उत्तराखंड त्रासदी : राजस्थान के वो 12 लोग जो केदारनाथ की यात्रा से कभी लौटकर घर नहीं आए
जयपुर। उत्तराखंड त्रासदी को आज सात साल हो गए। उत्तराखंड की वादियों में 16 जून 2013 को आई आपदा ने देशभर के कई परिवारों को ऐसे जख्म दिए जो ताउम्र नहीं भर पाएंगे। राजस्थान के शेखावाटी अंचल के सीकर, चूरू और झुंझुनूं के भी 12 तीर्थयात्री चार धाम पर गए थे, मगर इनसे कोई वापस नहीं लौटा। ये सभी वादियों में गुम हो गए थे। कोई पानी में बह गया तो कोई धर्मशालाओं और होटलों के मलबे में दफन हो गया था। बता दें कि उत्तराखंड त्रासदी में सीकर-चूरू जिले के दो-दो और झुंझुनूं जिले के आठ लोग लापता हुए थे।
पचलंगी का शर्मा परिवार
झुंझुनूं जिले में सीकर सीमा पर बसे गांव पचलंगी के मातादीन व उनकी पत्नी संतरा देवी 16 जून की सुबह नौ बजे अपने दल के साथ केदारनाथ के दर्शन करके लौट रहे थे। तब बारिश व बाढ़ आने से दल के यात्री अलग-अलग हो गए। उसके बाद से दोनों का अपने घर पर परिजनों से आज तक सम्पर्क नहीं हो पाया।
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सिंघाना का चौधरी परिवार
झुंझुूनूं जिले के सिंघाना के व्यवसायी सतीश चौधरी व उनकी पत्नी ऊषा 11 जून को केदारनाथ के दर्शन के लिए गए थे। केदारनाथ के निचले हिस्से में स्थित गोरीकुण्ड के अग्रवाल गेस्ट हाउस के चार कमरों में अन्य 27 तीर्थयात्रियों के साथ ठहरे हुए थे। अचानक पहाड़ी की तरफ से बाढ़ आई और गेस्ट हाउस के दो कमरों को बहा ले गई। उन कमरों में सतीश व ऊषा भी ठहरे हुए थे। शेष यात्री लौट आए, मगर ये दोनों आज तक नहीं लौटे।
नवलगढ़ का बलौदा परिवार
झुंझुनूं जिले की नवलगढ़ पंचायत समिति के गांव डाबड़ी बलौदा के ओमप्रकाश व उनकी पत्नी भगवानी देवी ने केदारनाथ के दर्शन करने के बाद 14 जून को परिजनों से मोबाइल पर बात की थी। बैंककर्मी ओमप्रकाश के परिजन उनकी वापसी के लिए उत्तराखण्ड भी जाकर आ गए, लेकिन वे नहीं मिले।
हरिपुरा का गजानंद लापता
उत्तराखंड त्रासदी में झुंझुनूं जिले के गांव हरिपुरा के गजानंद भी गुम हो गया। वह किराए की गाड़ी चलाता था। बगड़ के तीर्थयात्रियों को लेकर उत्तराखण्ड गया था। त्रासदी के बाद ना उसकी गाड़ी मिली और ना ही वह लौटा।
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बगड़ की गिन्नी देवी
झुंझुनूं जिला मुख्यालय से करीब दस किलोमीटर दूर बगड़ के वार्ड 15 निवासी की गिन्नी देवी 10 जून को चार धाम की यात्रा के लिए रवाना हुई थीं। 15 जून के बाद से फोन पर उससे फिर सम्पर्क नहीं हो पाया।
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चूरू का चारण परिवार
चूरू निवासी सुमेरदान चारण, इनकी पत्नी चन्द्रकंवर, नागौर जिले के बाजोली गांव निवासी सुमेरदान की बहन उच्छव कंवर और शिवदान चारण आठ जून को चूरू से चार धाम की यात्रा के लिए रवाना हुए थे। 16 जून के बाद इनसे कभी सम्पर्क नहीं हो पाया।
गांव सिरोही का राजू व राजेश
सीकर जिले के गांव सिरोही निवासी 25 वर्षीय राजेश सैन उर्फ लाला नौ जून को विराट नगर से तीर्थयात्रियों के एक दल को लेकर उत्तराखंड गया था। पेशे से ड्राइवर राजेश की परिजनों से आखिरी बार 16 जून को बातचीत हुई थी। इसी गांव का राजू भी जयपुर के एक दल को केदारनाथ दर्शनों के लिए लेकर गया था। उसके बाद सिर्फ एक बार ही फोन पर बात हुई उसके बाद उसका कोई सुराग नहीं लगा।