफ से पैरवी अपर लोक अभियोजक आशीष चतुर्वेदी ने की थी।

English summary
The court has sent four youths, who were recruited in the army by putting fake documents, to jail after a long hearing. All the four have been sentenced to 10-10 years rigorous imprisonment. Sagar Court has given this important decision.
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