3 साल की बच्ची को ले जाने लगा तेंदुआ, दादी ने पूंछ पकड़कर फेंका, बचा ली पोती
अमरेली। गुजरात में एक तेंदुआ आबाद क्षेत्र में घुस आया। तेंदुए ने खेत पर खेल रही एक तीन साल की बच्ची पर हमला कर दिया। वह उसे मुंह में दबाकर जाने लगा। मगर, तभी बच्ची की दादी को पता चल गया। दादी ने अपनी जान की परवाह किए बिना ही तेंदुए से टक्कर ली। वह जोर से चिल्लाते हुए तेंदुए की ओर लपकी और उसकी पूंछ पकड़ ली। दादी को देख तेंदुआ हड़बड़ा गया और उस बच्ची को छोड़कर जंगल की तरफ भाग गया।
3 साल की बच्ची पर तेंदुए का हमला, दादी ने बचाई उसकी जान
घटना सरसिया रेन्ज के मालसिका गांव की है। जयदीपभाई वाघेला नामक किसान अपने खेतों में काम कर रहे थे। वहीं, कुछ दूर उनकी दो बेटियां खेल रही थीं। तभी एक तेंदुआ वहां आ धमका। तेंदुए ने 3 साल की जानू की गर्दन पकड़ ली और उसे लेकर भागने लगा। तेंदुए को देख जयदीपभाई की दूसरी बेटी ने तुरंत दादी को खबर दी। दादी फौरन तेंदुए की ओर दौड़ी। उसने बच्ची को लेकर जा रहे तेंदुए की पूंछ पकड़ ली। वह जोर से चिल्लाई। तेज आवाज सुनकर तेंदुए ने जानू को छोड़ दिया और वहां से रफ्फूचक्कर हो गया।
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घायल बच्ची को हॉस्पिटल ले जाया गया
तेंदुए के हमले की सूचना मिलने पर वनविभाग की टीम और एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंचीं। एंबुलेंस से बच्ची को हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसका इलाज शुरू कर दिया गया। तेंदुए ने उसकी गर्दन पकड़ ली थी, इसलिए, उसके गले में गहरे घाव हो गए थे। डॉक्टरों ने उसके घावों पर पट्टी की और बोतलें चढ़ाई गईं। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची की हालत नाजुक है।
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चहुंओर हो रही दादी की तारीफ
वनविभाग
कर्मचारियों
ने
कहा
कि
हमलावर
तेंदुए
को
गांव
में
आने
से
रोकने
के
लिए
पिंजरा
लगवाया
गया
है।
जंगल
में
पानी
और
शिकार
की
कमी
के
चलते
तेंदुए
मानव
बस्तियों
के
निकट
आने
लगे
हैं।
उन्हें
पकड़कर
घने
जंगलों
में
छोड़ा
जाता
है।'
उधर,
पोती
को
मौत
के
मुंह
से
मुक्त
कराने
वाली
दादी
की
गांव
में
तारीफ
होने
लगी।
लोगों
ने
दादी
के
साहस
की
प्रशंसा
की।
जिस
तरह
से
वह
वृद्धा
एक
मासूम
के
लिए
तेंदुए
से
भिड़
गई,
उसकी
सौराष्ट्रभर
में
चर्चा
होने
लगी।