सांसदों की फरियाद, 'महंगाई बढ़ गई है, हमारी भी सैलरी बढ़ाओ'
नई दिल्ली: राज्यसभा में शुक्रवार को सांसदों ने अपनी सैलरी और भत्ते बढ़ाने की मांग की। शून्यकाल में सपा सांसद राम गोपाल यादव ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि सांसदों का वेतन कैबिनेट सचिव के नए वेतन से ज्यादा होना चाहिए।
राम गोपाल यादव ने कहा कि सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद सांसदों की सैलरी और भत्ते सरकार के निजी सचिव से भी कम हो गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सैलरी दिल्ली के विधायकों से भी कम है।
'हमें भी लोगों की आवभगत करनी पड़ती है'
यादव ने कहा कि उनका वेतन महाराष्ट्र के विधायकों के नए वेतन से आधा और तेलंगाना के विधायकों का एक-तिहाई भी नहीं है। उन्होंने कहा कि महंगाई बढ़ गई है और हमें भी हमसे मिलने आने वाले लोगों की आवभगत करनी पड़ती है तो ऐसे में हमारी सैलरी क्यों नहीं बढ़ाई जाती।
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इससे पहले पिछले महीने भी समाजवादी पार्टी ने योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सांसदों के वेतन और भत्ते बढ़ाने को लेकर बनी संसदीय समिति की सिफारिशों लागू करने की मांग उठाई थी।
कैबिनेट सचिव की नई सैलरी 2.5 लाख रुपए
गौरतलब है कि सातवें वेतन आयोग कि सिफारिशें लागू होने के बाद कैबिनेट सचिव की नई सैलरी 2.5 लाख रुपए प्रति महीना हो गई है। संसदीय समिति ने सांसदों के वेतन और भत्ते दोगुने करने का सिफारिश की है।
कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि ऐसा पहली बार है जब सरकार एक संसदीय समिति की उन सिफारिशों पर खामोश है, जिन्हें चर्चा करने के बाद सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई है।
'पीएम के विदेश दौरों पर हजारों करोड़ खर्च हो रहे हैं'
आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री के विदेश दौरों पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन सांसदों की सैलरी और भत्तों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की जा रही। कई अन्य सांसदों ने भी उनकी इस मांग का समर्थन किया।
आपको बता दें कि हाल ही में लागू हुईं सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन बढ़ने से कई बदलाव हुए हैं। इन बदलावों के कारण वेतन-व्यवस्था उलझन भरी हो गई है।